PM Modi का करणी माता मंदिर में पूजा करना बड़े एक्शन का संकेत? ज्योतिषाचार्य ने उठा दिया रहस्य से पर्दा
करणी माता मंदिर, राजस्थान के बीकानेर में स्थित, धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में विशेष स्थान रखता है, उस शक्तिपीठ से जुड़ाव के कारण जहां माता सती का मस्तक गिरा था, जो वर्तमान में पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित हिंलाज माता मंदिर है. राजस्थान में करणी माता और तनोट माता को हिंलाज माता का अवतार माना जाता है. करणी माता की कथा अद्भुत है, उनके पुत्र लक्ष्मण की मृत्यु तालाब में डूबने से हो गई थी, लेकिन करणी माता ने अपनी साधना और शक्ति से यमराज को बुलाकर अपने बेटे को पुनर्जीवित करवा लिया. उन्होंने वचन दिया कि उनके वंश और भक्त आगे चूहे के रूप में जन्म लेंगे, इसलिए इस मंदिर में हजारों चूहों की पूजा होती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस मंदिर में जाना ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी का वहां जाना केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि शक्ति प्राप्ति, बड़े राजनीतिक निर्णयों की तैयारी और भविष्य की रणनीतियों का संकेत माना जा रहा है. ज्योतिषीय दृष्टि से, पीएम मोदी की कुंडली (Modi Kundli) में वर्तमान में मंगल की दशा चल रही है, और सितंबर 2025 से भारत की कुंडली में भी मंगल की महादशा शुरू होगी. मंगल ग्रह युद्ध, साहस, ऊर्जा और एक्शन का प्रतीक है, जो बिना ज्यादा सोच-विचार के निर्णायक कार्रवाई करने की प्रवृत्ति रखता है. पाकिस्तान के लिए कम नहीं होंगी मुश्किलअनुभवी ज्योतिषाचार्य शर्मिष्ठा बताती हैं कि आने वाला समय भारत के लिए धार्मिक, राजनीतिक और वैश्विक दृष्टिकोण से बड़े बदलावों का संकेत देता है. विशेष रूप से 24 मई- 18 जून 2025 के बीच पाकिस्तान में आंतरिक संकट, भूखमरी, प्राकृतिक आपदाएं और सेना की बेबसी जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. भारत, आतंकवाद और दुश्मनी की जड़ों को खत्म करने के लिए निर्णायक और आक्रामक कदम उठा सकता है. मोदी सरकार के नेतृत्व में यह समय सिर्फ प्रतीकात्मक शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि रणनीतिक और सैन्य स्तर पर भी बड़े बदलावों का गवाह बन सकता है. 2032 के आसपास शुरू होने वाली राहु महादशा भारत के लिए नई दिशा की शुरुआत होगी. करीब 18 साल तक चलने वाली इस महादशा में भारत तकनीकी क्षेत्र में प्रगति करेगा, वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान और प्रभाव बढ़ाएगा. ज्योतिषाचार्य शर्मिष्ठा का मानना है कि ट्रंप का सत्ता में लौटना भारत के लिए आसान नहीं होगा. व्यापार और नीतिगत दबावों के जरिए चुनौती मिल सकती है. साथ ही भारत-चीन प्रतिस्पर्धा और तीव्र होगी, क्योंकि भारत अपनी उत्पादन क्षमता और तकनीकी विकास के दम पर चीन को टक्कर देगा. 2030 के दशक में भारत में एक नया जागरण होगा. आने वाला समय भारत के लिए शक्ति, आत्मनिर्भरता और धार्मिकता के मिश्रण के साथ एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का काल बनेगा.

करणी माता मंदिर, राजस्थान के बीकानेर में स्थित, धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में विशेष स्थान रखता है, उस शक्तिपीठ से जुड़ाव के कारण जहां माता सती का मस्तक गिरा था, जो वर्तमान में पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित हिंलाज माता मंदिर है. राजस्थान में करणी माता और तनोट माता को हिंलाज माता का अवतार माना जाता है.
करणी माता की कथा अद्भुत है, उनके पुत्र लक्ष्मण की मृत्यु तालाब में डूबने से हो गई थी, लेकिन करणी माता ने अपनी साधना और शक्ति से यमराज को बुलाकर अपने बेटे को पुनर्जीवित करवा लिया. उन्होंने वचन दिया कि उनके वंश और भक्त आगे चूहे के रूप में जन्म लेंगे, इसलिए इस मंदिर में हजारों चूहों की पूजा होती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस मंदिर में जाना ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी का वहां जाना केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि शक्ति प्राप्ति, बड़े राजनीतिक निर्णयों की तैयारी और भविष्य की रणनीतियों का संकेत माना जा रहा है.
ज्योतिषीय दृष्टि से, पीएम मोदी की कुंडली (Modi Kundli) में वर्तमान में मंगल की दशा चल रही है, और सितंबर 2025 से भारत की कुंडली में भी मंगल की महादशा शुरू होगी. मंगल ग्रह युद्ध, साहस, ऊर्जा और एक्शन का प्रतीक है, जो बिना ज्यादा सोच-विचार के निर्णायक कार्रवाई करने की प्रवृत्ति रखता है.
पाकिस्तान के लिए कम नहीं होंगी मुश्किल
अनुभवी ज्योतिषाचार्य शर्मिष्ठा बताती हैं कि आने वाला समय भारत के लिए धार्मिक, राजनीतिक और वैश्विक दृष्टिकोण से बड़े बदलावों का संकेत देता है. विशेष रूप से 24 मई- 18 जून 2025 के बीच पाकिस्तान में आंतरिक संकट, भूखमरी, प्राकृतिक आपदाएं और सेना की बेबसी जैसे हालात पैदा हो सकते हैं.
भारत, आतंकवाद और दुश्मनी की जड़ों को खत्म करने के लिए निर्णायक और आक्रामक कदम उठा सकता है. मोदी सरकार के नेतृत्व में यह समय सिर्फ प्रतीकात्मक शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि रणनीतिक और सैन्य स्तर पर भी बड़े बदलावों का गवाह बन सकता है.
2032 के आसपास शुरू होने वाली राहु महादशा भारत के लिए नई दिशा की शुरुआत होगी. करीब 18 साल तक चलने वाली इस महादशा में भारत तकनीकी क्षेत्र में प्रगति करेगा, वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान और प्रभाव बढ़ाएगा.
ज्योतिषाचार्य शर्मिष्ठा का मानना है कि ट्रंप का सत्ता में लौटना भारत के लिए आसान नहीं होगा. व्यापार और नीतिगत दबावों के जरिए चुनौती मिल सकती है. साथ ही भारत-चीन प्रतिस्पर्धा और तीव्र होगी, क्योंकि भारत अपनी उत्पादन क्षमता और तकनीकी विकास के दम पर चीन को टक्कर देगा.
2030 के दशक में भारत में एक नया जागरण होगा. आने वाला समय भारत के लिए शक्ति, आत्मनिर्भरता और धार्मिकता के मिश्रण के साथ एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का काल बनेगा.
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