Moody's की वॉर्निंग, दुनिया को 'दादागिरी' दिखाने वाले यूएस की 'रसातल' में गई इकोनॉमी, मंदी की कगार पर पहुंचा
Moody's Report On US Economy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार सत्ता में लौटने के बाद लगातार ऐसे फैसले लेते रहे हैं, जिनसे वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ी हलचल देखी गई है. 'अमेरिकन फर्स्ट' का नारा देने वाले ट्रंप के ये दांव अब उल्टा असर दिखाने लगे हैं. दुनियाभर के देशों पर टैरिफ थोपने की उनकी नीति ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका को मंदी की चपेट में ला खड़ा किया है. यह दावा किसी और ने नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने किया है. मंदी के मुहाने पर खड़ा अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप अक्सर अमेरिकियों को यह भरोसा दिलाते हैं कि उनके नेतृत्व में अमेरिकी इकोनॉमी अब तक की सबसे मजबूत है. लेकिन मूडीज के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी ने उनके इस दावे पर सवाल उठाते हुए हकीकत सामने रख दी है. ट्रंप प्रशासन जहां जीडीपी ग्रोथ, विदेशी निवेश में बढ़ोतरी और महंगाई पर नियंत्रण को अपनी उपलब्धि बताता रहा, वहीं मार्क जैंडी का कहना है कि हकीकत इसके उलट है. उनके मुताबिक अमेरिका इस समय नौकरी से लेकर कंज्यूमर प्राइस तक हर मोर्चे पर ‘लाल निशान’ पर खड़ा है. ट्रंप प्रशासन के 'खोखले' दावे न्यूज़वीक को दिए एक इंटरव्यू में मूडीज के चीफ इकोनॉमिस्ट ने कहा कि अमेरिकी इकोनॉमी की खस्ताहाल स्थिति को लेकर जो आशंकाएं कई महीने पहले जताई गई थीं, अब वे सच होती नजर आ रही हैं. उनका अनुमान है कि 2025 के आखिर तक अमेरिका की अर्थव्यवस्था भारी मंदी की चपेट में आ जाएगी. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि इस समय अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी में है. लेकिन वे ऐसा मानते हैं कि यह मंदी के बिल्कुल कगार पर खड़ा है. गौरतलब है कि मार्क जैंडी वही अर्थशास्त्री हैं जिन्होंने 2008 के वित्तीय संकट का सटीक पूर्वानुमान लगाया था. बीते कुछ महीनों से वे लगातार ट्रंप प्रशासन की व्यापार और रोजगार नीतियों पर सवाल उठाते हुए चेतावनियां दे रहे हैं कि इन कदमों का नतीजा अमेरिकी इकोनॉमी पर गंभीर असर के रूप में सामने आ सकता है. ये भी पढ़ें: GST Council Meeting: जीएसटी काउंसिल की कल से बैठक, जानें क्या-क्या हो सकते हैं बड़े फैसला और किन चीजों पर होगी चर्चा

Moody's Report On US Economy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार सत्ता में लौटने के बाद लगातार ऐसे फैसले लेते रहे हैं, जिनसे वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ी हलचल देखी गई है. 'अमेरिकन फर्स्ट' का नारा देने वाले ट्रंप के ये दांव अब उल्टा असर दिखाने लगे हैं. दुनियाभर के देशों पर टैरिफ थोपने की उनकी नीति ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका को मंदी की चपेट में ला खड़ा किया है. यह दावा किसी और ने नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने किया है.
मंदी के मुहाने पर खड़ा अमेरिका
राष्ट्रपति ट्रंप अक्सर अमेरिकियों को यह भरोसा दिलाते हैं कि उनके नेतृत्व में अमेरिकी इकोनॉमी अब तक की सबसे मजबूत है. लेकिन मूडीज के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी ने उनके इस दावे पर सवाल उठाते हुए हकीकत सामने रख दी है. ट्रंप प्रशासन जहां जीडीपी ग्रोथ, विदेशी निवेश में बढ़ोतरी और महंगाई पर नियंत्रण को अपनी उपलब्धि बताता रहा, वहीं मार्क जैंडी का कहना है कि हकीकत इसके उलट है. उनके मुताबिक अमेरिका इस समय नौकरी से लेकर कंज्यूमर प्राइस तक हर मोर्चे पर ‘लाल निशान’ पर खड़ा है.
ट्रंप प्रशासन के 'खोखले' दावे
न्यूज़वीक को दिए एक इंटरव्यू में मूडीज के चीफ इकोनॉमिस्ट ने कहा कि अमेरिकी इकोनॉमी की खस्ताहाल स्थिति को लेकर जो आशंकाएं कई महीने पहले जताई गई थीं, अब वे सच होती नजर आ रही हैं. उनका अनुमान है कि 2025 के आखिर तक अमेरिका की अर्थव्यवस्था भारी मंदी की चपेट में आ जाएगी. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि इस समय अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी में है. लेकिन वे ऐसा मानते हैं कि यह मंदी के बिल्कुल कगार पर खड़ा है.
गौरतलब है कि मार्क जैंडी वही अर्थशास्त्री हैं जिन्होंने 2008 के वित्तीय संकट का सटीक पूर्वानुमान लगाया था. बीते कुछ महीनों से वे लगातार ट्रंप प्रशासन की व्यापार और रोजगार नीतियों पर सवाल उठाते हुए चेतावनियां दे रहे हैं कि इन कदमों का नतीजा अमेरिकी इकोनॉमी पर गंभीर असर के रूप में सामने आ सकता है.
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