बिहार SIR मामला : याचिकाकर्ताओं ने की आपत्ति दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग, कोर्ट ने 1 सितंबर को सुनवाई की बात कही

बिहार में मतदाता सूची सुधार अभियान (SIR) मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (1 सितंबर, 2025) को सुनवाई की सहमति दी है. इससे पहले कोर्ट ने 8 सितंबर को सुनवाई की बात कही थी. शुक्रवार को वकील प्रशांत भूषण और निजाम पाशा ने ड्राफ्ट लिस्ट में छूटे लोगों की तरफ से आपत्ति दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया. इस पर जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की बेंच ने मामला सोमवार को सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया. पहले कोर्ट ने तारीख बढ़ाने से मना किया था22 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को नसीहत दी थी कि वह मतदाताओं की सहायता करें. कोर्ट ने कहा था कि इन पार्टियों के 1 लाख 68 हजार बूथ लेवल एजेंट (BLA) हैं, लेकिन उन्होंने SIR की ड्राफ्ट लिस्ट में छूटे सिर्फ 2 लोगों के लिए आपत्ति जमा करवाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने आपत्ति जमा करवाने की अंतिम तारीख को 1 सितंबर से आगे बढ़ाने से मना कर दिया था. 'दावों की संख्या बढ़ी'शुक्रवार को कोर्ट में पेश हुए दोनों वकीलों ने कहा कि 1 अगस्त को ड्राफ्ट लिस्ट जारी हुई थी. इसके बाद पहले 3 सप्ताह में 80 हजार दावे आए थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के 1 सप्ताह के भीतर 95 हजार दावे दाखिल हुए इसलिए, आरजेडी समेत दूसरे दल आपत्ति दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. कोर्ट विचार को सहमतबेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सूर्य कांत ने पूछा कि याचिकाकर्ता पहले चुनाव आयोग से मांग क्यों नहीं कर रहे. इस पर प्रशांत भूषण ने जवाब दिया कि आयोग से अनुरोध किया गया था, लेकिन उसने समय नहीं बढ़ाया. इस पर कोर्ट ने मामले पर जल्द सुनवाई पर सहमति जताई. आयोग का स्टैंड14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि वह 1 अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट लिस्ट में जगह न पाने वाले 65 लाख लोगों की जिलावार सूची प्रकाशित करे. 22 अगस्त को हुई सुनवाई में आयोग ने कोर्ट को बताया कि उसने आदेश का पालन किया है. उसके अधिकारी लोगों की आपत्तियों को स्वीकार कर रहे हैं. एक भी योग्य मतदाता अंतिम सूची में नहीं छूटेगा. आधार भी मान्य दस्तावेजकोर्ट ने आयोग के इस जवाब पर संतोष जताया था. इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि जो लोग ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं हैं, वह पहले से मान्य दस्तावेजों के अलावा लोग आधार नंबर के जरिए भी लिस्ट में जगह पाने का आवेदन दे सकते हैं. साथ ही, लोग अपनी आपत्तियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से जमा करवा सकते हैं.

Aug 29, 2025 - 13:30
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बिहार SIR मामला : याचिकाकर्ताओं ने की आपत्ति दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग, कोर्ट ने 1 सितंबर को सुनवाई की बात कही

बिहार में मतदाता सूची सुधार अभियान (SIR) मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (1 सितंबर, 2025) को सुनवाई की सहमति दी है. इससे पहले कोर्ट ने 8 सितंबर को सुनवाई की बात कही थी. शुक्रवार को वकील प्रशांत भूषण और निजाम पाशा ने ड्राफ्ट लिस्ट में छूटे लोगों की तरफ से आपत्ति दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया. इस पर जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की बेंच ने मामला सोमवार को सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया.

पहले कोर्ट ने तारीख बढ़ाने से मना किया था
22 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को नसीहत दी थी कि वह मतदाताओं की सहायता करें. कोर्ट ने कहा था कि इन पार्टियों के 1 लाख 68 हजार बूथ लेवल एजेंट (BLA) हैं, लेकिन उन्होंने SIR की ड्राफ्ट लिस्ट में छूटे सिर्फ 2 लोगों के लिए आपत्ति जमा करवाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने आपत्ति जमा करवाने की अंतिम तारीख को 1 सितंबर से आगे बढ़ाने से मना कर दिया था.

'दावों की संख्या बढ़ी'
शुक्रवार को कोर्ट में पेश हुए दोनों वकीलों ने कहा कि 1 अगस्त को ड्राफ्ट लिस्ट जारी हुई थी. इसके बाद पहले 3 सप्ताह में 80 हजार दावे आए थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के 1 सप्ताह के भीतर 95 हजार दावे दाखिल हुए इसलिए, आरजेडी समेत दूसरे दल आपत्ति दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

कोर्ट विचार को सहमत
बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सूर्य कांत ने पूछा कि याचिकाकर्ता पहले चुनाव आयोग से मांग क्यों नहीं कर रहे. इस पर प्रशांत भूषण ने जवाब दिया कि आयोग से अनुरोध किया गया था, लेकिन उसने समय नहीं बढ़ाया. इस पर कोर्ट ने मामले पर जल्द सुनवाई पर सहमति जताई.

आयोग का स्टैंड
14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि वह 1 अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट लिस्ट में जगह न पाने वाले 65 लाख लोगों की जिलावार सूची प्रकाशित करे. 22 अगस्त को हुई सुनवाई में आयोग ने कोर्ट को बताया कि उसने आदेश का पालन किया है. उसके अधिकारी लोगों की आपत्तियों को स्वीकार कर रहे हैं. एक भी योग्य मतदाता अंतिम सूची में नहीं छूटेगा.

आधार भी मान्य दस्तावेज
कोर्ट ने आयोग के इस जवाब पर संतोष जताया था. इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि जो लोग ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं हैं, वह पहले से मान्य दस्तावेजों के अलावा लोग आधार नंबर के जरिए भी लिस्ट में जगह पाने का आवेदन दे सकते हैं. साथ ही, लोग अपनी आपत्तियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से जमा करवा सकते हैं.

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