अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच पीएम मोदी का जापान दौरा, क्या रहेगा फोकस में प्रधानमंत्री ने खुद बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (28 अगस्त, 2025) को जापान और चीन के पांच दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय, रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करना है. अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है. सबसे पहले पीएम मोदी जापान जाएंगे, जहां वे 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. यह दौरा जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के निमंत्रण पर हो रहा है. रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी पर फोकसपीएम मोदी ने कहा कि यात्रा के दौरान दोनों देश अपनी रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के अगले चरण पर काम करेंगे. इसमें व्यापार, निवेश और रक्षा संबंधों को बढ़ाने के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सेमीकंडक्टर जैसी नई तकनीकों में सहयोग का विस्तार होगा. सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूतीमोदी ने कहा कि यह यात्रा भारत और जापान के सभ्यतागत बंधनों और सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूत करने का अवसर बनेगी. जापान के बाद मोदी 30 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन जाएंगे. यहां वे राष्ट्रपति शी चिनफिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 25वीं बैठक में शामिल होंगे. Over the next few days, will be in Japan and China to attend various bilateral and multilateral programmes. In Japan, will take part in the 15th Annual India-Japan Summit and hold talks with PM Shigeru Ishiba. The focus would be on deepening our Special Strategic and Global… — Narendra Modi (@narendramodi) August 28, 2025 भारत की भूमिका और प्रतिबद्धतापीएम मोदी ने कहा कि भारत एससीओ का सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है. अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत ने नवाचार, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में नए विचार पेश किए हैं. भारत साझा चुनौतियों से निपटने और क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. वैश्विक नेताओं से मुलाकातमोदी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. सात साल में यह उनकी पहली चीन यात्रा होगी. इस दौरान "मेक इन इंडिया" पहल को मजबूत करने के लिए वैश्विक समर्थन जुटाने पर जोर रहेगा. अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच अहम दौरा अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच पीएम मोदी का यह दौरा रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है. उम्मीद है कि जापान, चीन और रूस का सहयोग भारत को अमेरिकी टैरिफ के असर को कम करने में मदद करेगा. मोदी ने विश्वास जताया कि इन यात्राओं से राष्ट्रीय हितों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व विकास को बढ़ावा मिलेगा.

Aug 29, 2025 - 01:30
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अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच पीएम मोदी का जापान दौरा, क्या रहेगा फोकस में प्रधानमंत्री ने खुद बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (28 अगस्त, 2025) को जापान और चीन के पांच दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय, रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करना है. अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है. सबसे पहले पीएम मोदी जापान जाएंगे, जहां वे 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. यह दौरा जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के निमंत्रण पर हो रहा है.

रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी पर फोकस
पीएम मोदी ने कहा कि यात्रा के दौरान दोनों देश अपनी रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के अगले चरण पर काम करेंगे. इसमें व्यापार, निवेश और रक्षा संबंधों को बढ़ाने के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सेमीकंडक्टर जैसी नई तकनीकों में सहयोग का विस्तार होगा.

सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूती
मोदी ने कहा कि यह यात्रा भारत और जापान के सभ्यतागत बंधनों और सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूत करने का अवसर बनेगी. जापान के बाद मोदी 30 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन जाएंगे. यहां वे राष्ट्रपति शी चिनफिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 25वीं बैठक में शामिल होंगे.

भारत की भूमिका और प्रतिबद्धता
पीएम मोदी ने कहा कि भारत एससीओ का सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है. अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत ने नवाचार, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में नए विचार पेश किए हैं. भारत साझा चुनौतियों से निपटने और क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

वैश्विक नेताओं से मुलाकात
मोदी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. सात साल में यह उनकी पहली चीन यात्रा होगी. इस दौरान "मेक इन इंडिया" पहल को मजबूत करने के लिए वैश्विक समर्थन जुटाने पर जोर रहेगा.

अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच अहम दौरा 
अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच पीएम मोदी का यह दौरा रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है. उम्मीद है कि जापान, चीन और रूस का सहयोग भारत को अमेरिकी टैरिफ के असर को कम करने में मदद करेगा. मोदी ने विश्वास जताया कि इन यात्राओं से राष्ट्रीय हितों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व विकास को बढ़ावा मिलेगा.

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