Lunar eclipse on September 7, 2025: भारत की अर्थव्यवस्था और राजनीति पर क्या होगा असर, जानें किन राशियों को रहना होगा सावधान?
Lunar Eclipse: 7 सितंबर 2025, रविवार की रात को एक विशेष खगोलीय घटना घटित होने जा रही है. इस दिन देशभर में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा. ग्रहण का आरंभ रात 9:57 बजे होगा और यह 3 घंटे 29 मिनट तक चलेगा. इसका समापन 8 सितंबर को 1:26 बजे होगा. खगोल विज्ञान के अनुसार चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर चंद्रमा को अपनी छाया में ढक लेती है. इस समय चंद्रमा का रंग लालिमा लिए दिखाई देता है जिसे आम भाषा में "ब्लड मून" कहा जाता है. इस बार का चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में घटित हो रहा है. ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण कई महत्वपूर्ण संकेत दे रहा है. किन राज्यों और देशों पर असर: ज्योतिष के अनुसार यह ग्रहण विशेष रूप से उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में प्रभावी रहेगा. इन क्षेत्रों में राजनीति और समाज में अस्थिरता बढ़ने की आशंका है. वहीं, कुछ मुस्लिम देशों में युद्ध जैसी परिस्थितियाँ भी उत्पन्न हो सकती हैं. कृषि और पशुपालन: इस बार का ग्रहण किसानों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा. फसल उत्पादन में सामान्य से अधिक लाभ होने की संभावना है. लेकिन, पशुओं को नुकसान होने और बीमारियां फैलने का खतरा बना रहेगा. इसके अलावा, ग्रहण रविवार को लग रहा है, इसलिए दूध और दुग्ध उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के संकेत हैं. कला और समाज पर प्रभाव: ग्रहण धृति योग में पड़ रहा है, जो कला और संस्कृति से जुड़े लोगों के लिए कठिनाइयाँ लेकर आएगा. फिल्म इंडस्ट्री और कलाकारों को काम में रुकावट, आलोचना और आर्थिक दबाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. राजनीति और सरकार: राजनीतिक दृष्टि से आने वाले डेढ़ महीने उथल-पुथल भरे रह सकते हैं. केंद्र सरकार के लिए कठिन परिस्थितियां उत्पन्न होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह समय संघर्षपूर्ण रहेगा. विपक्ष कुछ समय के लिए हावी होता हुआ दिखाई दे सकता है. सरकार की ओर से कुछ नई नीतियाँ लागू हो सकती हैं जो जनता के हित में दिखाई देंगी, लेकिन उनका वास्तविक लाभ सीमित रहेगा. स्वास्थ्य और जनजीवन: ग्रहण के दौरान कुंभ राशि में चंद्रमा-राहु और सिंह राशि में सूर्य-बुध-केतु की स्थिति बन रही है. इस योग से रोगों के प्रकोप की आशंका है. जनता में मौसमी बीमारियाँ और संक्रामक रोग तेजी से फैल सकते हैं. भारत की कुंडली पर प्रभाव भारत की स्वतंत्रता की कुंडली (15 अगस्त 1947, रात 12:00 बजे, दिल्ली) में वृषभ लग्न मानने पर यह ग्रहण 11वें भाव में पड़ेगा. यह भाव संसद, गठबंधन और बड़े संगठनों से जुड़ा है. इसका अर्थ है कि संसद और सरकार में असहमति, विपक्ष का दबदबा और नीतिगत विवाद बढ़ सकते हैं, देश को अचानक स्वास्थ्य संबंधी संकटों और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. इन राशियों के लिए अशुभ प्रभाव सिंह राशि (Leo): सरकारी कार्यों में बाधाएँ आएंगी. अधिकारियों से विवाद की संभावना. स्वास्थ्य में गिरावट और खर्चों में वृद्धि. कुंभ राशि (Aquarius): चंद्रमा-राहु युति सीधे इस राशि पर असर डालेगी. मानसिक तनाव, असफलता और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां. बड़े आर्थिक निर्णय लेने से बचना चाहिए. मिथुन राशि (Gemini): धन हानि और निवेश में नुकसान हो सकता है. परिवार के साथ विवाद की स्थिति. यात्राओं में बाधा और स्वास्थ्य पर असर. कन्या राशि (Virgo): कार्यक्षेत्र में अड़चनें आएंगी. सरकारी योजनाओं और कागजी कार्यवाही में देरी. पाचन संबंधी रोगों और मानसिक तनाव की संभावना. यह चंद्र ग्रहण भारत और दुनिया दोनों के लिए महत्वपूर्ण संकेत लेकर आ रहा है. जहां एक ओर यह किसानों को कुछ लाभ दे सकता है, वहीं पशुपालन, राजनीति और कला जगत के लिए चुनौतीपूर्ण समय रहेगा. सिंह, कुंभ, मिथुन और कन्या राशि के जातकों को विशेष सावधानी रखनी होगी. वैज्ञानिक दृष्टि से यह सिर्फ एक खगोलीय घटना है, लेकिन ज्योतिषीय मान्यता में यह ग्रहण आने वाले दिनों की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों को प्रभावित करने वाला है. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Lunar Eclipse: 7 सितंबर 2025, रविवार की रात को एक विशेष खगोलीय घटना घटित होने जा रही है. इस दिन देशभर में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा. ग्रहण का आरंभ रात 9:57 बजे होगा और यह 3 घंटे 29 मिनट तक चलेगा. इसका समापन 8 सितंबर को 1:26 बजे होगा.
खगोल विज्ञान के अनुसार चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर चंद्रमा को अपनी छाया में ढक लेती है. इस समय चंद्रमा का रंग लालिमा लिए दिखाई देता है जिसे आम भाषा में "ब्लड मून" कहा जाता है. इस बार का चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में घटित हो रहा है. ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण कई महत्वपूर्ण संकेत दे रहा है.
किन राज्यों और देशों पर असर: ज्योतिष के अनुसार यह ग्रहण विशेष रूप से उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में प्रभावी रहेगा. इन क्षेत्रों में राजनीति और समाज में अस्थिरता बढ़ने की आशंका है. वहीं, कुछ मुस्लिम देशों में युद्ध जैसी परिस्थितियाँ भी उत्पन्न हो सकती हैं.
कृषि और पशुपालन: इस बार का ग्रहण किसानों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा. फसल उत्पादन में सामान्य से अधिक लाभ होने की संभावना है. लेकिन, पशुओं को नुकसान होने और बीमारियां फैलने का खतरा बना रहेगा. इसके अलावा, ग्रहण रविवार को लग रहा है, इसलिए दूध और दुग्ध उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के संकेत हैं.
कला और समाज पर प्रभाव: ग्रहण धृति योग में पड़ रहा है, जो कला और संस्कृति से जुड़े लोगों के लिए कठिनाइयाँ लेकर आएगा. फिल्म इंडस्ट्री और कलाकारों को काम में रुकावट, आलोचना और आर्थिक दबाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
राजनीति और सरकार: राजनीतिक दृष्टि से आने वाले डेढ़ महीने उथल-पुथल भरे रह सकते हैं. केंद्र सरकार के लिए कठिन परिस्थितियां उत्पन्न होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह समय संघर्षपूर्ण रहेगा. विपक्ष कुछ समय के लिए हावी होता हुआ दिखाई दे सकता है. सरकार की ओर से कुछ नई नीतियाँ लागू हो सकती हैं जो जनता के हित में दिखाई देंगी, लेकिन उनका वास्तविक लाभ सीमित रहेगा.
स्वास्थ्य और जनजीवन: ग्रहण के दौरान कुंभ राशि में चंद्रमा-राहु और सिंह राशि में सूर्य-बुध-केतु की स्थिति बन रही है. इस योग से रोगों के प्रकोप की आशंका है. जनता में मौसमी बीमारियाँ और संक्रामक रोग तेजी से फैल सकते हैं.
भारत की कुंडली पर प्रभाव भारत की स्वतंत्रता की कुंडली (15 अगस्त 1947, रात 12:00 बजे, दिल्ली) में वृषभ लग्न मानने पर यह ग्रहण 11वें भाव में पड़ेगा. यह भाव संसद, गठबंधन और बड़े संगठनों से जुड़ा है. इसका अर्थ है कि संसद और सरकार में असहमति, विपक्ष का दबदबा और नीतिगत विवाद बढ़ सकते हैं, देश को अचानक स्वास्थ्य संबंधी संकटों और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
इन राशियों के लिए अशुभ प्रभाव
- सिंह राशि (Leo): सरकारी कार्यों में बाधाएँ आएंगी. अधिकारियों से विवाद की संभावना. स्वास्थ्य में गिरावट और खर्चों में वृद्धि.
- कुंभ राशि (Aquarius): चंद्रमा-राहु युति सीधे इस राशि पर असर डालेगी. मानसिक तनाव, असफलता और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां. बड़े आर्थिक निर्णय लेने से बचना चाहिए.
- मिथुन राशि (Gemini): धन हानि और निवेश में नुकसान हो सकता है. परिवार के साथ विवाद की स्थिति. यात्राओं में बाधा और स्वास्थ्य पर असर.
- कन्या राशि (Virgo): कार्यक्षेत्र में अड़चनें आएंगी. सरकारी योजनाओं और कागजी कार्यवाही में देरी. पाचन संबंधी रोगों और मानसिक तनाव की संभावना.
यह चंद्र ग्रहण भारत और दुनिया दोनों के लिए महत्वपूर्ण संकेत लेकर आ रहा है. जहां एक ओर यह किसानों को कुछ लाभ दे सकता है, वहीं पशुपालन, राजनीति और कला जगत के लिए चुनौतीपूर्ण समय रहेगा. सिंह, कुंभ, मिथुन और कन्या राशि के जातकों को विशेष सावधानी रखनी होगी.
वैज्ञानिक दृष्टि से यह सिर्फ एक खगोलीय घटना है, लेकिन ज्योतिषीय मान्यता में यह ग्रहण आने वाले दिनों की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों को प्रभावित करने वाला है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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