पीएम मोदी, पुतिन, जिनपिंग बने दुनिया की नई धुरी, जानें भारत को SCO समिट से मिली क्या 5 बड़ी चीजें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के लिए अपनी चीन यात्रा पूरी कर भारत लौट आए हैं. तिआनजिन में आयोजित इस बैठक से पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मुलाकात की तस्वीरें अमेरिका की नींद उड़ाने वाली है. ट्रंप के टैरिफ के बाद जितनी जल्दी दुनिया की राजनीति में बदलाव हुआ है उसका आकलन खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी नहीं किया होगा. पीएम मोदी की चीन यात्रा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है और ट्रंप पीएम मोदी के बीच संवाद टूटा हुआ है. इस साल क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए ट्रंप के भारत आने की उम्मीद नहीं है. तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में ट्रंप की धमकाने वाली रणनीति के खिलाफ एक नई धुरी बन गई है. भारत के लिए सफल रहा द्विपक्षीय बैठकें पीएम मोदी के 8 साल पर हुए चीन दौरे के दौरान शी जिनपिंग के साथ करीब 1 घंटे तक द्विपक्षीय बैठक हुई. व्लादिमीर पुतिन के साथ भी उनकी बैठक करीब 50 मिनट तक चली. शिखर सम्मेलन की सबसे यादगार तस्वीर तब सामन आई जब पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी द्विपक्षीय बैठक के लिए एक ही कार में साथ-साथ यात्रा कर रहे थे. ये बैठकें भारत के दृष्टिकोण से काफी सफल रही, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. इन द्विपक्षीय बैठकों के बाद भारत-चीन डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने की बात कही गई और दिसंबर 2025 में पुतिन की भारत यात्रा तय हो गई. तस्वीरों के जरिए ट्रंप को संदेश एससीओ सम्मेलन में द्विपक्षीय बैठकों से इतर पीएम मोदी, शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन की तिकड़ी के हाव-भाव यूरोप से लेकर वाशिंगटन डीसी तक नींद उड़ाने वाली रही. पीएम मोदी पुतिन के साथ हाथ में हाथ डाले उन्हें शी जिनपिंग से बातचीत के लिए ले गए. इन तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीरें या पुतिन की कार में पीएम मोदी का यात्रा स्पष्ट रूप से ट्रंप के लिए संदेश था, जो रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर एक्सट्रा टैरिफ लगा चुके हैं. पीएम मोदी और पुतिन का गले मिलने वाला वीडियो चीनी वेबसाइट Baidu पर नंबर वन ट्रेंड बन गया. पीएम मोदी और पुतिन का एक कार में सफर करना अलास्का में डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के एक ही कार में सफर करने के 15 दिन बाद पुतिन और पीएम मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल से द्विपक्षीय बैठक स्थल तक एक कार में ही सफर किए. इसका महत्व किसी से छिपा नहीं था. पुतिन ये चाहते थे कि पीएम मोदी उनके साथ ही कार में सफर करें इसके लिए उन्होंने 10 मिनट तक भारत के प्रधानमंत्री का इंतजार भी किया. दोनों नेताओं ने यात्रा के दौरान 10 मिनट और कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद कार में 45 मिनट तक बातचीत की. SCO ज्वाइंट स्टेटमेंट में पहलगाम आतंकी हमले को शामिल करना भारत के लिए एक बड़ी जीत इस बार एससीओ ज्वाइंट स्टेटमेंट में पहलगाम आतंकी हमले को शामिल करना था. एससीओ देशों ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड अस्वीकार्य हैं. ऐसा पिछली बैठक के दौरान नहीं हुआ था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ड्राफ्ट स्टेटमेंट पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया क्योंकि इसमें पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख नहीं था. एससीओ शिखर सम्मेलन में अपने भाषण में पीएम मोदी ने पूछा कि क्या कुछ देशों की ओर से आतंकवाद को खुला समर्थ हमें कभी स्वीकार्य हो सकता है? उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंड अस्वीकार्य हैं. यह सब उसी मेज पर पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की मौजूदगी में हुआ. पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन जंग पर की बात पीएम मोदी ने पिछले महीने व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बात की थी. एससीओ की बैठक से पहले सोमवार (1 सितंबर 2024) को पीएम मोदी ने जेलेंस्की से बात की. इसका साफ मतलब पुतिन तक एक संकेत पहुंचाना था. पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में यूक्रेन पर गहन चर्चा हुई. मोदी ने पुतिन से कहा, "हम यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर लगातार चर्चा कर रहे हैं. हम हाल के सभी शांति प्रयासों का स्वागत करते हैं. जल्द से जल्द जंग को समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने का कोई रास्ता निकालना होगा. यह पूरी मानवता की पुकार है." ये भी पढ़ें : पहलगाम हमले पर SCO ने मारा मुंह पर जूता, पाकिस्तान को लगी आग, फिर शहबाज ने अलापा सिंधु जल समझौते का राग

Sep 2, 2025 - 01:30
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पीएम मोदी, पुतिन, जिनपिंग बने दुनिया की नई धुरी, जानें भारत को SCO समिट से मिली क्या 5 बड़ी चीजें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के लिए अपनी चीन यात्रा पूरी कर भारत लौट आए हैं. तिआनजिन में आयोजित इस बैठक से पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मुलाकात की तस्वीरें अमेरिका की नींद उड़ाने वाली है. ट्रंप के टैरिफ के बाद जितनी जल्दी दुनिया की राजनीति में बदलाव हुआ है उसका आकलन खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी नहीं किया होगा.

पीएम मोदी की चीन यात्रा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है और ट्रंप पीएम मोदी के बीच संवाद टूटा हुआ है. इस साल क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए ट्रंप के भारत आने की उम्मीद नहीं है. तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में ट्रंप की धमकाने वाली रणनीति के खिलाफ एक नई धुरी बन गई है.

भारत के लिए सफल रहा द्विपक्षीय बैठकें

पीएम मोदी के 8 साल पर हुए चीन दौरे के दौरान शी जिनपिंग के साथ करीब 1 घंटे तक द्विपक्षीय बैठक हुई. व्लादिमीर पुतिन के साथ भी उनकी बैठक करीब 50 मिनट तक चली. शिखर सम्मेलन की सबसे यादगार तस्वीर तब सामन आई जब पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी द्विपक्षीय बैठक के लिए एक ही कार में साथ-साथ यात्रा कर रहे थे. ये बैठकें भारत के दृष्टिकोण से काफी सफल रही, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. इन द्विपक्षीय बैठकों के बाद भारत-चीन डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने की बात कही गई और दिसंबर 2025 में पुतिन की भारत यात्रा तय हो गई.

तस्वीरों के जरिए ट्रंप को संदेश

एससीओ सम्मेलन में द्विपक्षीय बैठकों से इतर पीएम मोदी, शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन की तिकड़ी के हाव-भाव यूरोप से लेकर वाशिंगटन डीसी तक नींद उड़ाने वाली रही. पीएम मोदी पुतिन के साथ हाथ में हाथ डाले उन्हें शी जिनपिंग से बातचीत के लिए ले गए.

इन तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीरें या पुतिन की कार में पीएम मोदी का यात्रा स्पष्ट रूप से ट्रंप के लिए संदेश था, जो रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर एक्सट्रा टैरिफ लगा चुके हैं. पीएम मोदी और पुतिन का गले मिलने वाला वीडियो चीनी वेबसाइट Baidu पर नंबर वन ट्रेंड बन गया.

पीएम मोदी और पुतिन का एक कार में सफर करना

अलास्का में डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के एक ही कार में सफर करने के 15 दिन बाद पुतिन और पीएम मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल से द्विपक्षीय बैठक स्थल तक एक कार में ही सफर किए. इसका महत्व किसी से छिपा नहीं था. पुतिन ये चाहते थे कि पीएम मोदी उनके साथ ही कार में सफर करें इसके लिए उन्होंने 10 मिनट तक भारत के प्रधानमंत्री का इंतजार भी किया. दोनों नेताओं ने यात्रा के दौरान 10 मिनट और कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद कार में 45 मिनट तक बातचीत की.

SCO ज्वाइंट स्टेटमेंट में पहलगाम आतंकी हमले को शामिल करना

भारत के लिए एक बड़ी जीत इस बार एससीओ ज्वाइंट स्टेटमेंट में पहलगाम आतंकी हमले को शामिल करना था. एससीओ देशों ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड अस्वीकार्य हैं. ऐसा पिछली बैठक के दौरान नहीं हुआ था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ड्राफ्ट स्टेटमेंट पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया क्योंकि इसमें पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख नहीं था.

एससीओ शिखर सम्मेलन में अपने भाषण में पीएम मोदी ने पूछा कि क्या कुछ देशों की ओर से आतंकवाद को खुला समर्थ हमें कभी स्वीकार्य हो सकता है? उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंड अस्वीकार्य हैं. यह सब उसी मेज पर पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की मौजूदगी में हुआ.

पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन जंग पर की बात

पीएम मोदी ने पिछले महीने व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बात की थी. एससीओ की बैठक से पहले सोमवार (1 सितंबर 2024) को पीएम मोदी ने जेलेंस्की से बात की. इसका साफ मतलब पुतिन तक एक संकेत पहुंचाना था. पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में यूक्रेन पर गहन चर्चा हुई. मोदी ने पुतिन से कहा, "हम यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर लगातार चर्चा कर रहे हैं. हम हाल के सभी शांति प्रयासों का स्वागत करते हैं. जल्द से जल्द जंग को समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने का कोई रास्ता निकालना होगा. यह पूरी मानवता की पुकार है."

ये भी पढ़ें : पहलगाम हमले पर SCO ने मारा मुंह पर जूता, पाकिस्तान को लगी आग, फिर शहबाज ने अलापा सिंधु जल समझौते का राग

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