साउथईस्ट एशिया में दिल की बीमारियों का बढ़ा खतरा, नई रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Heart Disease Cases: एक नई रिपोर्ट बताती है कि साउथईस्ट एशिया में हालात तेजी से बदल रहे हैं और वो भी चिंताजनक रूप में, दिल की बीमारियों ने लोगों की जिंदगी पूरी तरह से तबाह कर दी है. अगर हम समय रहते नहीं समझ पाए तो आने वाला कल और भी गंभीर हो सकता है. आइए जानते हैं क्या कहती है ये नई रिपोर्ट, जो हाल ही में सामने आई है.  एक नई रिसर्च के मुताबिक, पिछले 30 सालों में साउथईस्ट एशिया में दिल की बीमारियों के मामले 148 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं. अब ये बीमारी इस क्षेत्र में मौत का कारण बन चुकी है. यह अध्ययन अमेरिका के सिएटल स्थित स्वास्थ्य मेट्रिक्स मूल्यांकन संस्थान और सिंगापुर का राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मिलकर किया है. दरअसल, इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में करीब 3.7 करोड़ लोग साउथईस्ट एशिया में दिल की बीमारियों से पीड़ित थे, जिनमें से 17 लाख लोगों की मौत हो गई थी.  ये भी पढ़े- डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने बचाई 9 महीने के बच्चे की जान, लिवर की दुर्लभ बीमारी का मिला इलाज दिल की बीमारियों का मुख्य कारण क्या हैं?  हाई ब्लड प्रेशर हो जाना  गलत खानपान की वजह से होता है वायु प्रदूषण में बदलाव  खराब कोलेस्ट्रॉल दिक्कत देता है तंबाकू और धूम्रपान की आदत होना  दिल की बीमारी से कैसे बचें?  दिल को स्वस्थ रखने के लिए ताजा फल, सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करें. तले-भुने, अत्यधिक नमक और चीनी वाले खाने से दूरी बनाए रखें.  रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलना, योग, साइकिल चलाना या तैराकी जैसी गतिविधियां दिल को मजबूत बनाती हैं.  धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन हृदय पर बुरा असर डालता है. अगर आप इन आदतों के शिकार हैं, तो इन्हें छोड़ना बहुत जरूरी है.  अत्यधिक तनाव दिल की बीमारियों का बड़ा कारण है. ध्यान, प्राणायाम, अच्छी नींद और परिवार के साथ समय बिताने से मानसिक तनाव कम होता है.  दिल की बीमारियों के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बड़ी समस्या बनकर उभरा है. रिसर्च बताती है कि साल 2021 में 8 करोड़ से ज्यादा लोग मानसिक बीमारियों से जूझ रहे थे, जो 1990 की तुलना में 70% ज्यादा है. इसमें सबसे ज्यादा वृद्धि 15 से 19 साल की उम्र के युवाओं में देखी गई है. यह रिपोर्ट हमें साउथईस्ट एशिया की गंभीर होती स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा करती है. बढ़ती दिल की बीमारियां न सिर्फ लोगों की सेहत को खतरे में डाल रही हैं, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाल रही हैं. अब वक्त आ गया है कि इन समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाकर लोगों को बेहतर जीवन की ओर बढ़ाया जाए.  ये भी पढ़ें: सब्जी मार्केट या फिर मेट्रो में भी फैल सकता है कोरोना, जानलेवा हो सकती है ये लापरवाही Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

May 28, 2025 - 16:30
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साउथईस्ट एशिया में दिल की बीमारियों का बढ़ा खतरा, नई रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Heart Disease Cases: एक नई रिपोर्ट बताती है कि साउथईस्ट एशिया में हालात तेजी से बदल रहे हैं और वो भी चिंताजनक रूप में, दिल की बीमारियों ने लोगों की जिंदगी पूरी तरह से तबाह कर दी है. अगर हम समय रहते नहीं समझ पाए तो आने वाला कल और भी गंभीर हो सकता है. आइए जानते हैं क्या कहती है ये नई रिपोर्ट, जो हाल ही में सामने आई है. 

एक नई रिसर्च के मुताबिक, पिछले 30 सालों में साउथईस्ट एशिया में दिल की बीमारियों के मामले 148 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं. अब ये बीमारी इस क्षेत्र में मौत का कारण बन चुकी है. यह अध्ययन अमेरिका के सिएटल स्थित स्वास्थ्य मेट्रिक्स मूल्यांकन संस्थान और सिंगापुर का राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मिलकर किया है. दरअसल, इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में करीब 3.7 करोड़ लोग साउथईस्ट एशिया में दिल की बीमारियों से पीड़ित थे, जिनमें से 17 लाख लोगों की मौत हो गई थी. 

ये भी पढ़े- डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने बचाई 9 महीने के बच्चे की जान, लिवर की दुर्लभ बीमारी का मिला इलाज

दिल की बीमारियों का मुख्य कारण क्या हैं? 

हाई ब्लड प्रेशर हो जाना 

गलत खानपान की वजह से होता है

वायु प्रदूषण में बदलाव 

खराब कोलेस्ट्रॉल दिक्कत देता है

तंबाकू और धूम्रपान की आदत होना 

दिल की बीमारी से कैसे बचें? 

दिल को स्वस्थ रखने के लिए ताजा फल, सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करें. तले-भुने, अत्यधिक नमक और चीनी वाले खाने से दूरी बनाए रखें. 

रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलना, योग, साइकिल चलाना या तैराकी जैसी गतिविधियां दिल को मजबूत बनाती हैं. 

धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन हृदय पर बुरा असर डालता है. अगर आप इन आदतों के शिकार हैं, तो इन्हें छोड़ना बहुत जरूरी है. 

अत्यधिक तनाव दिल की बीमारियों का बड़ा कारण है. ध्यान, प्राणायाम, अच्छी नींद और परिवार के साथ समय बिताने से मानसिक तनाव कम होता है. 

दिल की बीमारियों के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बड़ी समस्या बनकर उभरा है. रिसर्च बताती है कि साल 2021 में 8 करोड़ से ज्यादा लोग मानसिक बीमारियों से जूझ रहे थे, जो 1990 की तुलना में 70% ज्यादा है. इसमें सबसे ज्यादा वृद्धि 15 से 19 साल की उम्र के युवाओं में देखी गई है.

यह रिपोर्ट हमें साउथईस्ट एशिया की गंभीर होती स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा करती है. बढ़ती दिल की बीमारियां न सिर्फ लोगों की सेहत को खतरे में डाल रही हैं, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाल रही हैं. अब वक्त आ गया है कि इन समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाकर लोगों को बेहतर जीवन की ओर बढ़ाया जाए. 

ये भी पढ़ें: सब्जी मार्केट या फिर मेट्रो में भी फैल सकता है कोरोना, जानलेवा हो सकती है ये लापरवाही

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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