कोरोना के बढ़ते मामलों पर क्या कह रहे हैं डॉक्टर, जानें पैनिक होने की क्यों नहीं है जरूरत

Covid-19 New Wave: आप सुबह उठते ही मोबाइल खोलते हैं और एक के बाद एक कोरोना मामलों की खबरें आपकी स्क्रीन पर आने लगती हैं. सोशल मीडिया, न्यूज चैनल्स और आस-पास के लोग, सभी एक ही बात कर रहे हैं, "फिर से बढ़ रहे हैं कोरोना के केस!" ऐसे में डर का माहौल बनना लाज़मी है. लेकिन क्या वाकई घबराने की जरूरत है? या अब हमारे पास इतना अनुभव और साधन हैं कि हम इस स्थिति को समझदारी से संभाल सकते हैं? कोरोना केस क्यों फिर से बढ़ रहे हैं? विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम परिवर्तन, भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का कम इस्तेमाल और वैक्सीन की बूस्टर डोज ना लगवाना, इन सब कारणों से मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि इन केसों को देखा जाए तो ये पहले जैसी खतरनाक स्थिति में नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है. कोरोना अब हमारे बीच एक सामान्य संक्रमण की तरह बन चुका है. अधिकतर मामलों में लक्षण हल्के होते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है. जिन लोगों को वैक्सीन की सभी डोज मिल चुकी हैं, उनके लिए खतरा बहुत कम है. यानी डरने की जगह जागरूक रहने की जरूरत है.  ये भी पढ़े- ये गजब के फायदे जानने के बाद बासी रोटी नहीं फेंक पाएंगे आप, जान लीजिए खाने का तरीका कैसे रखें खुद का और अपनो का ख्याल  मास्क का दोबारा इस्तेमाल शुरू करें: खासकर भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से पहले दस बार सोचें या फिर मास्क लगाकर निकलें.हाथों की सफाई पर ध्यान दें: समय-समय पर हाथ धोना या सैनिटाइजर का प्रयोग करना न भूलें. हल्के लक्षणों को न करें नजरअंदाज: ज़ुकाम, गले में खराश, बुखार या थकान जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और खुद को आइसोलेट करें. बूस्टर डोज लगवा लें: अगर आपने अब तक बूस्टर नहीं लिया है तो देरी न करें, जल्द से जल्द लगवाएं. बुजुर्गों और बीमार लोगों का खास ख्याल रखें: इन लोगों के लिए  कोरोना अब भी खतरनाक हो सकता है.  कोरोना का नाम सुनते ही पुराना डर जहन में लौट आता है, लेकिन अब समय है उस डर को समझदारी से बदलने का, डॉक्टरों का मानना है कि घबराने की नहीं, बल्कि जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि अब हमारे पास अनुभव, वैक्सीनेशन और मेडिकल सुविधा तीनों हैं.  ये भी पढ़ें: युवाओं में तेजी से फैल रही यह बीमारी, 'साइलेंट किलर' की तरह बनाती है शिकार Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

May 22, 2025 - 12:30
 0
कोरोना के बढ़ते मामलों पर क्या कह रहे हैं डॉक्टर, जानें पैनिक होने की क्यों नहीं है जरूरत

Covid-19 New Wave: आप सुबह उठते ही मोबाइल खोलते हैं और एक के बाद एक कोरोना मामलों की खबरें आपकी स्क्रीन पर आने लगती हैं. सोशल मीडिया, न्यूज चैनल्स और आस-पास के लोग, सभी एक ही बात कर रहे हैं, "फिर से बढ़ रहे हैं कोरोना के केस!" ऐसे में डर का माहौल बनना लाज़मी है. लेकिन क्या वाकई घबराने की जरूरत है? या अब हमारे पास इतना अनुभव और साधन हैं कि हम इस स्थिति को समझदारी से संभाल सकते हैं?

कोरोना केस क्यों फिर से बढ़ रहे हैं?

विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम परिवर्तन, भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का कम इस्तेमाल और वैक्सीन की बूस्टर डोज ना लगवाना, इन सब कारणों से मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि इन केसों को देखा जाए तो ये पहले जैसी खतरनाक स्थिति में नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है. कोरोना अब हमारे बीच एक सामान्य संक्रमण की तरह बन चुका है. अधिकतर मामलों में लक्षण हल्के होते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है. जिन लोगों को वैक्सीन की सभी डोज मिल चुकी हैं, उनके लिए खतरा बहुत कम है. यानी डरने की जगह जागरूक रहने की जरूरत है. 

ये भी पढ़े- ये गजब के फायदे जानने के बाद बासी रोटी नहीं फेंक पाएंगे आप, जान लीजिए खाने का तरीका

कैसे रखें खुद का और अपनो का ख्याल 

मास्क का दोबारा इस्तेमाल शुरू करें: खासकर भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से पहले दस बार सोचें या फिर मास्क लगाकर निकलें.
हाथों की सफाई पर ध्यान दें: समय-समय पर हाथ धोना या सैनिटाइजर का प्रयोग करना न भूलें. 
हल्के लक्षणों को न करें नजरअंदाज: ज़ुकाम, गले में खराश, बुखार या थकान जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और खुद को आइसोलेट करें. 
बूस्टर डोज लगवा लें: अगर आपने अब तक बूस्टर नहीं लिया है तो देरी न करें, जल्द से जल्द लगवाएं. 
बुजुर्गों और बीमार लोगों का खास ख्याल रखें: इन लोगों के लिए  कोरोना अब भी खतरनाक हो सकता है. 

कोरोना का नाम सुनते ही पुराना डर जहन में लौट आता है, लेकिन अब समय है उस डर को समझदारी से बदलने का, डॉक्टरों का मानना है कि घबराने की नहीं, बल्कि जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि अब हमारे पास अनुभव, वैक्सीनेशन और मेडिकल सुविधा तीनों हैं. 

ये भी पढ़ें: युवाओं में तेजी से फैल रही यह बीमारी, 'साइलेंट किलर' की तरह बनाती है शिकार

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow