Skin Problems: मौसम बदलते ही क्यों खराब होने लगती है हमारी स्किन? डर्मेटोलॉजिस्ट ने बताए बचने के तरीके

Dermatologist Tips for Skin Problems: हम सभी ने महसूस किया है कि जैसे ही मौसम बदलता है, हमारी स्किन भी अचानक बदलने लगती है. कभी वह रूखी और खुरदरी हो जाती है, कभी ऑयली और चिपचिपी तो कभी पिंपल्स और खुजली की समस्या बढ़ जाती है. दरअसल, स्किन हमारी बॉडी का सबसे बड़ा ऑर्गन है और मौसम के छोटे-से बदलाव का असर भी उस पर तुरंत दिखाई देता है. आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है? तापमान और नमी में उतार-चढ़ाव गर्मी के मौसम में पसीना और ऑयल प्रोडक्शन दोनों बढ़ जाते हैं, जिससे स्किन पर धूल और गंदगी आसानी से जम जाती है और पिंपल्स या एक्ने होने लगते हैं. वहीं, सर्दी के मौसम में ठंडी हवा और कम नमी (Humidity) स्किन की नमी खींच लेती है, जिससे रूखापन, जलन और क्रैकिंग की समस्या आती है. मानसून के दौरान नमी ज्यादा होने से फंगल इंफेक्शन और चिपचिपाहट आम है. स्किन बैरियर का कमजोर होना मेट्रो हॉस्पिटल में चीफ डर्मेटोलॉजिस्ट कंसल्टेंट और वन स्किन क्लिनिक की फाउंडर डॉ. खुशबू झा (MBBS, MD)  ने बताया कि हमारी स्किन पर एक नैचुरल बैरियर होता है, जो नमी को बनाए रखता है और बैक्टीरिया से बचाता है. मौसम बदलने पर यह बैरियर डिस्टर्ब हो जाता है, जिसकी वजह से स्किन डिहाइड्रेटेड, संवेदनशील (Sensitive) और रेडनेस वाली हो जाती है.  एलर्जन और प्रदूषण का असर मौसम बदलते समय हवा में परागकण (Pollens), धूल और प्रदूषण के कण ज्यादा तैरते हैं. ये एलर्जन स्किन के कॉन्टैक्ट में आकर खुजली, रैशेज, एक्जिमा और एलर्जिक रिएक्शन को बढ़ा सकते हैं. वहीं, कुछ लोगों का इम्यून सिस्टम मौसम में बदलाव पर ज्यादा संवेदनशील होता है. ऐसे में शरीर ओवररिएक्ट करता है और स्किन पर एक्ने, डर्मेटाइटिस या पिग्मेंटेशन की समस्या दिखने लगती है. कैसे करें स्किन की देखभाल? जेंटल क्लींजर इस्तेमाल करें: बहुत स्ट्रॉन्ग फेस वॉश स्किन के नैचुरल ऑयल्स छीन लेते हैं. हल्के और सल्फेट-फ्री क्लींजर का इस्तेमाल करें. मॉइश्चराइजर जरूरी है: सर्दी हो या गर्मी, त्वचा को नमी की जरूरत हमेशा रहती है. अपनी स्किन टाइप के हिसाब से मॉइश्चराइजर चुनें. सनस्क्रीन कभी न छोड़ें: मौसम कोई भी हो, UV किरणें हमेशा नुकसान पहुंचाती हैं. कम से कम SPF 30 वाली सनस्क्रीन रोजाना लगाएं. हाइड्रेशन बनाए रखें: पर्याप्त पानी पिएं और मौसमी फल व सब्जियां खाएं, ताकि अंदर से स्किन को पोषण मिले. नई समस्याओं को नजरअंदाज न करें: यदि मौसम बदलते समय लगातार खुजली, जलन या पिंपल्स हो रहे हैं तो सेल्फ-ट्रीटमेंट करने के बजाय डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें. इन बातों का जरूर रखें ध्यान मौसम बदलना एक नैचुरल प्रोसेस है, लेकिन इसका सीधा असर हमारी स्किन पर पड़ता है. अगर आप अपनी स्किनकेयर रूटीन को मौसम के हिसाब से जैसे सही क्लींजर, मॉइश्चराइजर और सनस्क्रीन का चुनाव करेंगे तो आप इन समस्याओं से काफी हद तक बच सकते हैं. सही देखभाल से न केवल आपकी स्किन हेल्दी और ग्लोइंग बनेगी, बल्कि मौसम बदलने का असर भी कम होगा. ये भी पढ़ें: ये 5 लक्षण दिखें तो समझ जाएं शरीर में हो रही विटामिन बी12 की कमी, तुरंत भागें डॉक्टर के पास Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Sep 9, 2025 - 09:30
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Skin Problems: मौसम बदलते ही क्यों खराब होने लगती है हमारी स्किन? डर्मेटोलॉजिस्ट ने बताए बचने के तरीके

Dermatologist Tips for Skin Problems: हम सभी ने महसूस किया है कि जैसे ही मौसम बदलता है, हमारी स्किन भी अचानक बदलने लगती है. कभी वह रूखी और खुरदरी हो जाती है, कभी ऑयली और चिपचिपी तो कभी पिंपल्स और खुजली की समस्या बढ़ जाती है. दरअसल, स्किन हमारी बॉडी का सबसे बड़ा ऑर्गन है और मौसम के छोटे-से बदलाव का असर भी उस पर तुरंत दिखाई देता है. आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है?

तापमान और नमी में उतार-चढ़ाव

गर्मी के मौसम में पसीना और ऑयल प्रोडक्शन दोनों बढ़ जाते हैं, जिससे स्किन पर धूल और गंदगी आसानी से जम जाती है और पिंपल्स या एक्ने होने लगते हैं. वहीं, सर्दी के मौसम में ठंडी हवा और कम नमी (Humidity) स्किन की नमी खींच लेती है, जिससे रूखापन, जलन और क्रैकिंग की समस्या आती है. मानसून के दौरान नमी ज्यादा होने से फंगल इंफेक्शन और चिपचिपाहट आम है.

स्किन बैरियर का कमजोर होना

मेट्रो हॉस्पिटल में चीफ डर्मेटोलॉजिस्ट कंसल्टेंट और वन स्किन क्लिनिक की फाउंडर डॉ. खुशबू झा (MBBS, MD)  ने बताया कि हमारी स्किन पर एक नैचुरल बैरियर होता है, जो नमी को बनाए रखता है और बैक्टीरिया से बचाता है. मौसम बदलने पर यह बैरियर डिस्टर्ब हो जाता है, जिसकी वजह से स्किन डिहाइड्रेटेड, संवेदनशील (Sensitive) और रेडनेस वाली हो जाती है. 

एलर्जन और प्रदूषण का असर

मौसम बदलते समय हवा में परागकण (Pollens), धूल और प्रदूषण के कण ज्यादा तैरते हैं. ये एलर्जन स्किन के कॉन्टैक्ट में आकर खुजली, रैशेज, एक्जिमा और एलर्जिक रिएक्शन को बढ़ा सकते हैं. वहीं, कुछ लोगों का इम्यून सिस्टम मौसम में बदलाव पर ज्यादा संवेदनशील होता है. ऐसे में शरीर ओवररिएक्ट करता है और स्किन पर एक्ने, डर्मेटाइटिस या पिग्मेंटेशन की समस्या दिखने लगती है.

कैसे करें स्किन की देखभाल?

  • जेंटल क्लींजर इस्तेमाल करें: बहुत स्ट्रॉन्ग फेस वॉश स्किन के नैचुरल ऑयल्स छीन लेते हैं. हल्के और सल्फेट-फ्री क्लींजर का इस्तेमाल करें.
  • मॉइश्चराइजर जरूरी है: सर्दी हो या गर्मी, त्वचा को नमी की जरूरत हमेशा रहती है. अपनी स्किन टाइप के हिसाब से मॉइश्चराइजर चुनें.
  • सनस्क्रीन कभी न छोड़ें: मौसम कोई भी हो, UV किरणें हमेशा नुकसान पहुंचाती हैं. कम से कम SPF 30 वाली सनस्क्रीन रोजाना लगाएं.
  • हाइड्रेशन बनाए रखें: पर्याप्त पानी पिएं और मौसमी फल व सब्जियां खाएं, ताकि अंदर से स्किन को पोषण मिले.
  • नई समस्याओं को नजरअंदाज न करें: यदि मौसम बदलते समय लगातार खुजली, जलन या पिंपल्स हो रहे हैं तो सेल्फ-ट्रीटमेंट करने के बजाय डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें.

इन बातों का जरूर रखें ध्यान

मौसम बदलना एक नैचुरल प्रोसेस है, लेकिन इसका सीधा असर हमारी स्किन पर पड़ता है. अगर आप अपनी स्किनकेयर रूटीन को मौसम के हिसाब से जैसे सही क्लींजर, मॉइश्चराइजर और सनस्क्रीन का चुनाव करेंगे तो आप इन समस्याओं से काफी हद तक बच सकते हैं. सही देखभाल से न केवल आपकी स्किन हेल्दी और ग्लोइंग बनेगी, बल्कि मौसम बदलने का असर भी कम होगा.

ये भी पढ़ें: ये 5 लक्षण दिखें तो समझ जाएं शरीर में हो रही विटामिन बी12 की कमी, तुरंत भागें डॉक्टर के पास

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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