Shani Sade Sati: शनि की साढ़ेसाती का किन राशियों पर प्रभाव, कब मिलेगी राहत और क्या करें उपाय! जानिए जवाब

Shani Sade Sati: शास्त्रों में शनि की साढ़ेसाती को जीवन का एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली चरण माना जाता है. यह लगभग साढ़े सात साल की अवधि होती है. इस अवधि का आरंभ तब होता है जब चंद्र राशि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में 12वें, 1वें और 2वें भाव में भ्रमण करते हैं. इसलिए इसे साढ़ेसाती कहा जाता है. कई लोगों का यह मानना है कि साढ़ेसाती केवल कठिनाइयां और नुकसान देती है, मगर ऐसा नहीं है. शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है और वह व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते है. जो लोग अच्छे कर्म, सत्य और ईमानदारी की राह पर चलते हैं, उनके लिए वह काल प्रगति, सफलता और सम्मान लेकर आता है. वहीं, जो लोग गलत कार्य करते हैं, उनके लिए वह अवधि चुनौतियों, संघर्ष और कष्ट का कारण बन सकता है.   मेष राशि मेष राशि वाले लोगों पर साढ़ेसाती की शुरुआत हो चुकी है और इसका पहला चरण चल रहा है. वहीं इसका प्रभाव 31 मई 2032 तक रहेगा. इस समय कोई भी नए कामों की शुरूआत करने से पहले एक बार गंभीरता से सोचें और जल्दबाजी से बचें. कुंभ राशि कुंभ राशि के लोगों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है. जो 23 फरवरी 2028 तक चलेगा. इन लोगों के लिए यह समय करियर और पारिवारिक मामलों के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है. ऐसे समय सावधानी और धैर्य से काम लेना चाहिए. मीन राशिमीन राशि के लोग साढ़ेसाती के दूसरे चरण से गुजर रहे हैं. यह दशा 17 अप्रैल 2030 तक चलेगी. इस समय भावनात्मक असंतुलन और आर्थिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, इसलिए सोच-समझकर निर्णय लें.साढ़ेसाती से बचने के उपाय  शनिवार के दिन शनि देव की श्रद्धापूर्वक आराधना करें.  पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल से दीपक जलाएं. जरूरतमंदों को काले कपड़े, काले चने, लोहे के बर्तन आदि दान करें नियमित रूप से शनि चालीसा पढ़ें और शनि मंत्रों का जाप करें. हर शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल और उड़द की दाल का दान करें. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Aug 14, 2025 - 17:30
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Shani Sade Sati: शनि की साढ़ेसाती का किन राशियों पर प्रभाव, कब मिलेगी राहत और क्या करें उपाय! जानिए जवाब

Shani Sade Sati: शास्त्रों में शनि की साढ़ेसाती को जीवन का एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली चरण माना जाता है. यह लगभग साढ़े सात साल की अवधि होती है. इस अवधि का आरंभ तब होता है जब चंद्र राशि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में 12वें, 1वें और 2वें भाव में भ्रमण करते हैं. इसलिए इसे साढ़ेसाती कहा जाता है.

कई लोगों का यह मानना है कि साढ़ेसाती केवल कठिनाइयां और नुकसान देती है, मगर ऐसा नहीं है. शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है और वह व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते है.

जो लोग अच्छे कर्म, सत्य और ईमानदारी की राह पर चलते हैं, उनके लिए वह काल प्रगति, सफलता और सम्मान लेकर आता है. वहीं, जो लोग गलत कार्य करते हैं, उनके लिए वह अवधि चुनौतियों, संघर्ष और कष्ट का कारण बन सकता है.  

मेष राशि 
मेष राशि वाले लोगों पर साढ़ेसाती की शुरुआत हो चुकी है और इसका पहला चरण चल रहा है. वहीं इसका प्रभाव 31 मई 2032 तक रहेगा. इस समय कोई भी नए कामों की शुरूआत करने से पहले एक बार गंभीरता से सोचें और जल्दबाजी से बचें.

कुंभ राशि 
कुंभ राशि के लोगों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है. जो 23 फरवरी 2028 तक चलेगा. इन लोगों के लिए यह समय करियर और पारिवारिक मामलों के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है. ऐसे समय सावधानी और धैर्य से काम लेना चाहिए.

मीन राशि
मीन राशि के लोग साढ़ेसाती के दूसरे चरण से गुजर रहे हैं. यह दशा 17 अप्रैल 2030 तक चलेगी. इस समय भावनात्मक असंतुलन और आर्थिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, इसलिए सोच-समझकर निर्णय लें.

साढ़ेसाती से बचने के उपाय 

  • शनिवार के दिन शनि देव की श्रद्धापूर्वक आराधना करें. 
  • पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल से दीपक जलाएं.
  • जरूरतमंदों को काले कपड़े, काले चने, लोहे के बर्तन आदि दान करें
  • नियमित रूप से शनि चालीसा पढ़ें और शनि मंत्रों का जाप करें.
  • हर शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल और उड़द की दाल का दान करें.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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