'मेरा पासपोर्ट इंडियन, मेरे बच्चे पाकिस्तानी', पहलगाम हमले के बाद वापस लौट रही महिला ने बताई दुविधा!

Jammu Kashmir Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद भारत ने अटारी बॉर्डर बंद कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान से आए लोग लगातार अटारी बॉर्डर पर इकट्ठा हो रहे हैं, ताकि वे जल्द से जल्द अपने देश वापस लौट सकें." आज तक से बात करते हुए पाकिस्तान से भारत आई एक महिला ने बताया, "मैं जोधपुर, राजस्थान की रहने वाली हूं. 10 साल पहले मेरी शादी हो चुकी है और मैं फरवरी में भारत आई थी. मैं घूमने के लिए यहां आई थी लेकिन अब मुझे जाने को कहा गया है. समस्या ये है कि मेरा पासपोर्ट इंडियन है और मेरे बच्चे पाकिस्तानी हैं." महिला के पिता ने सरकार से लगाई गुहारजब महिला के पिता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरी बेटी का इंडियन पासपोर्ट है लेकिन पाकिस्तान का पासपोर्ट अभी बना नहीं है. अगर भारत से एग्जिट पासपोर्ट नहीं मिला तो बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी. मेरे दोनों बच्चे नाबालिग हैं और अपनी मां के बिना नहीं रह सकते. उन्होंने सरकार से अपील की कि उनकी बेटी और बच्चों को भारत में ही रहने दिया जाए. महिला ने पहलगाम आतंकी हमले पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो कुछ भी हुआ वो बहुत गलत हुआ. मासूम इंसानों की हत्या करना अच्छी बात नहीं है.  450 से अधिक भारतीय पाकिस्तान से भारत लौटे न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वाघा बॉर्डर के रास्ते पिछले तीन दिनों में 450 से अधिक भारतीय पाकिस्तान से स्वदेश लौट चुके हैं. अधिकारियों ने यहां बताया कि शनिवार को रवाना होने वालों में 23 भारतीय भी शामिल हैं, जो पीएसएल (पाकिस्तान सुपर लीग) 2025 की प्रसारण कंपनी का हिस्सा थे. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को लगभग 300 भारतीय और गुरुवार को लगभग 100 भारतीय इसी रास्ते से स्वदेश लौटे. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 200 पाकिस्तानी नागरिक भी भारत से स्वदेश लौट आए हैं. ये भी पढ़ें- 'आतंकियों के जनाजे में कोई इमाम नमाज पढ़ाने नहीं जाएगा', पहलगाम हमले से दुखी चीफ इमाम उमर अहमद इलियासी बोले

Apr 27, 2025 - 10:30
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'मेरा पासपोर्ट इंडियन, मेरे बच्चे पाकिस्तानी', पहलगाम हमले के बाद वापस लौट रही महिला ने बताई दुविधा!

Jammu Kashmir Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद भारत ने अटारी बॉर्डर बंद कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान से आए लोग लगातार अटारी बॉर्डर पर इकट्ठा हो रहे हैं, ताकि वे जल्द से जल्द अपने देश वापस लौट सकें."

आज तक से बात करते हुए पाकिस्तान से भारत आई एक महिला ने बताया, "मैं जोधपुर, राजस्थान की रहने वाली हूं. 10 साल पहले मेरी शादी हो चुकी है और मैं फरवरी में भारत आई थी. मैं घूमने के लिए यहां आई थी लेकिन अब मुझे जाने को कहा गया है. समस्या ये है कि मेरा पासपोर्ट इंडियन है और मेरे बच्चे पाकिस्तानी हैं."

महिला के पिता ने सरकार से लगाई गुहार

जब महिला के पिता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरी बेटी का इंडियन पासपोर्ट है लेकिन पाकिस्तान का पासपोर्ट अभी बना नहीं है. अगर भारत से एग्जिट पासपोर्ट नहीं मिला तो बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी. मेरे दोनों बच्चे नाबालिग हैं और अपनी मां के बिना नहीं रह सकते. उन्होंने सरकार से अपील की कि उनकी बेटी और बच्चों को भारत में ही रहने दिया जाए. महिला ने पहलगाम आतंकी हमले पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो कुछ भी हुआ वो बहुत गलत हुआ. मासूम इंसानों की हत्या करना अच्छी बात नहीं है. 

450 से अधिक भारतीय पाकिस्तान से भारत लौटे

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वाघा बॉर्डर के रास्ते पिछले तीन दिनों में 450 से अधिक भारतीय पाकिस्तान से स्वदेश लौट चुके हैं. अधिकारियों ने यहां बताया कि शनिवार को रवाना होने वालों में 23 भारतीय भी शामिल हैं, जो पीएसएल (पाकिस्तान सुपर लीग) 2025 की प्रसारण कंपनी का हिस्सा थे. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को लगभग 300 भारतीय और गुरुवार को लगभग 100 भारतीय इसी रास्ते से स्वदेश लौटे. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 200 पाकिस्तानी नागरिक भी भारत से स्वदेश लौट आए हैं.

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