अडानी एयरपोर्ट्स ने कई बड़े बैंकों से जुटाए 750 मिलियन डॉलर, सेलेबी के 'आउट' होने के बाद अब यह है कंपनी का प्लान

Adani Airports Holdings Limited: अडानी एयरपोर्ट की सब्सिडियरी कंपनी और भारत में सबसे बड़ी निजी एयरपोर्ट ऑपरेटर अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) ने 3 जून 2025 को फर्स्ट अबू धाबी बैंक, बार्कलेज और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक 750 मिलियन डॉलर की रकम जुटाने की बात कही है.  इस काम में होगा पैसों का इस्तेमाल इस फंड का इस्तेमाल पहले लिए गए 400 मिलियन डॉलर के लोन के भुगतान में किया जाएगा. बाकी बची रकम से अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट्स के इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने और रिटेल व फूड आउटलेट्स जैसी सर्विसेज का दायरा बढ़ाने के लिए किया जाएगा. कंपनी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में फंड जुटाने के इस प्रयास का खुलासा किया. कंपनी ने कहा कि इस पैसे से कंपनी की न केवल फाइनेंशियल कैपेसिटी बढ़ेगी, बल्कि इससे यात्रियों के अनुभव को भी बेहतर बनाया जाएगा.  AAHL के सीईओ अरुण बंसल ने कहा, ''वैश्विक स्तर पर कई बड़े बैंकों का हम पर जताया गया भरोसा भारत के एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर की क्षमता और लॉन्ग टर्म वैल्यू को रेखांकित करता है. AAHL अपने एयरपोर्ट नेटवर्क में ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव दिलाने, निर्बाध परिचालन के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और स्थिरता और सामुदायिक सहभागिता को प्राथमिकता देने के अपने मार्ग पर अग्रसर है.'' सेलेबी के ऊपर थी इन एयरपोर्ट्स की जिम्मेदारी तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज के भारत से जाने के बाद AAHL एयरपोर्ट ग्राउंड हैंडलिंग बिजनेस का अपना दायरा बढ़ाने की कोशिश में है और कंपनी की तरफ से फंड जुटाने की यह घोषणा उनकी स्ट्रैटेजी के अनुरूप है. सेलेबी एविएशन पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोचीन, हैदराबाद और गोवा सहित भारत के नौ हवाईअड्डों में ग्राउंड सर्विसेज को मैनेज करती थी. हालांकि, 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान तुर्की के द्वारा पाकिस्तान का बढ़-चढ़कर समर्थन करने के बाद भारत सरकार ने कंपनी की सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दी.  AAHL के सामने कई नए मौके इधर, एविएशन पॉलिसी के मुताबिक, देश के जिन हवाईअड्डों पर सालाना आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या दस लाख से ज्यादा है वहां कम से कम तीन ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस प्रोवाइडर्स की जरूरत पड़ती है. जबकि छोटे हवाई अड्डों पर दो की जरूरत होती है. इसी क्रम में अब AAHL भारत के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए बोली लगाना चाहती है और इस सिलसिले में एक नई कंपनी बनाने की तैयारी में भी है ताकि एविएशन सेक्टर में अपनी ज्यादा से ज्यादा पहुंच बढ़ाई जा सके.   ये भी पढ़ें: 18 साल बाद चैंपियन बनने का RCB का सपना हुआ पूरा, जानें कितना है टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का नेटवर्थ

Jun 4, 2025 - 19:30
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अडानी एयरपोर्ट्स ने कई बड़े बैंकों से जुटाए 750 मिलियन डॉलर, सेलेबी के 'आउट' होने के बाद अब यह है कंपनी का प्लान

Adani Airports Holdings Limited: अडानी एयरपोर्ट की सब्सिडियरी कंपनी और भारत में सबसे बड़ी निजी एयरपोर्ट ऑपरेटर अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) ने 3 जून 2025 को फर्स्ट अबू धाबी बैंक, बार्कलेज और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक 750 मिलियन डॉलर की रकम जुटाने की बात कही है. 

इस काम में होगा पैसों का इस्तेमाल

इस फंड का इस्तेमाल पहले लिए गए 400 मिलियन डॉलर के लोन के भुगतान में किया जाएगा. बाकी बची रकम से अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट्स के इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने और रिटेल व फूड आउटलेट्स जैसी सर्विसेज का दायरा बढ़ाने के लिए किया जाएगा. कंपनी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में फंड जुटाने के इस प्रयास का खुलासा किया. कंपनी ने कहा कि इस पैसे से कंपनी की न केवल फाइनेंशियल कैपेसिटी बढ़ेगी, बल्कि इससे यात्रियों के अनुभव को भी बेहतर बनाया जाएगा. 

AAHL के सीईओ अरुण बंसल ने कहा, ''वैश्विक स्तर पर कई बड़े बैंकों का हम पर जताया गया भरोसा भारत के एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर की क्षमता और लॉन्ग टर्म वैल्यू को रेखांकित करता है. AAHL अपने एयरपोर्ट नेटवर्क में ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव दिलाने, निर्बाध परिचालन के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और स्थिरता और सामुदायिक सहभागिता को प्राथमिकता देने के अपने मार्ग पर अग्रसर है.''

सेलेबी के ऊपर थी इन एयरपोर्ट्स की जिम्मेदारी

तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज के भारत से जाने के बाद AAHL एयरपोर्ट ग्राउंड हैंडलिंग बिजनेस का अपना दायरा बढ़ाने की कोशिश में है और कंपनी की तरफ से फंड जुटाने की यह घोषणा उनकी स्ट्रैटेजी के अनुरूप है. सेलेबी एविएशन पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोचीन, हैदराबाद और गोवा सहित भारत के नौ हवाईअड्डों में ग्राउंड सर्विसेज को मैनेज करती थी. हालांकि, 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान तुर्की के द्वारा पाकिस्तान का बढ़-चढ़कर समर्थन करने के बाद भारत सरकार ने कंपनी की सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दी. 

AAHL के सामने कई नए मौके

इधर, एविएशन पॉलिसी के मुताबिक, देश के जिन हवाईअड्डों पर सालाना आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या दस लाख से ज्यादा है वहां कम से कम तीन ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस प्रोवाइडर्स की जरूरत पड़ती है. जबकि छोटे हवाई अड्डों पर दो की जरूरत होती है. इसी क्रम में अब AAHL भारत के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए बोली लगाना चाहती है और इस सिलसिले में एक नई कंपनी बनाने की तैयारी में भी है ताकि एविएशन सेक्टर में अपनी ज्यादा से ज्यादा पहुंच बढ़ाई जा सके.  

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18 साल बाद चैंपियन बनने का RCB का सपना हुआ पूरा, जानें कितना है टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का नेटवर्थ

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