महादेवी हाथी मामले में SIT जांच पर वनतारा ने दी प्रतिक्रिया, कहा - 'पूरा सहयोग करेंगे'
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के जामनगर में स्थित वनतारा की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है. वनतारा पर जनहित याचिका के जरिए आरोप लगाए गए थे. इस मामले पर वनतारा की प्रतिक्रिया आई है. उसने मंगलवार (26 अगस्त) को कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं. वनतारा ने जांच में पूरा सहयोग करने की भी बात कही. यह मामला एक हथिनी से जुड़ा है, जिसका नाम महादेवी है. वनतारा ने अपने बयान में कहा, ''हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान के साथ स्वागत करते हैं. वंतारा पारदर्शिता के साथ कानून का पालन के लिए प्रतिबद्ध है. हमारा मिशन और ध्यान पशुओं के बचाव, पुनर्वास और देखभाल पर केंद्रित रहेगा. हम विशेष जांच दल (SIT) का पूरा साथ देंगे. हमारा प्रयास पशुओं के कल्याण के लिए होता है. हम ईमानदारी से अपना काम जारी रखेंगे.'' वनतारा ने अफवाहों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''हम अनुरोध करते हैं कि इस प्रक्रिया को बिना किसी अटकलबाजी के और पशुओं के सर्वोत्तम हित में होने दिया जाए.'' क्या है पूरा मामला यह मामला तब सामने आया जब कोल्हापुर के एक मंदिर से महादेवी नाम की हथिनी को वनतारा लाया गया. महादेवी को इसी साल जुलाई में शिफ्ट किया गया था. इसके बाद वकील सीआर जया सुकिन और देव शर्मा ने जनहित याचिकाएं दाखिल कर दीं. उन्होंने आरोप लगाया कि वनतारा में कानून का उल्लंघन किया जा रहा है. इसकी बाद मामला बढ़ गया. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एसआईटी सिर्फ तथ्यों की जांच करेगी. वहीं वनतारा पर लगाए गए आरोपों के किसी तरह के ठोस सबूत भी नहीं मिले हैं. हालांकि आरोपों को देखते हुए कोर्ट ने एसआईटी का गठन कर दिया. एसआईटी वनतारा जाकर मामले की जांच करेगी और एक रिपोर्ट भी तैयार करेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के जामनगर में स्थित वनतारा की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है. वनतारा पर जनहित याचिका के जरिए आरोप लगाए गए थे. इस मामले पर वनतारा की प्रतिक्रिया आई है. उसने मंगलवार (26 अगस्त) को कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं. वनतारा ने जांच में पूरा सहयोग करने की भी बात कही. यह मामला एक हथिनी से जुड़ा है, जिसका नाम महादेवी है.
वनतारा ने अपने बयान में कहा, ''हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान के साथ स्वागत करते हैं. वंतारा पारदर्शिता के साथ कानून का पालन के लिए प्रतिबद्ध है. हमारा मिशन और ध्यान पशुओं के बचाव, पुनर्वास और देखभाल पर केंद्रित रहेगा. हम विशेष जांच दल (SIT) का पूरा साथ देंगे. हमारा प्रयास पशुओं के कल्याण के लिए होता है. हम ईमानदारी से अपना काम जारी रखेंगे.''
वनतारा ने अफवाहों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''हम अनुरोध करते हैं कि इस प्रक्रिया को बिना किसी अटकलबाजी के और पशुओं के सर्वोत्तम हित में होने दिया जाए.''
क्या है पूरा मामला
यह मामला तब सामने आया जब कोल्हापुर के एक मंदिर से महादेवी नाम की हथिनी को वनतारा लाया गया. महादेवी को इसी साल जुलाई में शिफ्ट किया गया था. इसके बाद वकील सीआर जया सुकिन और देव शर्मा ने जनहित याचिकाएं दाखिल कर दीं. उन्होंने आरोप लगाया कि वनतारा में कानून का उल्लंघन किया जा रहा है. इसकी बाद मामला बढ़ गया.
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एसआईटी सिर्फ तथ्यों की जांच करेगी. वहीं वनतारा पर लगाए गए आरोपों के किसी तरह के ठोस सबूत भी नहीं मिले हैं. हालांकि आरोपों को देखते हुए कोर्ट ने एसआईटी का गठन कर दिया. एसआईटी वनतारा जाकर मामले की जांच करेगी और एक रिपोर्ट भी तैयार करेगी.
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