जापान की यह कंपनी भारत में करेगी करोड़ों डॉलर का इंवेस्टमेंट, जमकर होगी युवाओं की हायरिंग
Rakuten Investment In India: जापान की इंटरनेट कंपनी राकुटेन भारत में इस साल कम से कम 100 मिलियन डॉलर का निवेश करने और स्टाफ की संख्या कम से कम 8 परसेंट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. कंपनी का मकसद अपने ग्लोबल ऑपरेशंस को मजबूत बनाना है. कंपनी के ही एक अधिकारी ने रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी. कई अहम सेक्टरों में फैला है कंपनी का कारोबार भारत में कंपनी के सीईओ सुनील गोपीनाथ ने कहा कि राकुटेन टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर और हायरिंग बढ़ाने के लिए कम से कम तीन अंकों के मिलियन डॉलर के इंवेस्टमेंट का प्लान बना रहा है. हालांकि, उन्होंने अमाउंट को लेकर पूरी जानकारी नहीं दी. जापान ने राकुटेन ग्रुप का कारोबार फिनटेक, ई-कॉमर्स और टेलीकॉम जैसे कई सेक्टर में फैला हुआ है. यह जापान का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, जिसे यहां का 'अमेजन' भी कहा जाता है. ऐसे लोगों को हायर करेगी कंपनी भारत में राकुटेन ग्रुप संग काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 4000 है. इनमें से 90 परसेंट टेक्नीकल स्टाफ है. कंपनी का प्लान ऐसे लोगों को हायर करने का है, जिन्हें एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की अच्छी समझ हो. इंडिया ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) जापान में पेमेंट ऐप राकुटेन पे और सिस्टम को ट्रैक करने वाले प्लेटफॉर्म SixthSense का इकलौता कंट्रीब्यूटर है. बता दें कि SixthSense एक एप्लीकेशन ऑब्जर्वेबिलिटी टूल है, जिसकी मदद से बिजनेस के इंफ्रास्ट्रक्चर और एप्लीकेशन को बेहतर बनाया जा सकता है. गोपीनाथ ने कहा, "यह (सिक्सथसेंस) लगभग शर्लक होम्स की तरह है इसलिए इसकी मदद से हम केवल यही नहीं पता लगा सकेंगे कि क्या हुआ है, बल्कि किसी समस्या के आने के पहले ही उसका अनुमान लगा सकेंगे.'' इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भारत में बैंक, हेल्थकेयर कंपनियां और सरकार भी करती हैं. ये भी पढ़ें: इंफाेसिस में फिर छंटनी- अब जॉब से निकाले जाएंगे 195 ट्रेनी कर्मचारी, इसलिए कंपनी ने उठाया ये कदम

Rakuten Investment In India: जापान की इंटरनेट कंपनी राकुटेन भारत में इस साल कम से कम 100 मिलियन डॉलर का निवेश करने और स्टाफ की संख्या कम से कम 8 परसेंट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. कंपनी का मकसद अपने ग्लोबल ऑपरेशंस को मजबूत बनाना है. कंपनी के ही एक अधिकारी ने रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी.
कई अहम सेक्टरों में फैला है कंपनी का कारोबार
भारत में कंपनी के सीईओ सुनील गोपीनाथ ने कहा कि राकुटेन टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर और हायरिंग बढ़ाने के लिए कम से कम तीन अंकों के मिलियन डॉलर के इंवेस्टमेंट का प्लान बना रहा है. हालांकि, उन्होंने अमाउंट को लेकर पूरी जानकारी नहीं दी. जापान ने राकुटेन ग्रुप का कारोबार फिनटेक, ई-कॉमर्स और टेलीकॉम जैसे कई सेक्टर में फैला हुआ है. यह जापान का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, जिसे यहां का 'अमेजन' भी कहा जाता है.
ऐसे लोगों को हायर करेगी कंपनी
भारत में राकुटेन ग्रुप संग काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 4000 है. इनमें से 90 परसेंट टेक्नीकल स्टाफ है. कंपनी का प्लान ऐसे लोगों को हायर करने का है, जिन्हें एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की अच्छी समझ हो. इंडिया ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) जापान में पेमेंट ऐप राकुटेन पे और सिस्टम को ट्रैक करने वाले प्लेटफॉर्म SixthSense का इकलौता कंट्रीब्यूटर है.
बता दें कि SixthSense एक एप्लीकेशन ऑब्जर्वेबिलिटी टूल है, जिसकी मदद से बिजनेस के इंफ्रास्ट्रक्चर और एप्लीकेशन को बेहतर बनाया जा सकता है. गोपीनाथ ने कहा, "यह (सिक्सथसेंस) लगभग शर्लक होम्स की तरह है इसलिए इसकी मदद से हम केवल यही नहीं पता लगा सकेंगे कि क्या हुआ है, बल्कि किसी समस्या के आने के पहले ही उसका अनुमान लगा सकेंगे.'' इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भारत में बैंक, हेल्थकेयर कंपनियां और सरकार भी करती हैं.
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