एम्स में कैसे करवा सकते हैं कैंसर का इलाज, जान लीजिए ओपीडी से लेकर कीमो तक पूरा खर्चा

AIIMS Cancer Treatment Cost: अगर कैंसर की बीमारी हो जाए तो सबसे पहले ख्याल आता है कि, इसका खर्चा कितना आएगा, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि, प्राइवेट अस्पतालों में हर इंसान तो इलाज नहीं करवा सकता है. इसलिए ज्यादातर लोग देश के सबसे बड़े सरकारी संस्थान एम्स में कैंसर का इलाज करवाने का सोचते हैं. लेकिन कुछ लोगों को यहां के खर्च के बारे में जानकारी नहीं होती, आज हम आपको इसी पर पूरी जानकारी देंगे. डॉ. विनीत गोविंदा गुप्ता का कहना है कि, यहां कैंसर का बेहतरीन तरीके से किया जाता है. कीमो और सर्जरी तक सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जाती हैं. साथ ही उन्होंने खर्चा कितना आएगा, इसके बारे में भी जानकारी दी है. ये भी पढ़े- क्या सिर्फ पतले लोग ही होते हैं हेल्दी? क्या कहते हैं एक्सपर्ट ओपीडी में कितना खर्च आता है अगर किसी मरीज को कैंसर की आशंका है या पहले से कैंसर डायग्नोस हो चुका है, तो सबसे पहले उसे एम्स की ऑन्कोलॉजी ओपीडी में दिखाना होता है. ओपीडी की रजिस्ट्रेशन फीस मात्र 10 से 50 रुपये होती है. यहां विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज की जांच करते हैं और जरुरत पड़ने पर आगे के टेस्ट्स (जैसे बायोप्सी, ब्लड टेस्ट, इमेजिंग स्कैन आदि) लिखते हैं. ये सभी जांचें प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में बहुत कम खर्च पर हो जाती हैं. टेस्ट और डायग्नोसिस कैंसर का सही इलाज तभी संभव है जब उसकी स्टेज और प्रकार का पता चल सके. एम्स में ब्लड टेस्ट्स, CT स्कैन, MRI, PET स्कैन जैसी एडवांस सुविधाएँ उपलब्ध हैं. यहां ये जांचें प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में लगभग 70–80 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं. आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए अस्पताल की सोशल वेलफेयर स्कीम भी मददगार होती है. कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का खर्च कैंसर मरीजों के लिए कीमोथेरेपी सबसे महत्वपूर्ण ट्रीटमेंट्स में से एक है. एम्स में एक कीमो सेशन का खर्च औसतन 10,000 से 30,000 रुपये तक होता है, जबकि डियोथेरेपी में 3,000 से शुरू होती है कई जेनेरिक दवाइयां एम्स की फार्मेसी से कम दाम पर उपलब्ध कराई जाती हैं. जरूरत पड़ने पर मरीज सरकारी योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत योजना या राज्य सरकार की हेल्थ स्कीम से भी फायदा उठा सकते हैं. सर्जरी और रेडिएशन कुछ कैंसर मरीजों को सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी की जरुरत होती है. एम्स में कैंसर सर्जरी की फीस कुछ हजार रुपये तक ही रहती है. रेडिएशन थेरेपी के भी चार्जेस न्यूनतम होते हैं, जो सामान्य परिवार वहन कर सकते हैं. यहां अत्याधुनिक लिनियर एक्सीलरेटर मशीन और रेडियोथेरेपी के आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं. एम्स में कई ऐसे फंड्स और स्कीमें मौजूद हैं, जिनकी मदद से गरीब मरीजों का इलाज लगभग मुफ्त या बेहद कम खर्च में हो जाता है. प्रधानमंत्री राहत कोष, राज्य सरकार राहत कोष, और AIIMS सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट से आर्थिक मदद मिल सकती है. इसे भी पढ़ें- विटामिन B12 की कमी से हो सकती है यह खतरनाक बीमारी, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Aug 21, 2025 - 18:30
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एम्स में कैसे करवा सकते हैं कैंसर का इलाज, जान लीजिए ओपीडी से लेकर कीमो तक पूरा खर्चा

AIIMS Cancer Treatment Cost: अगर कैंसर की बीमारी हो जाए तो सबसे पहले ख्याल आता है कि, इसका खर्चा कितना आएगा, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि, प्राइवेट अस्पतालों में हर इंसान तो इलाज नहीं करवा सकता है. इसलिए ज्यादातर लोग देश के सबसे बड़े सरकारी संस्थान एम्स में कैंसर का इलाज करवाने का सोचते हैं. लेकिन कुछ लोगों को यहां के खर्च के बारे में जानकारी नहीं होती, आज हम आपको इसी पर पूरी जानकारी देंगे.

डॉ. विनीत गोविंदा गुप्ता का कहना है कि, यहाकैंसर का बेहतरीन तरीके से किया जाता है. कीमो और सर्जरी तक सभी सुविधाए एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जाती हैं. साथ ही उन्होंने खर्चा कितना आएगा, इसके बारे में भी जानकारी दी है.

ये भी पढ़े- क्या सिर्फ पतले लोग ही होते हैं हेल्दी? क्या कहते हैं एक्सपर्ट

ओपीडी में कितना खर्च आता है

  • अगर किसी मरीज को कैंसर की आशंका है या पहले से कैंसर डायग्नोस हो चुका है, तो सबसे पहले उसे एम्स की ऑन्कोलॉजी ओपीडी में दिखाना होता है.
  • ओपीडी की रजिस्ट्रेशन फीस मात्र 10 से 50 रुपये होती है.
  • यहा विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज की जांच करते हैं और जरुरत पड़ने पर आगे के टेस्ट्स (जैसे बायोप्सी, ब्लड टेस्ट, इमेजिंग स्कैन आदि) लिखते हैं.
  • ये सभी जांचें प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में बहुत कम खर्च पर हो जाती हैं.

टेस्ट और डायग्नोसिस

  • कैंसर का सही इलाज तभी संभव है जब उसकी स्टेज और प्रकार का पता चल सके.
  • एम्स में ब्लड टेस्ट्स, CT स्कैन, MRI, PET स्कैन जैसी एडवांस सुविधाएँ उपलब्ध हैं.
  • यहा ये जांचें प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में लगभग 7080 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं.
  • आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए अस्पताल की सोशल वेलफेयर स्कीम भी मददगार होती है.

कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का खर्च

  • कैंसर मरीजों के लिए कीमोथेरेपी सबसे महत्वपूर्ण ट्रीटमेंट्स में से एक है.
  • एम्स में एक कीमो सेशन का खर्च औसतन 10,000 से 30,000 रुपये तक होता है, जबकि डियोथेरेपी में 3,000 से शुरू होती है
  • कई जेनेरिक दवाइया एम्स की फार्मेसी से कम दाम पर उपलब्ध कराई जाती हैं.
  • जरूरत पड़ने पर मरीज सरकारी योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत योजना या राज्य सरकार की हेल्थ स्कीम से भी फायदा उठा सकते हैं.

सर्जरी और रेडिएशन

  • कुछ कैंसर मरीजों को सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी की जरुरत होती है.
  • एम्स में कैंसर सर्जरी की फीस कुछ हजार रुपये तक ही रहती है.
  • रेडिएशन थेरेपी के भी चार्जेस न्यूनतम होते हैं, जो सामान्य परिवार वहन कर सकते हैं.
  • यहाअत्याधुनिक लिनियर एक्सीलरेटर मशीन और रेडियोथेरेपी के आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं.
  • एम्स में कई ऐसे फंड्स और स्कीमें मौजूद हैं, जिनकी मदद से गरीब मरीजों का इलाज लगभग मुफ्त या बेहद कम खर्च में हो जाता है.
  • प्रधानमंत्री राहत कोष, राज्य सरकार राहत कोष, और AIIMS सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट से आर्थिक मदद मिल सकती है.

इसे भी पढ़ें- विटामिन B12 की कमी से हो सकती है यह खतरनाक बीमारी, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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