Shani Jayanti 2025: शनि देव के जन्म पर सूर्य को माता छाया पर क्यों हुआ शक? पिता-पुत्र में क्यों बढ़ी दूरी?
Shani Jayanti 2025: शनि जयंती आज 27 मई, मंगलवार को है. शनि देव सूर्य और उनकी पत्नी छाया के पुत्र हैं. जन्म के समय शनि देव का रंग गहरा देखकर सूर्य देव को संदेह हुआ और उन्होंने छाया के चरित्र पर सवाल उठाए. चलिए जानते हैं कि शनि देव का जन्म कैसे हुआ और उनकी माता छाया के चरित्र पर प्रश्न क्यों उठे. प्रजापति दक्ष की बेटी संज्ञा से सूर्य देव का विवाह हुआ था. संज्ञा, सूर्य देव की पत्नी थीं, लेकिन उनका तेज सहन न कर पाने के कारण उन्होंने अपनी जैसी दिखने वाली छाया (संवर्णा) को सूर्य के पास छोड़ दिया और खुद तपस्या करने जंगल चली गईं. सूर्य देव को यह पता नहीं चला कि संज्ञा की जगह अब छाया उनके साथ रह रही है. समय के साथ छाया और सूर्य देव के तीन बच्चे हुए: शनि देव, भद्रा और मनु. जब शनि देव पैदा हुए, तो उनका रंग काला था. यह देखकर सूर्य देव परेशान हो गए. जब सूर्य देव ने पहली बार शनि देव को देखा तो उनका गहरा रंग देखकर वे दुखी हो गए. उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि उनका बेटा इतना काला कैसे हो सकता है. इस शक के चलते उन्होंने छाया के चरित्र पर सवाल उठाए और सोचा कि शायद शनि उनका पुत्र नहीं है. शनि देव के जन्म के बाद जब उनके पिता सूर्य देव ने उनकी मां छाया के चरित्र पर शक किया, तो शनि देव को बहुत दुख हुआ. उन्हें अपनी मां का अपमान बिल्कुल अच्छा नहीं लगा और वे अपने पिता से नाराज़ रहने लगे. शनि देव ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की. शिव जी खुश हुए और उन्हें न्याय का देवता बना दिया. शिव की कृपा से शनि देव को नवग्रहों में एक खास स्थान मिला. यह भी पढ़ें: शनि जयंती पर राशि के अनुसार उपाय दिलाएगा आर्थिक तंगी से मुक्तिDisclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Shani Jayanti 2025: शनि जयंती आज 27 मई, मंगलवार को है. शनि देव सूर्य और उनकी पत्नी छाया के पुत्र हैं. जन्म के समय शनि देव का रंग गहरा देखकर सूर्य देव को संदेह हुआ और उन्होंने छाया के चरित्र पर सवाल उठाए. चलिए जानते हैं कि शनि देव का जन्म कैसे हुआ और उनकी माता छाया के चरित्र पर प्रश्न क्यों उठे.
प्रजापति दक्ष की बेटी संज्ञा से सूर्य देव का विवाह हुआ था. संज्ञा, सूर्य देव की पत्नी थीं, लेकिन उनका तेज सहन न कर पाने के कारण उन्होंने अपनी जैसी दिखने वाली छाया (संवर्णा) को सूर्य के पास छोड़ दिया और खुद तपस्या करने जंगल चली गईं. सूर्य देव को यह पता नहीं चला कि संज्ञा की जगह अब छाया उनके साथ रह रही है. समय के साथ छाया और सूर्य देव के तीन बच्चे हुए: शनि देव, भद्रा और मनु. जब शनि देव पैदा हुए, तो उनका रंग काला था. यह देखकर सूर्य देव परेशान हो गए.
जब सूर्य देव ने पहली बार शनि देव को देखा तो उनका गहरा रंग देखकर वे दुखी हो गए. उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि उनका बेटा इतना काला कैसे हो सकता है. इस शक के चलते उन्होंने छाया के चरित्र पर सवाल उठाए और सोचा कि शायद शनि उनका पुत्र नहीं है. शनि देव के जन्म के बाद जब उनके पिता सूर्य देव ने उनकी मां छाया के चरित्र पर शक किया, तो शनि देव को बहुत दुख हुआ. उन्हें अपनी मां का अपमान बिल्कुल अच्छा नहीं लगा और वे अपने पिता से नाराज़ रहने लगे. शनि देव ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की. शिव जी खुश हुए और उन्हें न्याय का देवता बना दिया. शिव की कृपा से शनि देव को नवग्रहों में एक खास स्थान मिला.
यह भी पढ़ें: शनि जयंती पर राशि के अनुसार उपाय दिलाएगा आर्थिक तंगी से मुक्ति
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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