किसने मारा था सहवाग को घूंसा, क्या है कहानी, पढ़िए टीम इंडिया कोच से जुड़ा किस्सा
रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स गौतम गंभीर की सख्ती पर चर्चा कर रहे हैं. वर्तमान में टीम इंडिया के हेड कोच गंभीर टीम में स्टार कल्चर को खत्म करना चाहते हैं. कुछ रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि गंभीर उन युवा खिलाड़ियों को सीनियर प्लेयर्स से आगे रखने पर जोर देंगे, जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. गंभीर जब हेड कोच नियुक्त किए गए थे तब माना जा रहा था कि वह सीनियर प्लेयर्स का स्टार कल्चर चलने नहीं देंगे, अब ऐसा है या नहीं वो तो पता नहीं लेकिन इतना तो है कि अपने अभी तक के कोचिंग करियर में उनका विराट और रोहित के साथ अच्छा रिश्ता ही नजर आया है. लेकिन उन्हें अपनी बातों को सीधे तरीके से रखने के लिए भी जाना जाता है. अनिल कुंबले को भी सख्त कोच माना जाता था, उन्होंने हर खिलाड़ियों के लिए बराबर के नियम बनाए थे. अनिल कुंबले और विराट कोहली में विवाद! दोनों के बीच विवाद की ख़बरें आई थी. कहा जाता था कि कुंबले सभी प्लेयर्स को एक सम्मान ट्रीट करते थे, वार्म-अप या अभ्यास के दौरान भी किसी प्लेयर को कोई छूट नहीं दी जाती थी, उस समय कोहली के हाथों में टीम की कमान थी. जब दोनों के बीच अनबन की ख़बरें आई तो अनिल कुंबले ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जब कोच ने पकड़ ली थी सहवाग की कॉलर सचिन तेंदुलकर तक वीरेंद्र सहवाग को नॉन-स्ट्राइक से बोलते थे कि संभलकर बल्लेबाजी करो, रिस्क मत लेना लेकिन वह उनकी भी नहीं मानते थे. एक बार तो विदेशी कोच अपनी बातों को अनसुना किए जाने के बाद इतना गुस्सा हो गए थे कि उन्होंने सहवाग को धक्का दिया और उनको मार भी दिया था. सहवाग भी इस लड़ाई की पुष्टि कई मंच से कर चुके हैं, हालांकि उस दौरान ये मामला दबा दिया गया था. उन्होंने बताया था कि मैं लगातार बड़े शॉट खेलने के प्रयास में आउट हो जा रहा था, इससे कोच गुस्सा थे. श्रीलंका के खिलाफ जब मैं ऐसे ही आउट होकर पवेलियन लौटा तो उन्होंने मेरा कॉलर पकड़ लिया, धक्का मार दिया. सौरव गांगुली तब कप्तान थे, उनके पास ये मामला गया तो उन्होंने इसकी शिकायत राजीव शुक्ला से की थी. फिर कोच जॉन इसकी सफाई में कहा कि उन्होंने थप्पड़ नहीं मारा, सिर्फ धक्का मारा था. राजीव शुक्ला, सचिन द्वारा समझाए जाने के बाद सहवाग का गुस्सा शांत हो गया था और वह मान गए थे कि कोच को माफ़ी मांगने की जरुरत नहीं है. इससे पहले सभी अड़ गए थे कि कोच को सहवाग से माफ़ी मांगनी पड़ेगी. रवि शास्त्री का बतौर टीम इंडिया हेड कोच कार्यकाल 4 साल का रहा, उनके विराट कोहली के साथ अच्छे रिश्ते रहे. उनके लगभग हर प्लेयर के साथ अच्छा रिश्ता था. उन्हें कूल कोच के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने शायद किसी खिलाड़ी के साथ ज्यादा सख्तियां नहीं की. गैरी कर्स्टन जब कोच थे, भारत ने एमएस धोनी की कप्तानी में 2011 वर्ल्ड कप खिताब जीता था. उनके कोचिंग में भारत ने 33 में से 16 टेस्ट जीते थे जबकि सिर्फ 6 मैचों में हार मिली. 93 वनडे मैचों में 59 में जीत और 29 हार. टी20 की बात करें तो 18 मैचों में वह कोच थे, जिसमें से 9 में जीत और इतने में ही हार का सामना करना पड़ा. उनके समय में टीम इंडिया में दिग्गज खिलाड़ी अपने अंतिम पड़ाव पर थे, युवा खिलाड़ियों का दबदबा बन रहा था. ये रोहित शर्मा, विराट कोहली, एमएस धोनी जैसे दिग्गजों के क्रिकेट करियर का शुरूआती दौर था. ग्रेग चैपल सख्त कोच थे? ग्रेग चैपल के कोचिंग करियर को याद किया जाता है तो सौरव गांगुली का नाम भी आता है, जिन्हे चैपल ने कप्तानी से ही हटा दिया था. दोनों के बीच काफी विवाद हुआ था. उन्होंने ना सिर्फ गांगुली को हटाकर द्रविड़ को कप्तान बनाया बल्कि गांगुली को वनडे टीम से ही बाहर कर दिया था.

रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स गौतम गंभीर की सख्ती पर चर्चा कर रहे हैं. वर्तमान में टीम इंडिया के हेड कोच गंभीर टीम में स्टार कल्चर को खत्म करना चाहते हैं. कुछ रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि गंभीर उन युवा खिलाड़ियों को सीनियर प्लेयर्स से आगे रखने पर जोर देंगे, जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
गंभीर जब हेड कोच नियुक्त किए गए थे तब माना जा रहा था कि वह सीनियर प्लेयर्स का स्टार कल्चर चलने नहीं देंगे, अब ऐसा है या नहीं वो तो पता नहीं लेकिन इतना तो है कि अपने अभी तक के कोचिंग करियर में उनका विराट और रोहित के साथ अच्छा रिश्ता ही नजर आया है. लेकिन उन्हें अपनी बातों को सीधे तरीके से रखने के लिए भी जाना जाता है. अनिल कुंबले को भी सख्त कोच माना जाता था, उन्होंने हर खिलाड़ियों के लिए बराबर के नियम बनाए थे.
अनिल कुंबले और विराट कोहली में विवाद!
दोनों के बीच विवाद की ख़बरें आई थी. कहा जाता था कि कुंबले सभी प्लेयर्स को एक सम्मान ट्रीट करते थे, वार्म-अप या अभ्यास के दौरान भी किसी प्लेयर को कोई छूट नहीं दी जाती थी, उस समय कोहली के हाथों में टीम की कमान थी. जब दोनों के बीच अनबन की ख़बरें आई तो अनिल कुंबले ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
जब कोच ने पकड़ ली थी सहवाग की कॉलर
सचिन तेंदुलकर तक वीरेंद्र सहवाग को नॉन-स्ट्राइक से बोलते थे कि संभलकर बल्लेबाजी करो, रिस्क मत लेना लेकिन वह उनकी भी नहीं मानते थे. एक बार तो विदेशी कोच अपनी बातों को अनसुना किए जाने के बाद इतना गुस्सा हो गए थे कि उन्होंने सहवाग को धक्का दिया और उनको मार भी दिया था.
सहवाग भी इस लड़ाई की पुष्टि कई मंच से कर चुके हैं, हालांकि उस दौरान ये मामला दबा दिया गया था. उन्होंने बताया था कि मैं लगातार बड़े शॉट खेलने के प्रयास में आउट हो जा रहा था, इससे कोच गुस्सा थे. श्रीलंका के खिलाफ जब मैं ऐसे ही आउट होकर पवेलियन लौटा तो उन्होंने मेरा कॉलर पकड़ लिया, धक्का मार दिया.
सौरव गांगुली तब कप्तान थे, उनके पास ये मामला गया तो उन्होंने इसकी शिकायत राजीव शुक्ला से की थी. फिर कोच जॉन इसकी सफाई में कहा कि उन्होंने थप्पड़ नहीं मारा, सिर्फ धक्का मारा था. राजीव शुक्ला, सचिन द्वारा समझाए जाने के बाद सहवाग का गुस्सा शांत हो गया था और वह मान गए थे कि कोच को माफ़ी मांगने की जरुरत नहीं है. इससे पहले सभी अड़ गए थे कि कोच को सहवाग से माफ़ी मांगनी पड़ेगी.
रवि शास्त्री का बतौर टीम इंडिया हेड कोच कार्यकाल 4 साल का रहा, उनके विराट कोहली के साथ अच्छे रिश्ते रहे. उनके लगभग हर प्लेयर के साथ अच्छा रिश्ता था. उन्हें कूल कोच के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने शायद किसी खिलाड़ी के साथ ज्यादा सख्तियां नहीं की.
गैरी कर्स्टन जब कोच थे, भारत ने एमएस धोनी की कप्तानी में 2011 वर्ल्ड कप खिताब जीता था. उनके कोचिंग में भारत ने 33 में से 16 टेस्ट जीते थे जबकि सिर्फ 6 मैचों में हार मिली. 93 वनडे मैचों में 59 में जीत और 29 हार. टी20 की बात करें तो 18 मैचों में वह कोच थे, जिसमें से 9 में जीत और इतने में ही हार का सामना करना पड़ा. उनके समय में टीम इंडिया में दिग्गज खिलाड़ी अपने अंतिम पड़ाव पर थे, युवा खिलाड़ियों का दबदबा बन रहा था. ये रोहित शर्मा, विराट कोहली, एमएस धोनी जैसे दिग्गजों के क्रिकेट करियर का शुरूआती दौर था.
ग्रेग चैपल सख्त कोच थे?
ग्रेग चैपल के कोचिंग करियर को याद किया जाता है तो सौरव गांगुली का नाम भी आता है, जिन्हे चैपल ने कप्तानी से ही हटा दिया था. दोनों के बीच काफी विवाद हुआ था. उन्होंने ना सिर्फ गांगुली को हटाकर द्रविड़ को कप्तान बनाया बल्कि गांगुली को वनडे टीम से ही बाहर कर दिया था.
What's Your Reaction?






