बिना दवा के कंट्रोल करें हाई यूरिक एसिड? इन घरेलू नुस्खों से मिलेगी मदद
Home Remedies for Uric Acid: जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो यह गठिया, जोड़ों में दर्द, सूजन और किडनी स्टोन जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है. अक्सर लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन लंबे समय तक मेडिसिन लेने से शरीर पर साइड इफेक्ट भी पड़ सकते हैं. ऐसे में आयुर्वेद और घरेलू नुस्खों का सहारा लेना बेहतर विकल्प हो सकता है. इस मसले पर डॉ. हंसाजी का कहना है कि, “जीवनशैली और आहार में छोटे-छोटे बदलाव कर हम यूरिक एसिड को प्राकृतिक तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं. ये भी पढ़ें- क्या है जापान की माचा टी, जिससे कम हो जाता है कैंसर का खतरा; रिसर्च में दावा पानी ज्यादा पिएं शरीर से यूरिक एसिड बाहर निकालने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है ज्यादा पानी पीना. दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पीने से किडनी फ्लश होती है और शरीर में जमा टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं. खासकर सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीना काफी फायदेमंद माना जाता है. लौकी और खीरे का जूस हाई यूरिक एसिड के मरीजों को लौकी और खीरे का जूस जरूर शामिल करना चाहिए. यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है और यूरिक एसिड लेवल को संतुलित करने में मदद करता है. इसके अलावा यह जूस पाचन शक्ति भी मजबूत बनाता है. चेरी और बेरी का सेवन करें अनुसंधान बताते हैं कि चेरी और बेरी जैसे फलों में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. ये फल शरीर में जमा क्रिस्टल्स को घोलने और जोड़ों की सूजन कम करने में सहायक साबित होते हैं. त्रिफला और आंवला का सेवन आयुर्वेद में त्रिफला और आंवला को खून साफ करने और शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने के लिए बेहद प्रभावी माना गया है. रोज सुबह गुनगुने पानी के साथ त्रिफला पाउडर लेना या आंवले का जूस पीना यूरिक एसिड लेवल को घटाने में मदद करता है. डाइट में बदलाव यूरिक एसिड कंट्रोल करना चाहते हैं तो रेड मीट, दालें, राजमा, छोले और ज्यादा तैलीय भोजन से दूरी बनाना जरूरी है. साथ ही ज्यादा फ्रक्टोज वाले मीठे पेय पदार्थ और शराब का सेवन भी यूरिक एसिड बढ़ाने का काम करते हैं. योग और प्राणायाम का महत्व योगासन और प्राणायाम से भी शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और यूरिक एसिड की समस्या कम होती है. प्रतिदिन भुजंगासन, पवनमुक्तासन और कपालभाति करने से पाचन और किडनी की कार्यक्षमता बढ़ती है. इसे भी पढ़ें- अदरक खाने से सिर्फ फायदा ही नहीं होता, नुकसान भी पहुंचाती है यह चीज! जान लें हर बात Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Home Remedies for Uric Acid: जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो यह गठिया, जोड़ों में दर्द, सूजन और किडनी स्टोन जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है. अक्सर लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन लंबे समय तक मेडिसिन लेने से शरीर पर साइड इफेक्ट भी पड़ सकते हैं. ऐसे में आयुर्वेद और घरेलू नुस्खों का सहारा लेना बेहतर विकल्प हो सकता है.
इस मसले पर डॉ. हंसाजी का कहना है कि, “जीवनशैली और आहार में छोटे-छोटे बदलाव कर हम यूरिक एसिड को प्राकृतिक तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- क्या है जापान की माचा टी, जिससे कम हो जाता है कैंसर का खतरा; रिसर्च में दावा
पानी ज्यादा पिएं
शरीर से यूरिक एसिड बाहर निकालने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है ज्यादा पानी पीना. दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पीने से किडनी फ्लश होती है और शरीर में जमा टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं. खासकर सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीना काफी फायदेमंद माना जाता है.
लौकी और खीरे का जूस
हाई यूरिक एसिड के मरीजों को लौकी और खीरे का जूस जरूर शामिल करना चाहिए. यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है और यूरिक एसिड लेवल को संतुलित करने में मदद करता है. इसके अलावा यह जूस पाचन शक्ति भी मजबूत बनाता है.
चेरी और बेरी का सेवन करें
अनुसंधान बताते हैं कि चेरी और बेरी जैसे फलों में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. ये फल शरीर में जमा क्रिस्टल्स को घोलने और जोड़ों की सूजन कम करने में सहायक साबित होते हैं.
त्रिफला और आंवला का सेवन
आयुर्वेद में त्रिफला और आंवला को खून साफ करने और शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने के लिए बेहद प्रभावी माना गया है. रोज सुबह गुनगुने पानी के साथ त्रिफला पाउडर लेना या आंवले का जूस पीना यूरिक एसिड लेवल को घटाने में मदद करता है.
डाइट में बदलाव
यूरिक एसिड कंट्रोल करना चाहते हैं तो रेड मीट, दालें, राजमा, छोले और ज्यादा तैलीय भोजन से दूरी बनाना जरूरी है. साथ ही ज्यादा फ्रक्टोज वाले मीठे पेय पदार्थ और शराब का सेवन भी यूरिक एसिड बढ़ाने का काम करते हैं.
योग और प्राणायाम का महत्व
योगासन और प्राणायाम से भी शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और यूरिक एसिड की समस्या कम होती है. प्रतिदिन भुजंगासन, पवनमुक्तासन और कपालभाति करने से पाचन और किडनी की कार्यक्षमता बढ़ती है.
इसे भी पढ़ें- अदरक खाने से सिर्फ फायदा ही नहीं होता, नुकसान भी पहुंचाती है यह चीज! जान लें हर बात
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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