UP के गांवों के पानी में फैल रहा 'जहर', क्रोमियम डंप पर NGT सख्त, चीफ सेक्रेटरी को दिया बड़ा आदेश
NGT Big Action On Chromium Pollution: क्रोमियम प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहे यूपी के गांवों को अब जल्द राहत मिलने की उम्मीद नजर आ रही है. एनजीटी में यूपी सरकार के अधिकारियों की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताते हुए यूपी के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया है कि वह क्रोमियम प्रदूषण से प्रभावित गांवों में तत्काल और प्रभावी कदम उठाते हुए करवाई करे. दरअसल यह मामला कानपुर देहात के रनिया और कानपुर नगर के राखी मंड और फतेहपुर डिस्ट्रिक्ट में फैले क्रोमियम डंप से जुड़ा है. जहां के गांव वाले पीने की पानी की कमी और स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान है. NGT ने दिया अहम आदेश NGT की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और ए सेंथिल बिल की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि कानपुर के इन गांव में पीने और अन्य काम के लिए पर्याप्त पानी की आपूर्ति तक नहीं हो पा रही है. वही फतेहपुर डिस्ट्रिक्ट के धरौली गांव में कराए गए रेंडम ब्लड टेस्ट में क्रोमियम और मरकरी जैसी भारी धातुओं की मौजूदगी से हेल्थ पर बुरा असर पाया गया है. मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने कहा की अब समय है कि इस मामले में तुरंत कदम उठाए जाएं. एनजीटी ने कहा कि हमें लगता है कि अब तक गंभीर प्रयासों की इस मामले में भारी कमी रही और अधिकारी शायद अब तक इस मुद्दे की गंभीरता को नहीं समझ पाए. एनजीटी ने कहा पीड़ित गांववालों को कम से कम आवश्यक मात्रा में साफ पीने की पानी की आपूर्ति तुरंत सुनिश्चित की जाए और साथ ही क्रोमियम के फैलाव को रोकने के हम उपाय किए जाएं. NGT में एमिकस क्यूरी ने दी अहम जानकारी NGT में एडवोकेट कात्यायनी जो इस मामले में एमिकस क्यूरी रूप में नियुक्त की गई है. उन्होंने एनजीटी में गांव की स्थिति और प्रशासन की उदासीनता की जानकारी दी. इसके बाद एनजीटी ने यह भी निर्देश दिया की यूपी सरकार ग्रामीणों को हर संभव मेडिकल सहायता मुहैया करवाये और डिस्ट्रिक्ट में जांच की उचित व्यवस्था की जाए ताकि प्रदूषण से स्वास्थ्य पर हो रहे असर का समय रहते पता लगाया जा सके. फिलहाल एनजीटी अब इस मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई को करेगा. हालांकि एनजीटी ने यूपी सरकार से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल करने के लिए कहा है.

NGT Big Action On Chromium Pollution: क्रोमियम प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहे यूपी के गांवों को अब जल्द राहत मिलने की उम्मीद नजर आ रही है. एनजीटी में यूपी सरकार के अधिकारियों की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताते हुए यूपी के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया है कि वह क्रोमियम प्रदूषण से प्रभावित गांवों में तत्काल और प्रभावी कदम उठाते हुए करवाई करे.
दरअसल यह मामला कानपुर देहात के रनिया और कानपुर नगर के राखी मंड और फतेहपुर डिस्ट्रिक्ट में फैले क्रोमियम डंप से जुड़ा है. जहां के गांव वाले पीने की पानी की कमी और स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान है.
NGT ने दिया अहम आदेश
NGT की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और ए सेंथिल बिल की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि कानपुर के इन गांव में पीने और अन्य काम के लिए पर्याप्त पानी की आपूर्ति तक नहीं हो पा रही है. वही फतेहपुर डिस्ट्रिक्ट के धरौली गांव में कराए गए रेंडम ब्लड टेस्ट में क्रोमियम और मरकरी जैसी भारी धातुओं की मौजूदगी से हेल्थ पर बुरा असर पाया गया है. मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने कहा की अब समय है कि इस मामले में तुरंत कदम उठाए जाएं. एनजीटी ने कहा कि हमें लगता है कि अब तक गंभीर प्रयासों की इस मामले में भारी कमी रही और अधिकारी शायद अब तक इस मुद्दे की गंभीरता को नहीं समझ पाए. एनजीटी ने कहा पीड़ित गांववालों को कम से कम आवश्यक मात्रा में साफ पीने की पानी की आपूर्ति तुरंत सुनिश्चित की जाए और साथ ही क्रोमियम के फैलाव को रोकने के हम उपाय किए जाएं.
NGT में एमिकस क्यूरी ने दी अहम जानकारी
NGT में एडवोकेट कात्यायनी जो इस मामले में एमिकस क्यूरी रूप में नियुक्त की गई है. उन्होंने एनजीटी में गांव की स्थिति और प्रशासन की उदासीनता की जानकारी दी. इसके बाद एनजीटी ने यह भी निर्देश दिया की यूपी सरकार ग्रामीणों को हर संभव मेडिकल सहायता मुहैया करवाये और डिस्ट्रिक्ट में जांच की उचित व्यवस्था की जाए ताकि प्रदूषण से स्वास्थ्य पर हो रहे असर का समय रहते पता लगाया जा सके. फिलहाल एनजीटी अब इस मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई को करेगा. हालांकि एनजीटी ने यूपी सरकार से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल करने के लिए कहा है.
What's Your Reaction?






