सावन 2025 में कितने सोमवार आएंगे? जानिए वो खास तिथियां जब बन रहे हैं दुर्लभ और शुभ योग!
सावन के सोमवार का महत्व: सावन के सभी सोमवार का व्रत रखने का खास महत्व शिव पुराण में माना जाता है. इस व्रत को करने से आपको भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और इसके प्रभाव से आपके जीवन में सुख शांति और संपन्नता बढ़ती है और ग्रहों की दशा में सुधार होता है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार सावन में 4 सोमवार होंगे. इस साल सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा. सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा और सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है. इस साल सावन में कुल 4 सोमवार आ रहे हैं. सावन महीने में 4 सोमवार व्रत होंगे. सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा और सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है. इस साल सावन में कुल 4 सोमवार आ रहे हैं. सावन महीने में 4 सोमवार व्रत होंगे और चार मंगला गौरी व्रत होंगे. वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय मंत्र जप का भी बहुत महत्व होता है. 'ओम नमः शिवाय' मंत्र का जप करने से सभी तरह के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. शिव भगवान को यदि प्रसन्न करना है तो सावन माह में पूरे विधि विधान के साथ उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन माह में सोमवार के दिन का भी विशेष महत्व होता है. सावन सोमवार व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इसलिए धार्मिक दृष्टि से सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है. इस महीने राशि के अनुसार विशेष उपाय करने शिवजी की कृपा प्राप्त होती है. सावन के सोमवार का भक्तों को बहुत इंतजार रहता है. इस महीने में भोलेशंकर की विशेष अराधना की जाती है. लोग भोले शंकर का रुद्राभिषेक कराते हैं. सावन मास भगवान शिव का सबसे पसंदीदा माह है और इस दौरान यदि कोई श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ भोलेनाथ की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है इस महीने भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा होती है. सावन के पावन महीने में शिव के भक्त कावड़ लेकर आते हैं और उस कांवड़ में भरे गंगा जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं. 11 जुलाई से 9 अगस्त तक तक रहेगा सावन: भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा. इस दौरान कुल चार सोमवार आएंगे. सावन का समापन रक्षाबंधन पर्व के साथ होगा, जो भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, जो इस बार 9 अगस्त को मनाया जाएगा. शुभ योग: इस बार सावन के पहले ही दिन एक विशेष योग बन रहा है, जिसे शिववास योग कहा जाता है. इस शुभ संयोग में भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे. मान्यता है कि इस योग में शिवजी की पूजा और जलाभिषेक करने से साधक को सौभाग्य, सुख-समृद्धि और मनचाहा वरदान प्राप्त होता है. सावन के सोमवार पर अद्भूत योग पहला सोमवार- 14 जुलाई 2025भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन के पहले सोमवार 14 जुलाई को है इस बार धनिष्ठा नक्षत्र और आयुष्मान योग का शुभ संयोग रहेगा. साथ ही इस दिन गणेश चतुर्थी का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है. दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को इस दिन रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे. जिससे गौरी योग में सावन का दूसरा सोमवार रहेगा. इस दिन कामिका एकादशी और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग बन रहा है इस दिन व्रत करने से भगवान शिव के साथ साथ भगवान विष्णु की कृपा मिलेगी और वृद्धि योग होने से सुख संपत्ति में वृद्धि होगी. तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन का तीसरा सोमवार 28 जुलाई को चंद्रमा पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में संचार करेंगे और इस दिन सिंह राशि में चंद्रमा के होने से धन योग का बेहद शुभ संयोग रहेगा. इस दिन मंगल भी गोचर करने जा रहे हैं. ऐसे में भगवान शिव की उपासना से मंगल दोष और कालसर्प दोष प्रतिकूल प्रभाव में कमी आएगी. वृद्ध चतुर्थी का भी संयोग इस दिन रहने वाला है. इस दिन भगवान शिव और गणेशजी के आशीर्वाद से भक्तों की मनोकामना पूरी होंगी. चौथा सोमवार- 4 अगस्त 2025भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन का चौथा और आखिरी सोमवार 4 अगस्त को होगा और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा. इस दिन चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र से वृश्चिक राशि पर संचार करेंगे. साथ ही इस दिन ब्रह्म और इंद्र योग का संयोग भी रहेगा. सावन सोमवार की तिथियां पहला सोमवार- 14 जुलाई 2025 दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025 तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025 चौथा सोमवार- 4 अगस्त 2025 मंगला गौरी व्रत तिथि पहला मंगला गौरी व्रत - 15 जुलाई दूसरा मंगला गौरी व्रत – 22 जुलाई तीसरा मंगला गौरी व्रत – 29 जुलाई चौथा मंगला गौरी व्रत – 5 अगस्त राहु-केतु का अशुभ प्रभाव होता है दूर: ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास बताते हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से विशेष पुण्य और फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस पावन मास में जो भी श्रद्धालु माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की सच्चे मन से आराधना करता है, उसे सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया. इसी वजह से मान्यता है कि जो भी भक्त सावन के सोमवार को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से व्रत रखता है और भगवान शिव की पूजा करता है, उसे भी मनचाहा वर

सावन के सोमवार का महत्व: सावन के सभी सोमवार का व्रत रखने का खास महत्व शिव पुराण में माना जाता है. इस व्रत को करने से आपको भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और इसके प्रभाव से आपके जीवन में सुख शांति और संपन्नता बढ़ती है और ग्रहों की दशा में सुधार होता है.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार सावन में 4 सोमवार होंगे. इस साल सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा. सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा और सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है.
इस साल सावन में कुल 4 सोमवार आ रहे हैं. सावन महीने में 4 सोमवार व्रत होंगे. सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा और सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है. इस साल सावन में कुल 4 सोमवार आ रहे हैं. सावन महीने में 4 सोमवार व्रत होंगे और चार मंगला गौरी व्रत होंगे.
वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय मंत्र जप का भी बहुत महत्व होता है. 'ओम नमः शिवाय' मंत्र का जप करने से सभी तरह के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. शिव भगवान को यदि प्रसन्न करना है तो सावन माह में पूरे विधि विधान के साथ उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन माह में सोमवार के दिन का भी विशेष महत्व होता है. सावन सोमवार व्रत मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इसलिए धार्मिक दृष्टि से सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है.
इस महीने राशि के अनुसार विशेष उपाय करने शिवजी की कृपा प्राप्त होती है. सावन के सोमवार का भक्तों को बहुत इंतजार रहता है. इस महीने में भोलेशंकर की विशेष अराधना की जाती है. लोग भोले शंकर का रुद्राभिषेक कराते हैं.
सावन मास भगवान शिव का सबसे पसंदीदा माह है और इस दौरान यदि कोई श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ भोलेनाथ की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है इस महीने भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा होती है. सावन के पावन महीने में शिव के भक्त कावड़ लेकर आते हैं और उस कांवड़ में भरे गंगा जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं.
11 जुलाई से 9 अगस्त तक तक रहेगा सावन: भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा. इस दौरान कुल चार सोमवार आएंगे. सावन का समापन रक्षाबंधन पर्व के साथ होगा, जो भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, जो इस बार 9 अगस्त को मनाया जाएगा.
शुभ योग: इस बार सावन के पहले ही दिन एक विशेष योग बन रहा है, जिसे शिववास योग कहा जाता है. इस शुभ संयोग में भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे. मान्यता है कि इस योग में शिवजी की पूजा और जलाभिषेक करने से साधक को सौभाग्य, सुख-समृद्धि और मनचाहा वरदान प्राप्त होता है.
सावन के सोमवार पर अद्भूत योग
- पहला सोमवार- 14 जुलाई 2025
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन के पहले सोमवार 14 जुलाई को है इस बार धनिष्ठा नक्षत्र और आयुष्मान योग का शुभ संयोग रहेगा. साथ ही इस दिन गणेश चतुर्थी का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है. - दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को इस दिन रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे. जिससे गौरी योग में सावन का दूसरा सोमवार रहेगा. इस दिन कामिका एकादशी और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग बन रहा है इस दिन व्रत करने से भगवान शिव के साथ साथ भगवान विष्णु की कृपा मिलेगी और वृद्धि योग होने से सुख संपत्ति में वृद्धि होगी. - तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन का तीसरा सोमवार 28 जुलाई को चंद्रमा पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में संचार करेंगे और इस दिन सिंह राशि में चंद्रमा के होने से धन योग का बेहद शुभ संयोग रहेगा. इस दिन मंगल भी गोचर करने जा रहे हैं. ऐसे में भगवान शिव की उपासना से मंगल दोष और कालसर्प दोष प्रतिकूल प्रभाव में कमी आएगी. वृद्ध चतुर्थी का भी संयोग इस दिन रहने वाला है. इस दिन भगवान शिव और गणेशजी के आशीर्वाद से भक्तों की मनोकामना पूरी होंगी. - चौथा सोमवार- 4 अगस्त 2025
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन का चौथा और आखिरी सोमवार 4 अगस्त को होगा और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा. इस दिन चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र से वृश्चिक राशि पर संचार करेंगे. साथ ही इस दिन ब्रह्म और इंद्र योग का संयोग भी रहेगा.
सावन सोमवार की तिथियां
- पहला सोमवार- 14 जुलाई 2025
- दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025
- तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025
- चौथा सोमवार- 4 अगस्त 2025
मंगला गौरी व्रत तिथि
- पहला मंगला गौरी व्रत - 15 जुलाई
- दूसरा मंगला गौरी व्रत – 22 जुलाई
- तीसरा मंगला गौरी व्रत – 29 जुलाई
- चौथा मंगला गौरी व्रत – 5 अगस्त
राहु-केतु का अशुभ प्रभाव होता है दूर: ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास बताते हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से विशेष पुण्य और फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस पावन मास में जो भी श्रद्धालु माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की सच्चे मन से आराधना करता है, उसे सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी.
उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया. इसी वजह से मान्यता है कि जो भी भक्त सावन के सोमवार को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से व्रत रखता है और भगवान शिव की पूजा करता है, उसे भी मनचाहा वर या वधू प्राप्त होता है. इसके साथ ही, इस व्रत को करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और राहु-केतु जैसे अशुभ ग्रहों के प्रभाव भी कम होने लगते हैं.
मंगला गौरी व्रत से मिलता है अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद: डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, जिस तरह सावन मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, उसी तरह मां पार्वती को भी यह महीना बहुत प्रिय है. मान्यता है कि सावन के सोमवार को अगर श्रद्धालु शिवजी की पूजा करते हैं, तो उन्हें मनचाहा वरदान प्राप्त होता है.
वहीं सावन के मंगलवार को रखे जाने वाले मंगला गौरी व्रत का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन माता पार्वती की आराधना करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य, सुखद दांपत्य जीवन और पारिवारिक समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
FAQs:
Q1. 2025 में सावन कब से कब तक रहेगा?
A1. 11 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक.
Q2. सावन में कितने सोमवार और मंगला गौरी व्रत होंगे?
A2. 4 सोमवार और 4 मंगला गौरी व्रत.
Q3. सावन सोमवार व्रत से क्या लाभ होता है?
A3. शिव कृपा, मनोकामना पूर्ति और राहु-केतु दोष से राहत.
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