'हमारे लिए लोकतंत्र और संविधान सर्वोपरि', स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्र के नाम संदेश
14 अगस्त 2025 की शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 79वें स्वतंत्रता दिवस से पहले राष्ट्र को संबोधित किया. यह संबोधन एक ऐसी परंपरा है जो चिंतन और प्रेरणा दोनों को दर्शाती है. पदभार ग्रहण करने के बाद से यह राष्ट्रपति मुर्मू का चौथा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर संबोधन है.स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में सभी देशवासियों को बधाई दी और कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि ये दिवस हमें भारतीय होने के गौरव का विशेष स्मरण कराते हैं. हमारे लिए लोकतंत्र और संविधान सर्वोपरि: मुर्मूराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, भारत-भूमि, विश्व के प्राचीनतम गणराज्यों की धरती रही है. इसे लोकतंत्र की जननी कहना सर्वथा उचित है. हमारे द्वारा अपनाए गए संविधान की आधारशिला पर, हमारे लोकतन्त्र का भवन निर्मित हुआ है. हमने लोकतन्त्र पर आधारित ऐसी संस्थाओं का निर्माण किया जिनसे लोकतान्त्रिक कार्यशैली को मजबूती मिली. हमारे लिए, हमारा संविधान और हमारा लोकतंत्र सर्वोपरि हैं. विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलिआज हमने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया. विभाजन के कारण भयावह हिंसा देखी गई और लाखों लोग विस्थापित होने के लिए मजबूर किए गए. आज हम इतिहास की गलतियों के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. हमारे संविधान में ऐसे चार मूल्यों का उल्लेख है जो हमारे लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाए रखने वाले चार स्तंभ हैं. ये मूल्य हैं - न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता. ये हमारी सभ्यता के ऐसे सिद्धांत हैं जिन्हें हमने स्वाधीनता संग्राम के दौरान पुनः जीवंत बनाया. दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला भारतराष्ट्रपति ने कहा, पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद-वृद्धि-दर के साथ भारत, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्याप्त समस्याओं के बावजूद, घरेलू मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण बना हुआ है. निर्यात बढ़ रहा है. सभी प्रमुख संकेतक, अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को दर्शा रहे हैं. सरकार, गरीबों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. जो लोग गरीबी रेखा से ऊपर तो आ गए हैं लेकिन मजबूत स्थिति में नहीं हैं, उनको भी ऐसी योजनाओं की सुरक्षा उपलब्ध है ताकि वे फिर से गरीबी रेखा से नीचे न चले जाएं. कश्मीर घाटी में रेल-संपर्क का शुभारंभ करना, एक प्रमुख उपलब्धि है. शेष भारत के साथ घाटी का रेल-संपर्क, उस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा और नई आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोलेगा. कश्मीर में, इंजीनियरिंग की यह असाधारण उपलब्धि, हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक माइलस्टोन है. सरकार यह मानती है कि जीवन की बुनियादी सुविधाओं पर, नागरिकों का हक बनता है. 'जल जीवन मिशन' के तहत ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाने में प्रगति हो रही है. 'आयुष्मान भारत' का भी किया जिक्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अपने तरह की विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य-सेवा योजना, 'आयुष्मान भारत' के अंतर्गत, विभिन्न कदम उठाए गए हैं. उन प्रयासों के परिणाम-स्वरूप स्वास्थ्य-सेवा के क्षेत्र में, हम क्रांतिकारी बदलाव देख रहे हैं. इस योजना के तहत अब तक 55 करोड़ से अधिक लोगों को सुरक्षा-कवच प्रदान किया जा चुका है. सरकार ने 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना की सुविधा उपलब्ध करा दी है, चाहे उनकी आय कितनी भी हो. इस डिजिटल युग में, यह स्वाभाविक है, कि भारत में सबसे अधिक प्रगति, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुई है. लगभग सभी गांवों में 4G मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध है. शेष कुछ हजार गांवों में भी यह सुविधा शीघ्र ही पहुंचा दी जाएगी. इससे डिजिटल भुगतान तकनीकी को बड़े पैमाने पर अपनाना संभव हो पाया है. डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत, कम समय में ही, विश्व का अग्रणी देश बन गया है. इससे Direct Benefit Transfer को भी बढ़ावा मिला है, तथा लक्षित लाभार्थियों तक कल्याणकारी भुगतान बिना किसी रुकावट और लिकेज के पहुंचना सुनिश्चित हो रहा है. दुनिया में होने वाले कुल डिजिटल लेनदेन में से, आधे से अधिक लेनदेन भारत में होते हैं. India-Al मिशन भारत की विशिष्ट जरूरतों को करेगा पूरासरकार ने देश की AI क्षमताओं को मजबूत करने के लिए India-Al मिशन शुरू किया है. इस मिशन के तहत ऐसे मॉडल विकसित किए जाएंगे जो भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करेंगे. पिछले सप्ताह, 7 अगस्त को, देश में 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' मनाया गया. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य, हमारे बुनकरों और उनके उत्पादों का सम्मान करना है. हमारे स्वाधीनता संग्राम के दौरान, 1905 में शुरू किए गए स्वदेशी आंदोलन की स्मृति में, वर्ष 2015 से, यह दिवस हर साल मनाया जाता है. स्वदेशी का विचार 'मेक-इन-इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' जैसे राष्ट्रीय प्रयासों को प्रेरित करता रहा है. हम सबको यह संकल्प लेना है कि हम अपने देश में बने उत्पादों को खरीदेंगे और उनका उपयोग करेंगे. सामाजिक क्षेत्र में किए गए प्रयासों से संवर्धित, समग्र आर्थिक विकास के बल पर भारत, 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है. मैं समझती हूं कि अमृत काल के इस दौर में, आगे बढ़ते जाने की राष्ट्रीय यात्रा में, सभी देशवासी यथाशक्ति अपना सर्वाधिक योगदान देंगे. शुभांशु शुक्ला की भी की तारीफद्रौपदी मुर्मू ने कहा कि शुभांशु शुक्ला की International Space Station की यात्रा ने एक पूरी पीढ़ी को ऊंचे सपने देखने की प्रेरणा दी है. यह अन्तरिक्ष-यात्रा भारत के आगामी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम 'गगनयान' के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगी. हमारी बेटियां हमारा गौरव हैं. वे प्रतिरक्षा और सुरक्षा सहित

14 अगस्त 2025 की शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 79वें स्वतंत्रता दिवस से पहले राष्ट्र को संबोधित किया. यह संबोधन एक ऐसी परंपरा है जो चिंतन और प्रेरणा दोनों को दर्शाती है. पदभार ग्रहण करने के बाद से यह राष्ट्रपति मुर्मू का चौथा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर संबोधन है.
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में सभी देशवासियों को बधाई दी और कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि ये दिवस हमें भारतीय होने के गौरव का विशेष स्मरण कराते हैं.
हमारे लिए लोकतंत्र और संविधान सर्वोपरि: मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, भारत-भूमि, विश्व के प्राचीनतम गणराज्यों की धरती रही है. इसे लोकतंत्र की जननी कहना सर्वथा उचित है. हमारे द्वारा अपनाए गए संविधान की आधारशिला पर, हमारे लोकतन्त्र का भवन निर्मित हुआ है. हमने लोकतन्त्र पर आधारित ऐसी संस्थाओं का निर्माण किया जिनसे लोकतान्त्रिक कार्यशैली को मजबूती मिली. हमारे लिए, हमारा संविधान और हमारा लोकतंत्र सर्वोपरि हैं.
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि
आज हमने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया. विभाजन के कारण भयावह हिंसा देखी गई और लाखों लोग विस्थापित होने के लिए मजबूर किए गए. आज हम इतिहास की गलतियों के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. हमारे संविधान में ऐसे चार मूल्यों का उल्लेख है जो हमारे लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाए रखने वाले चार स्तंभ हैं. ये मूल्य हैं - न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता. ये हमारी सभ्यता के ऐसे सिद्धांत हैं जिन्हें हमने स्वाधीनता संग्राम के दौरान पुनः जीवंत बनाया.
दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला भारत
राष्ट्रपति ने कहा, पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद-वृद्धि-दर के साथ भारत, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्याप्त समस्याओं के बावजूद, घरेलू मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण बना हुआ है. निर्यात बढ़ रहा है. सभी प्रमुख संकेतक, अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को दर्शा रहे हैं. सरकार, गरीबों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. जो लोग गरीबी रेखा से ऊपर तो आ गए हैं लेकिन मजबूत स्थिति में नहीं हैं, उनको भी ऐसी योजनाओं की सुरक्षा उपलब्ध है ताकि वे फिर से गरीबी रेखा से नीचे न चले जाएं.
कश्मीर घाटी में रेल-संपर्क का शुभारंभ करना, एक प्रमुख उपलब्धि है. शेष भारत के साथ घाटी का रेल-संपर्क, उस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा और नई आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोलेगा. कश्मीर में, इंजीनियरिंग की यह असाधारण उपलब्धि, हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक माइलस्टोन है. सरकार यह मानती है कि जीवन की बुनियादी सुविधाओं पर, नागरिकों का हक बनता है. 'जल जीवन मिशन' के तहत ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाने में प्रगति हो रही है.
'आयुष्मान भारत' का भी किया जिक्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अपने तरह की विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य-सेवा योजना, 'आयुष्मान भारत' के अंतर्गत, विभिन्न कदम उठाए गए हैं. उन प्रयासों के परिणाम-स्वरूप स्वास्थ्य-सेवा के क्षेत्र में, हम क्रांतिकारी बदलाव देख रहे हैं. इस योजना के तहत अब तक 55 करोड़ से अधिक लोगों को सुरक्षा-कवच प्रदान किया जा चुका है. सरकार ने 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना की सुविधा उपलब्ध करा दी है, चाहे उनकी आय कितनी भी हो.
इस डिजिटल युग में, यह स्वाभाविक है, कि भारत में सबसे अधिक प्रगति, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुई है. लगभग सभी गांवों में 4G मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध है. शेष कुछ हजार गांवों में भी यह सुविधा शीघ्र ही पहुंचा दी जाएगी. इससे डिजिटल भुगतान तकनीकी को बड़े पैमाने पर अपनाना संभव हो पाया है. डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत, कम समय में ही, विश्व का अग्रणी देश बन गया है. इससे Direct Benefit Transfer को भी बढ़ावा मिला है, तथा लक्षित लाभार्थियों तक कल्याणकारी भुगतान बिना किसी रुकावट और लिकेज के पहुंचना सुनिश्चित हो रहा है. दुनिया में होने वाले कुल डिजिटल लेनदेन में से, आधे से अधिक लेनदेन भारत में होते हैं.
India-Al मिशन भारत की विशिष्ट जरूरतों को करेगा पूरा
सरकार ने देश की AI क्षमताओं को मजबूत करने के लिए India-Al मिशन शुरू किया है. इस मिशन के तहत ऐसे मॉडल विकसित किए जाएंगे जो भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करेंगे. पिछले सप्ताह, 7 अगस्त को, देश में 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' मनाया गया. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य, हमारे बुनकरों और उनके उत्पादों का सम्मान करना है. हमारे स्वाधीनता संग्राम के दौरान, 1905 में शुरू किए गए स्वदेशी आंदोलन की स्मृति में, वर्ष 2015 से, यह दिवस हर साल मनाया जाता है.
स्वदेशी का विचार 'मेक-इन-इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' जैसे राष्ट्रीय प्रयासों को प्रेरित करता रहा है. हम सबको यह संकल्प लेना है कि हम अपने देश में बने उत्पादों को खरीदेंगे और उनका उपयोग करेंगे. सामाजिक क्षेत्र में किए गए प्रयासों से संवर्धित, समग्र आर्थिक विकास के बल पर भारत, 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है. मैं समझती हूं कि अमृत काल के इस दौर में, आगे बढ़ते जाने की राष्ट्रीय यात्रा में, सभी देशवासी यथाशक्ति अपना सर्वाधिक योगदान देंगे.
शुभांशु शुक्ला की भी की तारीफ
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि शुभांशु शुक्ला की International Space Station की यात्रा ने एक पूरी पीढ़ी को ऊंचे सपने देखने की प्रेरणा दी है. यह अन्तरिक्ष-यात्रा भारत के आगामी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम 'गगनयान' के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगी. हमारी बेटियां हमारा गौरव हैं. वे प्रतिरक्षा और सुरक्षा सहित हर क्षेत्र में अवरोधों को पार करके आगे बढ़ रही हैं. खेल-कूद को उत्कृष्टता, सशक्तीकरण और क्षमताओं का महत्वपूर्ण संकेतक माना जाता है. विश्व शतरंज चैंपियनशिप के लिए 'फिडे महिला विश्व कप' का फाइनल मैच, 19 वर्ष की भारत की एक बेटी और 38 वर्ष की एक भारतीय महिला के बीच खेला गया.
हमारे समाज का एक बड़ा हिस्सा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अन्य समुदायों के लोगों का है. इन समुदायों के लोग अब हाशिए पर होने का tag हटा रहे हैं. उनकी सामाजिक और आर्थिक आकांक्षाओं को साकार करने के लिए, सक्रिय प्रयासों के माध्यम से, सरकार उनकी सहायता करती आ रही है.
पहलगाम हमले का भी महामहिम ने किया जिक्र
मुर्मू ने कहा कि इस वर्ष हमें आतंकवाद का दंश झेलना पड़ा. कश्मीर घूमने गए निर्दोष नागरिकों की हत्या, कायरतापूर्ण और नितांत अमानवीय थी. इसका जवाब भारत ने, फौलादी संकल्प के साथ निर्णायक तरीके से दिया. ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखा दिया कि जब राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न सामने आता है तब हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम सिद्ध होते हैं. ऑपरेशन सिंदूर, प्रतिरक्षा के क्षेत्र में, 'आत्मनिर्भर भारत मिशन' की परीक्षा का भी अवसर था. अब यह सिद्ध हो गया है कि हम सही रास्ते पर हैं. हमारा स्वदेशी विनिर्माण उस निर्णायक स्तर पर पहुंच गया है जहां हम अपनी बहुत सी सुरक्षा-आवश्यकताओं को पूरा करने में भी आत्मनिर्भर बन गए हैं.
जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए, हमें अपने आप में भी कुछ परिवर्तन करने होंगे. हमें अपनी आदतें और अपनी विश्व-दृष्टि में बदलाव लाना होगा. हमें अपनी धरती, नदियों, पहाड़ों, पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के साथ अपने संबंधों में भी परिवर्तन करना होगा.
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