प्रियंगु: आपकी सेहत का रखवाला, त्वचा और पेट की बीमारियों में असरदार

Benefits of Priyangu: आयुर्वेद में इसके कई औषधीय गुण बताए गए हैं जिनमें इसके औषधीय गुण भी शामिल हैं. मित्रो में से एक उपयोगी पौधा है प्रियंगु, जिसे हिंदी में बिरमोली या धैया के नाम से भी जाना जाता है. यह पौधा प्राकृतिक गुणों से भरपूर होता है और कई प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी प्रश्न माने जाते हैं. नाम और वैज्ञानिक परिचय प्रियंगु का वैज्ञानिक नाम कैलीकारपा ग्रेफिला है, और इसे अंग्रेजी में 'सुगंधित चेरी' या 'ब्यूटी बेरी' कहा जाता है. भारत के अलग-अलग इलाकों में यह अलग-अलग जंगलों से जाना जाता है. संस्कृत में इसे वनिता, लता, शुभा, सुमांगा और प्रियंगु कहते हैं. इसे हिंदी में बिरमोली या धैया के नाम से जाना जाता है. बंगाली में इसे मथारा, मराठी में गुहुला, तमिल में नल्लू, मलयालम में चिंपोपिल, गुजराती में घनूला और नेपाली में दयालो कहा जाता है. त्रिदोषनाशक गुण (वात-पित्त-कफ का संतुलन) चरक संहिता के अनुसार प्रियंगु एक ऐसा औषधीय पौधा है जो शरीर के तीन दोष - वात, पित्त और कफ - को संतुलन में बनाए रखने में सहायक होता है. प्रियंगु का वैज्ञानिक नाम कैलीकार्पा फिशिला है. अंग्रेजी में इसे सुपरमार्केट चेरी या ब्यूटी बेरी कहा जाता है. विक्रय में उपयोग और औषधीय लाभ आयुर्वेद के मुताबिक प्रियंगु एक प्रभावशाली औषधीय पौधा है जिसका उपयोग कई रोगों के उपचार में किया जाता है. इसे खासतौर पर पेट दर्द, दस्त, पेचिश और मूत्र संक्रमण (UTI) जैसी परेशानियों में खास माना गया है. साथ ही यह त्वचा संबंधी रोगों जैसे खुजली, लाल चकत्ते और फोड़े-फुंसियों में भी राहत देता है. चरक संहिता में बताया गया है कि प्रियंगु वात और पित्त को शांत करने में मदद करता है, चेहरे की त्वचा की रंगत निखारता है और घावों को जल्दी भरने में मदद होता है. दांतों की समस्याओं के लिए भी यह बहुत उपयोगी है. त्रिफला, नागरमोथा और प्रियंगु को मिलाकर बनाया गया चूर्ण मसूड़ों की सूजन (शीताद) में आराम देने के लिए दांतों पर लगाया जाता है. सेवन से पहले सावधानी खानपान की गड़बड़ी से होने वाले रक्तातिसार और पित्त विकार में शल्लकी, तिनिश, सेमल, प्लक्ष छाल व प्रियंगु का चूर्ण शहद और दूध के साथ सेवन करना लाभकारी होता है. प्रियंगु के फूल और फल अपच, दस्त, पेट दर्द और पेचिश में भी उपयोगी हैं. इसके पत्ते, फूल, फल और जड़ औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. उपयोग से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है. ये भी पढ़ें- इस रंग का आ रहा पेशाब तो समझ जाएं किडनी हो गई खराब, तुरंत करें डॉक्टर से बात

Jun 12, 2025 - 20:30
 0
प्रियंगु: आपकी सेहत का रखवाला, त्वचा और पेट की बीमारियों में असरदार

Benefits of Priyangu: आयुर्वेद में इसके कई औषधीय गुण बताए गए हैं जिनमें इसके औषधीय गुण भी शामिल हैं. मित्रो में से एक उपयोगी पौधा है प्रियंगु, जिसे हिंदी में बिरमोली या धैया के नाम से भी जाना जाता है. यह पौधा प्राकृतिक गुणों से भरपूर होता है और कई प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी प्रश्न माने जाते हैं.

नाम और वैज्ञानिक परिचय

प्रियंगु का वैज्ञानिक नाम कैलीकारपा ग्रेफिला है, और इसे अंग्रेजी में 'सुगंधित चेरी' या 'ब्यूटी बेरी' कहा जाता है. भारत के अलग-अलग इलाकों में यह अलग-अलग जंगलों से जाना जाता है. संस्कृत में इसे वनिता, लता, शुभा, सुमांगा और प्रियंगु कहते हैं. इसे हिंदी में बिरमोली या धैया के नाम से जाना जाता है. बंगाली में इसे मथारा, मराठी में गुहुला, तमिल में नल्लू, मलयालम में चिंपोपिल, गुजराती में घनूला और नेपाली में दयालो कहा जाता है.

त्रिदोषनाशक गुण (वात-पित्त-कफ का संतुलन)

चरक संहिता के अनुसार प्रियंगु एक ऐसा औषधीय पौधा है जो शरीर के तीन दोष - वात, पित्त और कफ - को संतुलन में बनाए रखने में सहायक होता है. प्रियंगु का वैज्ञानिक नाम कैलीकार्पा फिशिला है. अंग्रेजी में इसे सुपरमार्केट चेरी या ब्यूटी बेरी कहा जाता है.

विक्रय में उपयोग और औषधीय लाभ

आयुर्वेद के मुताबिक प्रियंगु एक प्रभावशाली औषधीय पौधा है जिसका उपयोग कई रोगों के उपचार में किया जाता है. इसे खासतौर पर पेट दर्द, दस्त, पेचिश और मूत्र संक्रमण (UTI) जैसी परेशानियों में खास माना गया है. साथ ही यह त्वचा संबंधी रोगों जैसे खुजली, लाल चकत्ते और फोड़े-फुंसियों में भी राहत देता है. चरक संहिता में बताया गया है कि प्रियंगु वात और पित्त को शांत करने में मदद करता है, चेहरे की त्वचा की रंगत निखारता है और घावों को जल्दी भरने में मदद होता है. दांतों की समस्याओं के लिए भी यह बहुत उपयोगी है. त्रिफला, नागरमोथा और प्रियंगु को मिलाकर बनाया गया चूर्ण मसूड़ों की सूजन (शीताद) में आराम देने के लिए दांतों पर लगाया जाता है.

सेवन से पहले सावधानी

खानपान की गड़बड़ी से होने वाले रक्तातिसार और पित्त विकार में शल्लकी, तिनिश, सेमल, प्लक्ष छाल व प्रियंगु का चूर्ण शहद और दूध के साथ सेवन करना लाभकारी होता है. प्रियंगु के फूल और फल अपच, दस्त, पेट दर्द और पेचिश में भी उपयोगी हैं. इसके पत्ते, फूल, फल और जड़ औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. उपयोग से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है.

ये भी पढ़ें-

इस रंग का आ रहा पेशाब तो समझ जाएं किडनी हो गई खराब, तुरंत करें डॉक्टर से बात

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow