'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' की थीम पर दुनिया में मनाया गया योग दिवस, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा में किया योग
International Yoga Day 2025: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संबलपुर में आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लिया और इसे एक अद्वितीय अनुभव बताया. उन्होंने मां समलेश्वरी पीठ परिसर और महानदी नदी के तट पर स्थानीय लोगों, छात्रों और विभिन्न संगठनों के साथ योग किया. इस मौके पर उन्होंने कहा, “स्कूलों से लेकर यूनिवर्सिटीज तक के छात्रों, स्वयंसेवकों, सामाजिक संगठनों, सरकारी एजेंसियों और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर संबलपुर में योग करना मेरे लिए एक खास अनुभव रहा." धर्मेंद्र प्रधान ने इस आयोजन के लिए संबलपुर जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया और सभी को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं. ‘ଏକ ପୃଥିବୀ, ଏକ ସ୍ୱାସ୍ଥ୍ୟ ପାଇଁ ଯୋଗ’୧୧ତମ ‘ଅନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ଯୋଗ ଦିବସ’ ଅବସରରେ ସମ୍ବଲପୁରର ମାଆ ସମଲେଶ୍ୱରୀଙ୍କ ପୀଠ ଓ ମହାନଦୀର ଉପକୂଳ ଅଞ୍ଚଳରେ ସମ୍ବଲପୁରର ଜନତା ବିଶେଷ ଭାବରେ ସ୍କୁଲରୁ ବିଶ୍ୱବିଦ୍ୟାଳୟ ସ୍ତରର ଛାତ୍ରଛାତ୍ରୀ, ସ୍ୱେଚ୍ଛାସେବୀ, ସାମାଜିକ ସଂଗଠନ, ସରକାରୀ ସଂସ୍ଥା ଏବଂ ଅନ୍ୟାନ୍ୟ ସଂଗଠନର ବନ୍ଧୁମାନଙ୍କ ସହ ଯୋଗ… pic.twitter.com/Pl8hWwOKFP — Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 21, 2025 21 जून 2015 को जब राजपथ पर पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह पहल एक दिन दुनिया का सबसे बड़ा जन आंदोलन बन जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 84 देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और लगभग 21 योगासन किए. प्रधानमंत्री मोदी भी इस योग सत्र में स्वयं उपस्थित रहे. पहले ही योग डे कार्यक्रम में बने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड इस पहले आयोजन में दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बने. पहला, दुनिया की सबसे बड़ी योग कक्षा, जिसमें 35,985 प्रतिभागियों ने एक साथ भाग लिया. दूसरा, सबसे ज़्यादा देशों की एक साथ भागीदारी, यानी 84 देश एक ही मंच पर योग करते नजर आए. इस दिन गुजरात के सूरत में भी एक बड़ा योग आयोजन हुआ, जिसमें 1.47 लाख से अधिक लोग शामिल हुए. पहले साल की सफलता के बाद हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में भाग लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ती गई. 2023 में, दुनियाभर से 23.4 करोड़ लोगों ने योग दिवस के कार्यक्रमों में भाग लिया, जो इस आयोजन की वैश्विक स्वीकृति और लोकप्रियता को दर्शाता है. राजपथ से शुरू हुआ यह सफर अब दुनिया के कोने-कोने तक पहुंच चुका है. ये भी पढ़ें- Sonia Gandhi on Israel Iran War: 'ईरान भारत का पुराना दोस्त, दूसरी ओर इजरायल...', मिडिल ईस्ट में छिड़ी जंग पर सोनिया गांधी का आया रिएक्शन

International Yoga Day 2025: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संबलपुर में आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लिया और इसे एक अद्वितीय अनुभव बताया. उन्होंने मां समलेश्वरी पीठ परिसर और महानदी नदी के तट पर स्थानीय लोगों, छात्रों और विभिन्न संगठनों के साथ योग किया.
इस मौके पर उन्होंने कहा, “स्कूलों से लेकर यूनिवर्सिटीज तक के छात्रों, स्वयंसेवकों, सामाजिक संगठनों, सरकारी एजेंसियों और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर संबलपुर में योग करना मेरे लिए एक खास अनुभव रहा." धर्मेंद्र प्रधान ने इस आयोजन के लिए संबलपुर जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया और सभी को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं.
‘ଏକ ପୃଥିବୀ, ଏକ ସ୍ୱାସ୍ଥ୍ୟ ପାଇଁ ଯୋଗ’
୧୧ତମ ‘ଅନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ଯୋଗ ଦିବସ’ ଅବସରରେ ସମ୍ବଲପୁରର ମାଆ ସମଲେଶ୍ୱରୀଙ୍କ ପୀଠ ଓ ମହାନଦୀର ଉପକୂଳ ଅଞ୍ଚଳରେ ସମ୍ବଲପୁରର ଜନତା ବିଶେଷ ଭାବରେ ସ୍କୁଲରୁ ବିଶ୍ୱବିଦ୍ୟାଳୟ ସ୍ତରର ଛାତ୍ରଛାତ୍ରୀ, ସ୍ୱେଚ୍ଛାସେବୀ, ସାମାଜିକ ସଂଗଠନ, ସରକାରୀ ସଂସ୍ଥା ଏବଂ ଅନ୍ୟାନ୍ୟ ସଂଗଠନର ବନ୍ଧୁମାନଙ୍କ ସହ ଯୋଗ… pic.twitter.com/Pl8hWwOKFP — Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 21, 2025
21 जून 2015 को जब राजपथ पर पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह पहल एक दिन दुनिया का सबसे बड़ा जन आंदोलन बन जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 84 देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और लगभग 21 योगासन किए. प्रधानमंत्री मोदी भी इस योग सत्र में स्वयं उपस्थित रहे.
पहले ही योग डे कार्यक्रम में बने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
इस पहले आयोजन में दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बने. पहला, दुनिया की सबसे बड़ी योग कक्षा, जिसमें 35,985 प्रतिभागियों ने एक साथ भाग लिया. दूसरा, सबसे ज़्यादा देशों की एक साथ भागीदारी, यानी 84 देश एक ही मंच पर योग करते नजर आए. इस दिन गुजरात के सूरत में भी एक बड़ा योग आयोजन हुआ, जिसमें 1.47 लाख से अधिक लोग शामिल हुए.
पहले साल की सफलता के बाद हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में भाग लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ती गई. 2023 में, दुनियाभर से 23.4 करोड़ लोगों ने योग दिवस के कार्यक्रमों में भाग लिया, जो इस आयोजन की वैश्विक स्वीकृति और लोकप्रियता को दर्शाता है. राजपथ से शुरू हुआ यह सफर अब दुनिया के कोने-कोने तक पहुंच चुका है.
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