मोदी सरकार ने उठाये वो कदम, जिससे बदलेगी देश की तस्वीर, पूरा होगा 'विकसित भारत' का सपना
Union Cabinet Decisions: पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट की तरफ से कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. एग्रीकल्चर और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र को रफ्तार देने के लिए कैबिनेट ने 50 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. इसके लिए चयनित किए गए 100 जिले पर सालाना 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर पूरी तरह से फोकस किया जाएगा. इसके साथ ही, पीएसयू को फंडिंग कर ऊर्जा क्षेत्र में ट्रांजिशन करने की कोशिश की गई है. क्या है पीएम धन धान्य कृषि योजना दरअसल, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (पीएमडीडीकेवाई) केन्द्रीय बजट 2025-26 के दौरान लाया गया है. इसका मकसद 11 केन्द्रीय मंत्रालयों के अंतर्गत 36 पहले से चल रही योजनाओं को एकीकृत कर 100 कृषि पर आधारित जिलों पर फोकस कर उसका विकास किया जाएगा. यह योजना फसल विविधीकरण के साथ ही टिकाऊ कृषि पद्धतियों की स्वीकार्यता को बढ़ावा देने पर जोर देगी. केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन जिलों का चयन कम कृषि उत्पादकता और लोन तक सही से पहुंच नहीं होने वालों इलाकों को लिया गया है. हर राज्य से कम से कम एक जिले का चयन किया गया है. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाएगी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करेगी और कृषि उत्पादकता को बढ़ाएगी. सौर ऊर्जा को गति देने के लिए 20 हजार करोड़ यह योजना अगले छह वर्षों तक हर वर्ष 24 हजार करोड़ रुपये के बजट के साथ लागू की जाएगी. इसमें फसल सिंचाई, लोन की उपलब्धता, भंडारण इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी चीजों के जरिए 1.7 लाख करोड़ किसानों को फायदा पहुंचाने की कोशिश है. अधिकारियों का कहना है कि इसका उद्देश्य प्रयास को और बढ़ाकर जिला स्तर पर आखिर तक योजनाएं का लाभ पहुंचाना है. केन्द्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से एनटीपीसी की सहायक कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है, ताकि ग्रीन हाइड्रोजन, सौर ऊर हवा आधारित परियोजनाओं को गति दी जा सके. ग्रीन एनर्जी पोर्टफोलियो इस समय 6 GE की कैपिसिटी के साथ संचालित है और इसके 26GW कैपिसिटी बढ़ाने पर काम चल रहा है. लेकिन आगे 2032 तक 60GW करने का लक्ष्य रखा गया है. ये भी पढ़ें: HDFC बैंक शेयरधारकों के लिए आयी अच्छी खबर से उछले शेयर, बैंकिंग इतिहास में पहली बार होने जा रहा ये ऐलान

Union Cabinet Decisions: पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट की तरफ से कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. एग्रीकल्चर और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र को रफ्तार देने के लिए कैबिनेट ने 50 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. इसके लिए चयनित किए गए 100 जिले पर सालाना 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर पूरी तरह से फोकस किया जाएगा. इसके साथ ही, पीएसयू को फंडिंग कर ऊर्जा क्षेत्र में ट्रांजिशन करने की कोशिश की गई है.
क्या है पीएम धन धान्य कृषि योजना
दरअसल, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (पीएमडीडीकेवाई) केन्द्रीय बजट 2025-26 के दौरान लाया गया है. इसका मकसद 11 केन्द्रीय मंत्रालयों के अंतर्गत 36 पहले से चल रही योजनाओं को एकीकृत कर 100 कृषि पर आधारित जिलों पर फोकस कर उसका विकास किया जाएगा. यह योजना फसल विविधीकरण के साथ ही टिकाऊ कृषि पद्धतियों की स्वीकार्यता को बढ़ावा देने पर जोर देगी.
केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन जिलों का चयन कम कृषि उत्पादकता और लोन तक सही से पहुंच नहीं होने वालों इलाकों को लिया गया है. हर राज्य से कम से कम एक जिले का चयन किया गया है. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाएगी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करेगी और कृषि उत्पादकता को बढ़ाएगी.
सौर ऊर्जा को गति देने के लिए 20 हजार करोड़
यह योजना अगले छह वर्षों तक हर वर्ष 24 हजार करोड़ रुपये के बजट के साथ लागू की जाएगी. इसमें फसल सिंचाई, लोन की उपलब्धता, भंडारण इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी चीजों के जरिए 1.7 लाख करोड़ किसानों को फायदा पहुंचाने की कोशिश है. अधिकारियों का कहना है कि इसका उद्देश्य प्रयास को और बढ़ाकर जिला स्तर पर आखिर तक योजनाएं का लाभ पहुंचाना है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से एनटीपीसी की सहायक कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है, ताकि ग्रीन हाइड्रोजन, सौर ऊर हवा आधारित परियोजनाओं को गति दी जा सके. ग्रीन एनर्जी पोर्टफोलियो इस समय 6 GE की कैपिसिटी के साथ संचालित है और इसके 26GW कैपिसिटी बढ़ाने पर काम चल रहा है. लेकिन आगे 2032 तक 60GW करने का लक्ष्य रखा गया है.
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