एयर इंडिया प्लेन क्रैश पर पूर्व IAF चीफ का बड़ा दावा, बोले- ‘ऐन मौके पर इंजन में...’

Ex-IAF Chief on Ahmedabad Plane Crash: पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अरूप राहा (सेवानिवृत्त) ने शनिवार (14 जून, 2025) को अहमदाबाद प्लेन क्रैश को लेकर दावा किया है. पूर्व वायुसेना अध्यक्ष ने दावा किया कि गुरुवार (12 जून) को अहमदाबाद हवाई अड्डे के निकट दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान के इंजन में निश्चित रूप से महत्वपूर्ण चरण में ऊर्जा बाधित हो गई थी और उसे ठीक करने का कोई समय नहीं था. उन्होंने कहा, “दुर्घटना के पीछे ईंधन में मिलावट और सॉफ्टवेयर और नियंत्रण प्रणालियों में गड़बड़ी जैसे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं. राहा ने कुछ लोगों की ओर से जताई गई तोड़फोड़ की आशंका को खारिज करते हुए कहा, “सभी तरह की अटकलों से बचना चाहिए और नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) की ओर से जांच पूरी होने तक इंतजार किया जाना चाहिए.” विमान में सवार 241 यात्रियों के अलावा कई और की भी हुई मौत अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रही एयर इंडिया की उड़ान AI171 गुरुवार (12 जून) को सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल कॉलेज परिसर की इमारतों से टकरा गया, जिससे विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई और जमीन पर भी कई अन्य लोग मारे गए. पूर्व वायुसेना प्रमुख ने रक्षा क्षेत्र में MSME की भूमिका पर ICC के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बहुत दुखद और हृदय विदारक है. इतने सारे लोग एक साथ मारे गए. अभी यह कहना बहुत मुश्किल है कि क्या गलत हुआ है.’’ अरबों मामले में से एक है दोनों इंजनों की ऊर्जा बाधित होना- राहा उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से ऊर्जा में कमी आई और एक महत्वपूर्ण चरण में जब आप जमीन से हवा में उड़ रहे हैं, आपकी ऊंचाई कम है. संभलने का कोई समय नहीं था और इंजन की शक्ति में कमी के परिणामस्वरूप विमान रुक जाएगा और विमान फिर बहुत तेजी से नीचे गिरेगा और दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा और यही हुआ था.’’ वायुसेना के पूर्व अधिकारी ने कहा, “बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के इंजन धकेलते हैं और एक साथ दोनों इंजनों की ऊर्जा बाधित होना बहुत दुर्लभ है. शायद एक अरब मामलों में एक है.” राहा ने कहा कि यह कहना कठिन है कि कहां गलती हुई. उन्होंने अन्य संभावनाओं के बारे में भी बात की. जांच पूरी होने तक हमें कोई दावा नहीं करनी चाहिए- राहा राहा ने कहा, ‘‘सॉफ्टवेयर में कोई समस्या हो सकती है, नियंत्रण (प्रणाली) में कुछ समस्या हो सकती है, ईंधन में संदूषण हो सकता है. लेकिन मैं तोड़फोड़ की बात पर विश्वास नहीं करता. ऊर्जा आपूर्ति बंद हो जाना किसी गड़बड़ी का संकेत है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब तक डीजीसीए और सरकार की अन्य एजेंसियां ​​जांच पूरी नहीं कर लेतीं, हमें कोई बेबुनियाद दावा नहीं करना चाहिए.’’ मुझे लगता है जांच होनी चाहिए- राहा राहा ने जमीन पर काम करने वाले कर्मियों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें विमान की ओर से उठाए गए वजन का प्रमाण पत्र देना होता है. राहा ने कहा, ‘‘जमीन पर मौजूद इन सूचनाओं के आधार पर पायलट उड़ान भरता है. आप निर्धारित आंकड़ों में कई किलोग्राम नहीं जोड़ सकते. लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि जांच से कारण और कारक सामने आएंगे.’’ वायुसेना के पूर्व अधिकारी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण पक्षी का टकराना हो सकता है. राहा ने कहा, ‘‘उनकी अपनी ही कंपनी के व्हिसलब्लोअर की ओर से शिकायतें की गई थीं. मुझे लगता है कि उनकी जांच होनी चाहिए.’’ इससे पहले आईसीसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने विमान इंजन का निर्माण देश में ही करने की वकालत की.

Jun 14, 2025 - 23:30
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एयर इंडिया प्लेन क्रैश पर पूर्व IAF चीफ का बड़ा दावा, बोले- ‘ऐन मौके पर इंजन में...’

Ex-IAF Chief on Ahmedabad Plane Crash: पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अरूप राहा (सेवानिवृत्त) ने शनिवार (14 जून, 2025) को अहमदाबाद प्लेन क्रैश को लेकर दावा किया है. पूर्व वायुसेना अध्यक्ष ने दावा किया कि गुरुवार (12 जून) को अहमदाबाद हवाई अड्डे के निकट दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के विमान के इंजन में निश्चित रूप से महत्वपूर्ण चरण में ऊर्जा बाधित हो गई थी और उसे ठीक करने का कोई समय नहीं था.

उन्होंने कहा, “दुर्घटना के पीछे ईंधन में मिलावट और सॉफ्टवेयर और नियंत्रण प्रणालियों में गड़बड़ी जैसे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं. राहा ने कुछ लोगों की ओर से जताई गई तोड़फोड़ की आशंका को खारिज करते हुए कहा, “सभी तरह की अटकलों से बचना चाहिए और नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) की ओर से जांच पूरी होने तक इंतजार किया जाना चाहिए.”

विमान में सवार 241 यात्रियों के अलावा कई और की भी हुई मौत

अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रही एयर इंडिया की उड़ान AI171 गुरुवार (12 जून) को सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल कॉलेज परिसर की इमारतों से टकरा गया, जिससे विमान में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई और जमीन पर भी कई अन्य लोग मारे गए.

पूर्व वायुसेना प्रमुख ने रक्षा क्षेत्र में MSME की भूमिका पर ICC के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बहुत दुखद और हृदय विदारक है. इतने सारे लोग एक साथ मारे गए. अभी यह कहना बहुत मुश्किल है कि क्या गलत हुआ है.’’

अरबों मामले में से एक है दोनों इंजनों की ऊर्जा बाधित होना- राहा

उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से ऊर्जा में कमी आई और एक महत्वपूर्ण चरण में जब आप जमीन से हवा में उड़ रहे हैं, आपकी ऊंचाई कम है. संभलने का कोई समय नहीं था और इंजन की शक्ति में कमी के परिणामस्वरूप विमान रुक जाएगा और विमान फिर बहुत तेजी से नीचे गिरेगा और दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा और यही हुआ था.’’

वायुसेना के पूर्व अधिकारी ने कहा, “बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के इंजन धकेलते हैं और एक साथ दोनों इंजनों की ऊर्जा बाधित होना बहुत दुर्लभ है. शायद एक अरब मामलों में एक है.” राहा ने कहा कि यह कहना कठिन है कि कहां गलती हुई. उन्होंने अन्य संभावनाओं के बारे में भी बात की.

जांच पूरी होने तक हमें कोई दावा नहीं करनी चाहिए- राहा

राहा ने कहा, ‘‘सॉफ्टवेयर में कोई समस्या हो सकती है, नियंत्रण (प्रणाली) में कुछ समस्या हो सकती है, ईंधन में संदूषण हो सकता है. लेकिन मैं तोड़फोड़ की बात पर विश्वास नहीं करता. ऊर्जा आपूर्ति बंद हो जाना किसी गड़बड़ी का संकेत है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक डीजीसीए और सरकार की अन्य एजेंसियां ​​जांच पूरी नहीं कर लेतीं, हमें कोई बेबुनियाद दावा नहीं करना चाहिए.’’

मुझे लगता है जांच होनी चाहिए- राहा

राहा ने जमीन पर काम करने वाले कर्मियों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें विमान की ओर से उठाए गए वजन का प्रमाण पत्र देना होता है. राहा ने कहा, ‘‘जमीन पर मौजूद इन सूचनाओं के आधार पर पायलट उड़ान भरता है. आप निर्धारित आंकड़ों में कई किलोग्राम नहीं जोड़ सकते. लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि जांच से कारण और कारक सामने आएंगे.’’

वायुसेना के पूर्व अधिकारी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण पक्षी का टकराना हो सकता है. राहा ने कहा, ‘‘उनकी अपनी ही कंपनी के व्हिसलब्लोअर की ओर से शिकायतें की गई थीं. मुझे लगता है कि उनकी जांच होनी चाहिए.’’ इससे पहले आईसीसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने विमान इंजन का निर्माण देश में ही करने की वकालत की.

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