भारतीय नौसेना एक साथ दाग पाएगी 300 ब्रह्मोस मिसाइलें, दुश्मन को नहीं मिलेगी छिपने की जगह, जानें कब तक होगा ऐसा
हिंद महासागर में चीन और पाकिस्तान की बढ़ती गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना लगातार अपनी क्षमता बढ़ा रही है. इसी कड़ी में नीलगिरी क्लास स्टेल्थ फ्रीगेट उदयगिरी और हिमगिरी को बेड़े में शामिल किया जाएगा. दोनों फ्रीगेट्स को दुनिया की सबसे खतरनाक सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल ब्रह्मोस से लैस किया गया है. यह कदम भारतीय नौसेना की समुद्री शक्ति को और ज्यादा मजबूत बना रहा है. नौसेना में अब तक 14 गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट शामिल हो चुके हैं. हर वॉरशिप में 8 वर्टिकल लॉन्च ब्रह्मोस मिसाइल लगे हुए हैं. तलवार क्लास के 6 जहाजों में से 4 पहले ही ब्रह्मोस से लैस हो चुके हैं, बाकी 2 पर काम जारी है. भारत-रूस समझौते के तहत 4 और तलवार क्लास फ्रीगेट बनाए गए, जिनमें से दो (तुशिल और तमाल) नौसेना में शामिल हो चुके हैं. 2030 तक भारतीय नौसेना के पास कुल 20 गाइडेड मिसाइल फ्रीगेट और 13 डिस्ट्रॉयर होंगे. इसका मतलब है कि भविष्य में भारतीय नौसेना एक साथ 300 से ज्यादा ब्रह्मोस मिसाइलें दागने की क्षमता रखेगी. नीलगिरी क्लास फ्रीगेट बनेगा आत्मनिर्भर भारत का प्रतीकनीलगिरी क्लास फ्रीगेट्स प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाए जा रहे हैं. इसके लिए कुल 7 नीलगिरी क्लास जहाज तैयार किए जा रहे हैं. इसमें से INS नीलगिरी, उदयगिरी और हिमगिरी नौसेना में शामिल हो चुके हैं. सभी जहाजों में 75 फीसदी उपकरण स्वदेशी कंपनियों से लिए गए हैं. इसका डिज़ाइन और स्टील भी पूरी तरह भारत निर्मित है. यह प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मील का पत्थर है. हिमगिरी और उदयगिरी की घातक क्षमताएंहिमगिरी और उदयगिरी फ्रीगेट्स की खासियत इन्हें एयर, सरफेस और सबमरीन वॉरफेयर का मास्टर बनाती है. इसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल होगी, जो एंटी शिप और एंटी सरफेस वॉरफेयर के लिए काम आएगी. इसके अलावा बराक-8 मिसाइल और एयर डिफेंस गन का इस्तेमाल होगा, जो इसे एंटी एयर वॉरफेयर बनाएगा. वरुणास्त्र टॉरपीडो और रॉकेट लॉन्चर के होने से फ्रीगेट्स एक एंटी सबमरीन वॉरफेयर के तौर पर काम आएगा. वहीं फ्रीगेट्स में सोनार, मल्टी-फंक्शन रडार और कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम बी मौजूद होने वाला है, जो लंबी दूरी पर दुश्मन का पता लगाने और इंटरसेप्ट करने की क्षमता रखता है. समुद्री ऑपरेशन की क्षमता को बढ़ाने के लिए दो हेलिकॉप्टर हैंगर भी होगा. यह जहाज 6700 टन वजनी हैं और 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकते हैं. ये भी पढ़ें: टैरिफ वॉर से अमेरिका पर ही कुल्हाड़ी मार रहे ट्रंप! रूस-भारत और चीन की तिकड़ी आजमा रही ताकत

हिंद महासागर में चीन और पाकिस्तान की बढ़ती गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना लगातार अपनी क्षमता बढ़ा रही है. इसी कड़ी में नीलगिरी क्लास स्टेल्थ फ्रीगेट उदयगिरी और हिमगिरी को बेड़े में शामिल किया जाएगा. दोनों फ्रीगेट्स को दुनिया की सबसे खतरनाक सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल ब्रह्मोस से लैस किया गया है. यह कदम भारतीय नौसेना की समुद्री शक्ति को और ज्यादा मजबूत बना रहा है.
नौसेना में अब तक 14 गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रीगेट शामिल हो चुके हैं. हर वॉरशिप में 8 वर्टिकल लॉन्च ब्रह्मोस मिसाइल लगे हुए हैं. तलवार क्लास के 6 जहाजों में से 4 पहले ही ब्रह्मोस से लैस हो चुके हैं, बाकी 2 पर काम जारी है. भारत-रूस समझौते के तहत 4 और तलवार क्लास फ्रीगेट बनाए गए, जिनमें से दो (तुशिल और तमाल) नौसेना में शामिल हो चुके हैं. 2030 तक भारतीय नौसेना के पास कुल 20 गाइडेड मिसाइल फ्रीगेट और 13 डिस्ट्रॉयर होंगे. इसका मतलब है कि भविष्य में भारतीय नौसेना एक साथ 300 से ज्यादा ब्रह्मोस मिसाइलें दागने की क्षमता रखेगी.
नीलगिरी क्लास फ्रीगेट बनेगा आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक
नीलगिरी क्लास फ्रीगेट्स प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाए जा रहे हैं. इसके लिए कुल 7 नीलगिरी क्लास जहाज तैयार किए जा रहे हैं. इसमें से INS नीलगिरी, उदयगिरी और हिमगिरी नौसेना में शामिल हो चुके हैं. सभी जहाजों में 75 फीसदी उपकरण स्वदेशी कंपनियों से लिए गए हैं. इसका डिज़ाइन और स्टील भी पूरी तरह भारत निर्मित है. यह प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मील का पत्थर है.
हिमगिरी और उदयगिरी की घातक क्षमताएं
हिमगिरी और उदयगिरी फ्रीगेट्स की खासियत इन्हें एयर, सरफेस और सबमरीन वॉरफेयर का मास्टर बनाती है. इसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल होगी, जो एंटी शिप और एंटी सरफेस वॉरफेयर के लिए काम आएगी. इसके अलावा बराक-8 मिसाइल और एयर डिफेंस गन का इस्तेमाल होगा, जो इसे एंटी एयर वॉरफेयर बनाएगा. वरुणास्त्र टॉरपीडो और रॉकेट लॉन्चर के होने से फ्रीगेट्स एक एंटी सबमरीन वॉरफेयर के तौर पर काम आएगा. वहीं फ्रीगेट्स में सोनार, मल्टी-फंक्शन रडार और कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम बी मौजूद होने वाला है, जो लंबी दूरी पर दुश्मन का पता लगाने और इंटरसेप्ट करने की क्षमता रखता है. समुद्री ऑपरेशन की क्षमता को बढ़ाने के लिए दो हेलिकॉप्टर हैंगर भी होगा. यह जहाज 6700 टन वजनी हैं और 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकते हैं.
ये भी पढ़ें: टैरिफ वॉर से अमेरिका पर ही कुल्हाड़ी मार रहे ट्रंप! रूस-भारत और चीन की तिकड़ी आजमा रही ताकत
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