Solar Eclipse 2025: सूर्य ग्रहण की छाया क्या Baba Vanga की भविष्यवाणियों को सच कर सकती है? जानें ग्रहण के वैश्विक प्रभाव और खतरे!

Solar Eclipse 2025: साल 2025 के दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण को लेकर खगोलविद के साथ आम लोग भी इस खगोलीय घटना को देखने के लिए काफी उत्साहित है. इस साल मार्च महीने में साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था, जो भारत में दृश्यमान नहीं था, ठीक उसी तरह 21 सितंबर को लगने जा रहा दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा. हिंदू शास्त्रों में ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है.  वर्तमान समय में भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में प्राकृतिक आपदा, महंगाई, वैश्विक उत्पीड़न और युद्ध जैसी स्थिति देखने को मिल रही है. आज के इस लेख में हम जानेंगे सूर्य ग्रहण के प्रभाव से वैश्विक स्तर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? सूर्य ग्रहण के प्रभाव से क्या बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां सच हो सकती है? आइए जानते हैं इसके बारे में. सूर्य ग्रहण 2025 की तिथि और समयसाल 2025 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण पितृ पक्ष के समापन यानी 21 सितंबर को लग रहा है. ये सूर्य ग्रहण आंशिक (Partial Solar Eclipse) रहने वाला है. भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण रात 10 बजकर 59 मिनट से लेकर अर्ध रात्रि करीब 3 बजकर 23 मिनट तक चलने वाला है. इसका पीक समय रात 1 बजकर 11 मिनट रहने वाला है. बात की जाए ग्रहण काल की कुल अवधि की तो, यह 4 घंटे 24 मिनट रहने वाला है. ये सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा?21 सितंबर 2025 को लगने वाले सूर्य ग्रहण का 85 प्रतिशत हिस्सा रॉस सागर, अंटार्कटिक में दृश्यमान होगा. इसके साथ ही ये न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर के क्षेत्र में दिखाई देने वाला है. भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण 2025 नकारात्मक प्रभाव और दृष्टिकोण धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण काल में पूजा पाठ करने की मनाही होती है. इस काल में भोजन ग्रहण करना भी वर्जित है, क्योंकि ये पाप काल माना जाता है.  इस दौरान गर्भवती महिलाओं का खास ख्याल रखा जाता है.  ग्रहण काल में मानसिक तनाव, भय और पारिवारिक क्लेश की आशंका बढ़ जाती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य आत्मा और ऊर्जा का प्रतीक है. जब सूर्य ग्रहण लगता है तो इससे आत्मविश्वास और करियर में बाधा देखने को मिल सकती है.  बात की जाए प्राकृतिक प्रभाव की तो ग्रहण काल में आपदाओं और मौसम में असंतुलन का डर बना रहता है.  बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां 2025 बाबा वेंगा ने अपनी भविष्यवाणियों में साल 2025 को काफी कष्टकारी साल बताया है.  बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों में बीमारियों और महामारी का भी उल्लेख है. हाल ही में दुनिया ने कोविड महामारी जैसी स्थिति का सामना किया है.  बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों में सामाजिक अस्थिरता का भी जिक्र है, जिससे संघर्ष के संकेत मिलते हैं.  वेंगा ने अपनी भविष्यवाणियों में युद्ध और आर्थिक संकट की भी बात कही है.  वेंगा ने प्राकृतिक आपदाओं को लेकर भी चिंता और भय उत्पन्न करने वाली भविष्यवाणियां की है.  सूर्य ग्रहण और बाबा वेंगा की भविष्यवाणी में कोई मेल है?सरल भाषा में समझें तो सूर्य ग्रहण के प्रभाव और बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों के बीच कोई प्रत्यक्ष या प्रमाणिक मेल नहीं मिलता है. लेकिन दोनों ही बातों को डर, संकट, भय और नकारात्मक बदलावों से देखकर जोड़ा जाता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जबकि बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों का कोई प्रमाणिक स्रोत नहीं है.  Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Sep 9, 2025 - 16:30
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Solar Eclipse 2025: सूर्य ग्रहण की छाया क्या Baba Vanga की भविष्यवाणियों को सच कर सकती है? जानें ग्रहण के वैश्विक प्रभाव और खतरे!

Solar Eclipse 2025: साल 2025 के दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण को लेकर खगोलविद के साथ आम लोग भी इस खगोलीय घटना को देखने के लिए काफी उत्साहित है. इस साल मार्च महीने में साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था, जो भारत में दृश्यमान नहीं था, ठीक उसी तरह 21 सितंबर को लगने जा रहा दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा.

हिंदू शास्त्रों में ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. 

वर्तमान समय में भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में प्राकृतिक आपदा, महंगाई, वैश्विक उत्पीड़न और युद्ध जैसी स्थिति देखने को मिल रही है. आज के इस लेख में हम जानेंगे सूर्य ग्रहण के प्रभाव से वैश्विक स्तर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? सूर्य ग्रहण के प्रभाव से क्या बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां सच हो सकती है? आइए जानते हैं इसके बारे में.

सूर्य ग्रहण 2025 की तिथि और समय
साल 2025 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण पितृ पक्ष के समापन यानी 21 सितंबर को लग रहा है. ये सूर्य ग्रहण आंशिक (Partial Solar Eclipse) रहने वाला है. भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण रात 10 बजकर 59 मिनट से लेकर अर्ध रात्रि करीब 3 बजकर 23 मिनट तक चलने वाला है.

इसका पीक समय रात 1 बजकर 11 मिनट रहने वाला है. बात की जाए ग्रहण काल की कुल अवधि की तो, यह 4 घंटे 24 मिनट रहने वाला है.

ये सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा?
21 सितंबर 2025 को लगने वाले सूर्य ग्रहण का 85 प्रतिशत हिस्सा रॉस सागर, अंटार्कटिक में दृश्यमान होगा. इसके साथ ही ये न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर के क्षेत्र में दिखाई देने वाला है. भारत में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा.

सूर्य ग्रहण 2025 नकारात्मक प्रभाव और दृष्टिकोण
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण काल में पूजा पाठ करने की मनाही होती है. इस काल में भोजन ग्रहण करना भी वर्जित है, क्योंकि ये पाप काल माना जाता है. 
इस दौरान गर्भवती महिलाओं का खास ख्याल रखा जाता है. 
ग्रहण काल में मानसिक तनाव, भय और पारिवारिक क्लेश की आशंका बढ़ जाती है.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य आत्मा और ऊर्जा का प्रतीक है. जब सूर्य ग्रहण लगता है तो इससे आत्मविश्वास और करियर में बाधा देखने को मिल सकती है. 
बात की जाए प्राकृतिक प्रभाव की तो ग्रहण काल में आपदाओं और मौसम में असंतुलन का डर बना रहता है. 

बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां 2025

  • बाबा वेंगा ने अपनी भविष्यवाणियों में साल 2025 को काफी कष्टकारी साल बताया है. 
  • बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों में बीमारियों और महामारी का भी उल्लेख है. हाल ही में दुनिया ने कोविड महामारी जैसी स्थिति का सामना किया है. 
  • बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों में सामाजिक अस्थिरता का भी जिक्र है, जिससे संघर्ष के संकेत मिलते हैं. 
  • वेंगा ने अपनी भविष्यवाणियों में युद्ध और आर्थिक संकट की भी बात कही है. 
  • वेंगा ने प्राकृतिक आपदाओं को लेकर भी चिंता और भय उत्पन्न करने वाली भविष्यवाणियां की है. 

सूर्य ग्रहण और बाबा वेंगा की भविष्यवाणी में कोई मेल है?
सरल भाषा में समझें तो सूर्य ग्रहण के प्रभाव और बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों के बीच कोई प्रत्यक्ष या प्रमाणिक मेल नहीं मिलता है. लेकिन दोनों ही बातों को डर, संकट, भय और नकारात्मक बदलावों से देखकर जोड़ा जाता है.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जबकि बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों का कोई प्रमाणिक स्रोत नहीं है. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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