'अगले 20 सालों तक वहीं बैठोगे...', संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान किस पर भड़के अमित शाह

लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान काफी हंगामा हुआ. विदेश मंत्री एस जयशंकर के संबोधन के दौरान विपक्ष बार-बार शोर कर रहा था. विपक्ष के हंगामे को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भड़क गए. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भारत के विदेश मंत्री पर नहीं, पाकिस्तान पर भरोसा है. इसलिए वे उधर बैठे हैं और अगले 20 वर्षों तक वहीं बैठने वाले हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "मुझे इस बात पर आपत्ति है कि भारत देश की शपथ लिए हुए विदेश मंत्री यहां बोल रहे हैं, उन पर भरोसा नहीं है, बल्कि किसी और देश पर भरोसा है. मैं समझ सकता हूं कि उनकी पार्टी में विदेश का क्या महत्व है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी पार्टी की सभी बातें यहां सदन में थोपी जाएं. भारत के विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं करोगे. यही कारण है कि वे वहां (विपक्षी बेंचों पर) बैठे हैं और अगले 20 वर्षों तक वहीं बैठने वाले हैं." 'सच नहीं सुन पा रहा है विपक्ष' - अमित शाह उन्होंने आगे कहा, "जब उनके अध्यक्ष बोल रहे थे, तो हम उन्हें धैर्यपूर्वक सुन रहे थे. मैं आपको कल बताऊंगा कि उन्होंने कितने झूठ बोले हैं. अब वे सच भी नहीं सुन पा रहे हैं. बैठे-बैठे सबको टोका-टाकी करना सबको आता है. ऐसा नहीं है कि हमें नहीं आता है. मगर, जब इतने गंभीर विषय पर चर्चा हो रही हो तो सरकार के प्रमुख विभाग के मंत्री को बोलते हुए टोकना क्या ये विपक्ष को शोभा देता है? अध्यक्ष जी, आप उन्हें समझाइए, वरना हम भी बाद में अपने सदस्यों को कुछ नहीं समझा पाएंगे." ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले जयशंकर वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है, खासकर जब यह पाकिस्तान से शुरू होता है. उन्होंने यह भी साफ किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई. जयशंकर ने कहा, "22 अप्रैल से 17 जून के बीच पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई."

Jul 29, 2025 - 10:30
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'अगले 20 सालों तक वहीं बैठोगे...', संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान किस पर भड़के अमित शाह

लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान काफी हंगामा हुआ. विदेश मंत्री एस जयशंकर के संबोधन के दौरान विपक्ष बार-बार शोर कर रहा था. विपक्ष के हंगामे को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भड़क गए. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भारत के विदेश मंत्री पर नहीं, पाकिस्तान पर भरोसा है. इसलिए वे उधर बैठे हैं और अगले 20 वर्षों तक वहीं बैठने वाले हैं.

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "मुझे इस बात पर आपत्ति है कि भारत देश की शपथ लिए हुए विदेश मंत्री यहां बोल रहे हैं, उन पर भरोसा नहीं है, बल्कि किसी और देश पर भरोसा है. मैं समझ सकता हूं कि उनकी पार्टी में विदेश का क्या महत्व है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी पार्टी की सभी बातें यहां सदन में थोपी जाएं. भारत के विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं करोगे. यही कारण है कि वे वहां (विपक्षी बेंचों पर) बैठे हैं और अगले 20 वर्षों तक वहीं बैठने वाले हैं."

'सच नहीं सुन पा रहा है विपक्ष' - अमित शाह

उन्होंने आगे कहा, "जब उनके अध्यक्ष बोल रहे थे, तो हम उन्हें धैर्यपूर्वक सुन रहे थे. मैं आपको कल बताऊंगा कि उन्होंने कितने झूठ बोले हैं. अब वे सच भी नहीं सुन पा रहे हैं. बैठे-बैठे सबको टोका-टाकी करना सबको आता है. ऐसा नहीं है कि हमें नहीं आता है. मगर, जब इतने गंभीर विषय पर चर्चा हो रही हो तो सरकार के प्रमुख विभाग के मंत्री को बोलते हुए टोकना क्या ये विपक्ष को शोभा देता है? अध्यक्ष जी, आप उन्हें समझाइए, वरना हम भी बाद में अपने सदस्यों को कुछ नहीं समझा पाएंगे."

ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले जयशंकर

वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है, खासकर जब यह पाकिस्तान से शुरू होता है. उन्होंने यह भी साफ किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई. जयशंकर ने कहा, "22 अप्रैल से 17 जून के बीच पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई."

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