इस राज्य में समोसा-जलेबी पर बैन लगाने जा रही सरकार? CM ने सामने आकर दे दिया जवाब
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने समोसा और जलेबी जैसे लोकप्रिय नाश्ते पर प्रतिबंध लगाने संबंधी खबरों को खारिज करते हुए मंगलवार (15 जुलाई, 2025) को कहा कि उनकी सरकार ऐसा कोई निर्देश लागू नहीं करेगी. ममता की यह टिप्पणी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सभी मंत्रालयों और विभागों से समोसा, कचौड़ी, पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, शीतल पेय, गुलाब जामुन और वड़ापाव जैसे नाश्ते में मौजूद चीनी और तेल की मात्रा का जिक्र करने वाले बोर्ड लगाने का आग्रह करने के बाद आई है, ताकि स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया जा सके और मोटापे से निपटा जा सके. समोसा जलेबी बैन करने को लेकर ममता ने क्या कहा ?तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मीडिया में आई कुछ खबरों में बताया गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के आधार पर अब से समोसे/जलेबी नहीं खाए जा सकते. यह पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी कोई अधिसूचना नहीं है. हम हर मामले में दखल नहीं दे रहे हैं. हम इसे लागू नहीं करेंगे. मुझे लगता है कि समोसे और जलेबी दूसरे राज्यों में भी लोकप्रिय हैं. उन राज्यों के लोग भी इन खाद्य पदार्थों को पसंद करते हैं. हमें लोगों की खान-पान की आदतों में दखल नहीं देना चाहिए.” स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए हैं निर्देशस्वास्थ्य मंत्रालय ने मोटापे से लड़ने को लेकर सभी आधिकारिक स्टेशनरी जैसे लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फोल्डर और प्रकाशनों पर स्वास्थ्य संदेश मुद्रित करने का भी आह्वान किया है. हालांकि, तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने इस सलाह को फतवा करार दिया और घोषणा की कि राज्य इसे लागू नहीं करेगा. घोष ने कहा, “केंद्र की नजर समोसे और जलेबी पर है. तरह-तरह के फतवे जारी किए जा रहे हैं. ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में ऐसे फतवे लागू नहीं किए जाएंगे.” उन्होंने कहा कि लोगों को इन पकवानों का आनंद लेने की पूरी आजादी है, बशर्ते इनकी गुणवत्ता बनी रहे. घोष ने कहा, “कौन क्या और कैसे खाता है; बंगाल में इस पर कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.” उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या समोसे और जलेबी सिगरेट की तरह हैं, जिनके संबंध में वैधानिक चेतावनी देने की आवश्यकता होती है. ये भी पढ़ें: 200 रुपए में देख पाएंगे कोई भी फिल्म, नहीं देनी होगी ज्यादा कीमत, इस राज्य ने जारी कर दिया नोटिफिकेशन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने समोसा और जलेबी जैसे लोकप्रिय नाश्ते पर प्रतिबंध लगाने संबंधी खबरों को खारिज करते हुए मंगलवार (15 जुलाई, 2025) को कहा कि उनकी सरकार ऐसा कोई निर्देश लागू नहीं करेगी.
ममता की यह टिप्पणी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सभी मंत्रालयों और विभागों से समोसा, कचौड़ी, पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, शीतल पेय, गुलाब जामुन और वड़ापाव जैसे नाश्ते में मौजूद चीनी और तेल की मात्रा का जिक्र करने वाले बोर्ड लगाने का आग्रह करने के बाद आई है, ताकि स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया जा सके और मोटापे से निपटा जा सके.
समोसा जलेबी बैन करने को लेकर ममता ने क्या कहा ?
तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मीडिया में आई कुछ खबरों में बताया गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के आधार पर अब से समोसे/जलेबी नहीं खाए जा सकते. यह पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी कोई अधिसूचना नहीं है. हम हर मामले में दखल नहीं दे रहे हैं. हम इसे लागू नहीं करेंगे. मुझे लगता है कि समोसे और जलेबी दूसरे राज्यों में भी लोकप्रिय हैं. उन राज्यों के लोग भी इन खाद्य पदार्थों को पसंद करते हैं. हमें लोगों की खान-पान की आदतों में दखल नहीं देना चाहिए.”
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए हैं निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मोटापे से लड़ने को लेकर सभी आधिकारिक स्टेशनरी जैसे लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड, फोल्डर और प्रकाशनों पर स्वास्थ्य संदेश मुद्रित करने का भी आह्वान किया है. हालांकि, तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने इस सलाह को फतवा करार दिया और घोषणा की कि राज्य इसे लागू नहीं करेगा.
घोष ने कहा, “केंद्र की नजर समोसे और जलेबी पर है. तरह-तरह के फतवे जारी किए जा रहे हैं. ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में ऐसे फतवे लागू नहीं किए जाएंगे.” उन्होंने कहा कि लोगों को इन पकवानों का आनंद लेने की पूरी आजादी है, बशर्ते इनकी गुणवत्ता बनी रहे. घोष ने कहा, “कौन क्या और कैसे खाता है; बंगाल में इस पर कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.”
उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या समोसे और जलेबी सिगरेट की तरह हैं, जिनके संबंध में वैधानिक चेतावनी देने की आवश्यकता होती है.
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