क्या है वॉटर बर्थ डिलीवरी, जिनमें पानी में जन्म लेता है बच्चा, प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए यह कितनी सेफ?
Water Birth Delivery: गर्भावस्था हर महिला के जीवन का सबसे खास और संवेदनशील समय होता है. इस दौरान मां न केवल अपने लिए, बल्कि अपने बच्चे के लिए भी सबसे सुरक्षित विकल्प चुनना चाहती है. डिलीवरी के समय ज्यादातर महिलाएं सामान्य या सीजेरियन डिलीवरी के बारे में ही सोचती हैं, लेकिन आजकल एक नया और प्राकृतिक तरीका भी लोकप्रिय हो रहा है, वॉटर बर्थ डिलीवरी. इसमें महिला गर्म पानी से भरे टब या पूल में बच्चे को जन्म देती है. डॉ. सुप्रिया बताती हैं कि, यह तकनीक दुनिया भर में अपनाई जा रही है और इसे लेकर महिलाओं में जागरूकता भी बढ़ रही है. यानी कुछ महिलाएं इस तरह से बेबी बर्थ करवाना चाहती हैं. ये भी पढ़े- शराब, सिगरेट या भांग... किसका नशा होता है सबसे खराब, एक्सपर्ट से जानें कौन सी चीज सबसे पहले करती है शरीर को डैमेज वॉटर बर्थ डिलीवरी क्या होती है? वॉटर बर्थ डिलीवरी में प्रसव प्रक्रिया पानी के अंदर होती है. इसमें महिला एक बड़े टब या पूल में बैठकर लेबर पेन का सामना करती है और बच्चे का जन्म भी पानी के अदंर ही होता है. कहा जाता है कि, यह तरीका मां और बच्चे दोनों के लिए नेचुरल और आरामदायक होता है, क्योंकि पानी का गर्म तापमान शरीर को रिलैक्स करता है और डिलीवरी की प्रक्रिया को आसान बनाता है. वॉटर बर्थ डिलीवरी के फायदे कम दर्द का अनुभव – पानी में होने से शरीर रिलैक्स हो जाता है, जिससे लेबर पेन थोड़ा कम महसूस होता है कम तनाव और डर – गर्म पानी मानसिक तनाव को घटाने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है सीजेरियन की संभावना कम – कई रिसर्च में पाया गया है कि वॉटर बर्थ डिलीवरी से सी-सेक्शन का खतरा कम हो सकता है बेबी के लिए आरामदायक माहौल – बच्चा नौ महीनों तक मां की कोख में फ्लूड (पानी जैसे वातावरण) में ही रहता है, इसलिए पानी में जन्म लेने से उसे ज्यादा सहज महसूस होता है रिकवरी जल्दी होती है – पानी की वजह से डिलीवरी के दौरान शरीर पर अधिक दबाव नहीं पड़ता और मां जल्दी रिकवर कर पाती है वॉटर बर्थ डिलीवरी आधुनिक समय में मां और बच्चे दोनों के लिए एक नेचुरल और कम दर्द वाला अनुभव हो सकता है. हालांकि, इसे अपनाने से पहले अपनी मेडिकल हिस्ट्री और सेहत को ध्यान में रखकर डॉक्टर से सलाह जरूर लें. सही परिस्थितियों में यह तकनीक न केवल सुरक्षित है, बल्कि महिलाओं के लिए एक सुखद और यादगार अनुभव भी बन सकती है. इसे भी पढ़ें- बच्चों के लिए सोने का सही वक्त कौन-सा, जानें कब और कितना सोना सबसे सही? Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Water Birth Delivery: गर्भावस्था हर महिला के जीवन का सबसे खास और संवेदनशील समय होता है. इस दौरान मां न केवल अपने लिए, बल्कि अपने बच्चे के लिए भी सबसे सुरक्षित विकल्प चुनना चाहती है. डिलीवरी के समय ज्यादातर महिलाएं सामान्य या सीजेरियन डिलीवरी के बारे में ही सोचती हैं, लेकिन आजकल एक नया और प्राकृतिक तरीका भी लोकप्रिय हो रहा है, वॉटर बर्थ डिलीवरी. इसमें महिला गर्म पानी से भरे टब या पूल में बच्चे को जन्म देती है.
डॉ. सुप्रिया बताती हैं कि, यह तकनीक दुनिया भर में अपनाई जा रही है और इसे लेकर महिलाओं में जागरूकता भी बढ़ रही है. यानी कुछ महिलाएं इस तरह से बेबी बर्थ करवाना चाहती हैं.
वॉटर बर्थ डिलीवरी क्या होती है?
वॉटर बर्थ डिलीवरी में प्रसव प्रक्रिया पानी के अंदर होती है. इसमें महिला एक बड़े टब या पूल में बैठकर लेबर पेन का सामना करती है और बच्चे का जन्म भी पानी के अदंर ही होता है. कहा जाता है कि, यह तरीका मां और बच्चे दोनों के लिए नेचुरल और आरामदायक होता है, क्योंकि पानी का गर्म तापमान शरीर को रिलैक्स करता है और डिलीवरी की प्रक्रिया को आसान बनाता है.
वॉटर बर्थ डिलीवरी के फायदे
- कम दर्द का अनुभव – पानी में होने से शरीर रिलैक्स हो जाता है, जिससे लेबर पेन थोड़ा कम महसूस होता है
- कम तनाव और डर – गर्म पानी मानसिक तनाव को घटाने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है
- सीजेरियन की संभावना कम – कई रिसर्च में पाया गया है कि वॉटर बर्थ डिलीवरी से सी-सेक्शन का खतरा कम हो सकता है
- बेबी के लिए आरामदायक माहौल – बच्चा नौ महीनों तक मां की कोख में फ्लूड (पानी जैसे वातावरण) में ही रहता है, इसलिए पानी में जन्म लेने से उसे ज्यादा सहज महसूस होता है
- रिकवरी जल्दी होती है – पानी की वजह से डिलीवरी के दौरान शरीर पर अधिक दबाव नहीं पड़ता और मां जल्दी रिकवर कर पाती है
वॉटर बर्थ डिलीवरी आधुनिक समय में मां और बच्चे दोनों के लिए एक नेचुरल और कम दर्द वाला अनुभव हो सकता है. हालांकि, इसे अपनाने से पहले अपनी मेडिकल हिस्ट्री और सेहत को ध्यान में रखकर डॉक्टर से सलाह जरूर लें. सही परिस्थितियों में यह तकनीक न केवल सुरक्षित है, बल्कि महिलाओं के लिए एक सुखद और यादगार अनुभव भी बन सकती है.
इसे भी पढ़ें- बच्चों के लिए सोने का सही वक्त कौन-सा, जानें कब और कितना सोना सबसे सही?
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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