अगस्त में ग्रहों का महा परिवर्तन! 2 राजयोग, बड़ी हलचल और आपके जीवन पर भी प्रभाव! जानिए इसके बारे में

Planetary zodiac change in August Month: ज्योतिष की दृष्टि से वर्ष 2025 काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है. अब अगस्त का महीना ज्योतिष और ग्रहों की दृष्टि से बहुत ही खास रहने वाला है इस महीने में सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह अपनी राशि परिवर्तन करेंगे. वैदिक ज्योति शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित अंतराल पर अपनी राशि बदलते हैं जिसके कारण हर एक माह में कोई न कोई ग्रह अपना राशि परिवर्तन करते हैं जिसे ज्योतिष में ग्रहों का गोचर कहते हैं. ज्योतिषाचार्य से जानें राजयोग के बारे में पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि अगस्त के महीने में ग्रहों का बड़ा बदलाव होने जा रहा है. जिससे इस महीने एक नहीं बल्कि दो राजयोग प्रभाव में आएंगे. अगस्त के महीने की शुरुआत गजलक्ष्मी राजयोग के साथ होगा. दरअसल, महीने के आरंभ में ही गुरु और शुक्र की युति मिथुन राशि में होने से गजलक्ष्मी राजयोग बनेगा. वहीं 11 अगस्त को बुध कर्क राशि में मार्गी होंगे. जबकि 16 अगस्त को सूर्य सिंह राशि में गोचर करेंगे. वहीं 21 अगस्त को शुक्र का गोचर कर्क राशि में होगा जिससे लक्ष्मी नारायण राजयोग बनेगा. लेकिन, मिथुन राशि में शुक्र और गुरु की युति महीने के आरंभ से रहेगी और 20 अगस्त तक इस युति से गजलक्ष्मी राजयोग बनेगा.  अगस्त महीने में ग्रह बदलेंगे अपनी राशिज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की विशेष भूमिका होती है. सभी ग्रह एक नियमित अंतराल पर अपनी राशि परिवर्तन करते हैं. ग्रहों के राशि परिवर्तन के अलावा सभी ग्रह की समय-समय पर चाल बदलती रहती है, जिसका भी प्रभाव जातकों के जीवन पर पड़ता है. ऐसे में आने वाला अगस्त का महीना काफी महत्वपूर्ण रहने वाला होगा. अगस्त में कई ग्रह अपनी राशि तो बदलेंगे ही साथ ही कुछ ग्रह की चाल में बदलाव भी देखने को मिलेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह के परिवर्तन से जातकों के जीवन के साथ देश-दुनिया में भी काफी हलचल देखने को मिल सकती है.  अगस्त में ग्रह गोचरवैदिक ज्योतिष के अनुसार, अगस्त माह में ग्रह बुध की चाल महत्वपूर्ण रहेगी. महीने की शुरुआत में बुध कर्क राशि में वक्री अवस्था में रहेंगे, लेकिन 11 अगस्त से वे मार्गी होकर कर्क राशि में उदित होंगे. अंत में 30 अगस्त को बुध सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. इस दौरान बुध पुष्य, अश्लेषा और मघा नक्षत्रों में रहेंगे, जो उनके प्रभाव को और भी प्रभावशाली बनाएंगे. दूसरी ओर, दैत्यों के गुरु शुक्र अगस्त की शुरुआत में मिथुन राशि में रहेंगे और यहाँ गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण करेंगे. शनि मीन राशि में वक्री होंगे21 अगस्त को वे कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और बुध के साथ युति कर लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण करेंगे. शुक्र आर्द्रा, पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्रों में विराजमान रहेंगे. सूर्य भी माह के आरंभ में कर्क राशि में रहेंगे, जबकि 17 अगस्त को अपनी स्वराशि सिंह में प्रवेश कर केतु के साथ युति कर ग्रहण योग बनाएंगे. शनि मीन राशि में वक्री रहेंगे, और राहु-केतु क्रमशः कुंभ और सिंह राशि में विराजमान रहेंगे, जो इस माह के ज्योतिषीय परिवर्तनों को और भी खास बनाएंगे. बुध का सिंह राशि में गोचरज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार कहा गया है. यह सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं. महीने की शुरुआत में बुध कर्क राशि में वक्री अवस्था में रहेंगे, लेकिन 11 अगस्त से वे मार्गी होकर कर्क राशि में उदित होंगे. अंत में, 30 अगस्त को बुध सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. इस दौरान बुध पुष्य, अश्लेषा और मघा नक्षत्रों में रहेंगे, जो उनके प्रभाव को और भी प्रभावशाली बनाएंगे. शुभ - वृष, सिंह, कन्या, वृश्चिक और मकर अशुभ - मेष, मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुंभ और मीन सूर्य का सिंह राशि में गोचरभविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य हर माह अपनी राशि बदलते हैं, जिसको सूर्य संक्रांति के नाम से जाना जाता है. सूर्य भी माह के आरंभ में कर्क राशि में रहेंगे, जबकि 17 अगस्त को अपनी स्वराशि सिंह में प्रवेश कर केतु के साथ युति कर ग्रहण योग बनाएंगे.  शुभ - वृष, सिंह, कन्या, तुला और कुंभ अशुभ - मेष, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन शुक्र का कर्क राशि में गोचर भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि सुख, भोग-विलास के कारक ग्रह शुक्र अगस्त की शुरुआत में मिथुन राशि में रहेंगे और यहाँ गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण करेंगे. 21 अगस्त को वे कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और बुध के साथ युति कर लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण करेंगे. शुक्र आर्द्रा, पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्रों में विराजमान रहेंगे.  शुभ - मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, धनु और मकर अशुभ - वृश्चिक, कुंभ और मीन ग्रहों के गोचर का प्रभावभविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि व्यापार में तेजी आएगी. देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी. प्राकृतिक घटनाएं होगी. भूकंप आने की संभावना है. तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं. बस और रेलवे यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है. बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है. शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे. सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं. खदानों में दुर्घटना और भूकंपन से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में इजाफा होगा. राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा.  क्या करें उपायभविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें. प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं. लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं. हनुमान जी को पा

Aug 2, 2025 - 16:30
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अगस्त में ग्रहों का महा परिवर्तन! 2 राजयोग, बड़ी हलचल और आपके जीवन पर भी प्रभाव! जानिए इसके बारे में

Planetary zodiac change in August Month: ज्योतिष की दृष्टि से वर्ष 2025 काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है. अब अगस्त का महीना ज्योतिष और ग्रहों की दृष्टि से बहुत ही खास रहने वाला है इस महीने में सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह अपनी राशि परिवर्तन करेंगे.

वैदिक ज्योति शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित अंतराल पर अपनी राशि बदलते हैं जिसके कारण हर एक माह में कोई न कोई ग्रह अपना राशि परिवर्तन करते हैं जिसे ज्योतिष में ग्रहों का गोचर कहते हैं.

ज्योतिषाचार्य से जानें राजयोग के बारे में 
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि अगस्त के महीने में ग्रहों का बड़ा बदलाव होने जा रहा है. जिससे इस महीने एक नहीं बल्कि दो राजयोग प्रभाव में आएंगे.

अगस्त के महीने की शुरुआत गजलक्ष्मी राजयोग के साथ होगा. दरअसल, महीने के आरंभ में ही गुरु और शुक्र की युति मिथुन राशि में होने से गजलक्ष्मी राजयोग बनेगा. वहीं 11 अगस्त को बुध कर्क राशि में मार्गी होंगे. जबकि 16 अगस्त को सूर्य सिंह राशि में गोचर करेंगे.

वहीं 21 अगस्त को शुक्र का गोचर कर्क राशि में होगा जिससे लक्ष्मी नारायण राजयोग बनेगा. लेकिन, मिथुन राशि में शुक्र और गुरु की युति महीने के आरंभ से रहेगी और 20 अगस्त तक इस युति से गजलक्ष्मी राजयोग बनेगा. 

अगस्त महीने में ग्रह बदलेंगे अपनी राशि
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की विशेष भूमिका होती है. सभी ग्रह एक नियमित अंतराल पर अपनी राशि परिवर्तन करते हैं. ग्रहों के राशि परिवर्तन के अलावा सभी ग्रह की समय-समय पर चाल बदलती रहती है, जिसका भी प्रभाव जातकों के जीवन पर पड़ता है.

ऐसे में आने वाला अगस्त का महीना काफी महत्वपूर्ण रहने वाला होगा. अगस्त में कई ग्रह अपनी राशि तो बदलेंगे ही साथ ही कुछ ग्रह की चाल में बदलाव भी देखने को मिलेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह के परिवर्तन से जातकों के जीवन के साथ देश-दुनिया में भी काफी हलचल देखने को मिल सकती है. 

अगस्त में ग्रह गोचर
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, अगस्त माह में ग्रह बुध की चाल महत्वपूर्ण रहेगी. महीने की शुरुआत में बुध कर्क राशि में वक्री अवस्था में रहेंगे, लेकिन 11 अगस्त से वे मार्गी होकर कर्क राशि में उदित होंगे. अंत में 30 अगस्त को बुध सिंह राशि में प्रवेश करेंगे.

इस दौरान बुध पुष्य, अश्लेषा और मघा नक्षत्रों में रहेंगे, जो उनके प्रभाव को और भी प्रभावशाली बनाएंगे. दूसरी ओर, दैत्यों के गुरु शुक्र अगस्त की शुरुआत में मिथुन राशि में रहेंगे और यहाँ गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण करेंगे.

शनि मीन राशि में वक्री होंगे
21 अगस्त को वे कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और बुध के साथ युति कर लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण करेंगे. शुक्र आर्द्रा, पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्रों में विराजमान रहेंगे. सूर्य भी माह के आरंभ में कर्क राशि में रहेंगे, जबकि 17 अगस्त को अपनी स्वराशि सिंह में प्रवेश कर केतु के साथ युति कर ग्रहण योग बनाएंगे.

शनि मीन राशि में वक्री रहेंगे, और राहु-केतु क्रमशः कुंभ और सिंह राशि में विराजमान रहेंगे, जो इस माह के ज्योतिषीय परिवर्तनों को और भी खास बनाएंगे.

बुध का सिंह राशि में गोचर
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार कहा गया है. यह सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं. महीने की शुरुआत में बुध कर्क राशि में वक्री अवस्था में रहेंगे, लेकिन 11 अगस्त से वे मार्गी होकर कर्क राशि में उदित होंगे.

अंत में, 30 अगस्त को बुध सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. इस दौरान बुध पुष्य, अश्लेषा और मघा नक्षत्रों में रहेंगे, जो उनके प्रभाव को और भी प्रभावशाली बनाएंगे.

  • शुभ - वृष, सिंह, कन्या, वृश्चिक और मकर
  • अशुभ - मेष, मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुंभ और मीन

सूर्य का सिंह राशि में गोचर
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य हर माह अपनी राशि बदलते हैं, जिसको सूर्य संक्रांति के नाम से जाना जाता है. सूर्य भी माह के आरंभ में कर्क राशि में रहेंगे, जबकि 17 अगस्त को अपनी स्वराशि सिंह में प्रवेश कर केतु के साथ युति कर ग्रहण योग बनाएंगे. 

  • शुभ - वृष, सिंह, कन्या, तुला और कुंभ
  • अशुभ - मेष, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन

शुक्र का कर्क राशि में गोचर

भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि सुख, भोग-विलास के कारक ग्रह शुक्र अगस्त की शुरुआत में मिथुन राशि में रहेंगे और यहाँ गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण करेंगे. 21 अगस्त को वे कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और बुध के साथ युति कर लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण करेंगे. शुक्र आर्द्रा, पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्रों में विराजमान रहेंगे. 

  • शुभ - मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, धनु और मकर
  • अशुभ - वृश्चिक, कुंभ और मीन

ग्रहों के गोचर का प्रभाव
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि व्यापार में तेजी आएगी. देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी. प्राकृतिक घटनाएं होगी. भूकंप आने की संभावना है. तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं.

बस और रेलवे यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है. बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है. शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे. सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं.

खदानों में दुर्घटना और भूकंपन से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में इजाफा होगा. राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा. 

क्या करें उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें.

  • प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
  • लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं.
  • हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं.
  • ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है.
  • महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए.
  • माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 

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