KFC, Macdonald's के काउंटर पर नहीं लगनी चाहिए भीड़... ट्रंप के टैरिफ से भारत में भड़के लोग

US Brands Boycott: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 परसेंट टैरिफ लगाया है. इनमें से पहले 25 परसेंट का बेसलाइन टैरिफ लगाया गया था. फिर बाद में रूस से तेल की खरीद को लेकर पेनाल्टी के तौर पर 25 परसेंट एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया गया. टैरिफ पर ट्रंप के इस आक्रामक रूख की मार कई बड़ी मल्टीनेशनल अमेरिकी कंपनियां झेल रही हैं. भारत में लोग अब इन कंपनियों के बनाए गए प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने की राह पर है. बाबा रामदेव ने की बहिष्कार की मांग  इसका आह्वान सबसे पहले भारतीय योग गुरु बाबा रामदेव ने किया. उन्होंने हाल ही में अपने दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि भारतीय उत्पादों पर 50 परसेंट टैरिफ लगाए जाने के अमेरिका के फैसले के बाद अमेरिकी ब्रांडों का पूरी तरह से बहिष्कार किया जाना चाहिए. आपको बता दें कि इंस्टाग्राम पर बाबा रामदेव के लगभग 30 लाख फॉलोअर्स हैं.  स्वेदशी उत्पादों पर दिया जा रहा जोर  द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा रामदेव ने अपने दिए बयान में कहा है, पेप्सी, कोका-कोला, सबवे, केएफसी या मैकडॉनल्ड्स के काउंटरों पर एक भी भारतीय नहीं दिखना चाहिए. इनका बड़े पैमाने पर बहिष्कार होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, "अगर ऐसा हुआ, तो अमेरिका में हंगामा खड़ा हो जाएगा." अकेले बाबा रामदेव ही नहीं, बल्कि ट्रंप के इस फैसले को लेकर भारत में नेता-मंत्रियों से लेकर जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं व कारोबारियों में भी आक्रोश है. इसे देखते हुए देश के नेताओं ने अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर निर्भरता को खत्म करते हुए आत्मनिर्भर बनने की बात पर जोर दिया है.  कई और देशों में भी दिख रहा असर  ट्रंप के टैरिफ की गाज अकेले भारत पर नहीं, बल्कि फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा जैसे कई देशों पर गिरी है. इन देशों में भी अब अमेरिकी उत्पादों को पहले के मुकाबले काफी कम प्राथमिकता दे रहे हैं. इन पर अपनी निर्भरता ज्यादा से ज्यादा कम कर रहे हैं. अमेरिकी कंपनियों की बनाई चीजों को कम खरीद रहे हैं. इससे जाहिर तौर पर अमेरिकी कंपनियों के मुनाफे को नुकसान पहुंच रहा है. लगभग 1.5 अरब की आबादी वाले देश भारत में अगर लोग अब अमेरिकी उत्पादों का बहिष्कार करने लगे, तो भारत में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के लिए बड़ी चुनौतियाँ पैदा कर सकते हैं. ऊपर से हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भारतीयों से विदेशी उत्पादों से परहेज करने और केवल 'भारत में निर्मित' उत्पाद खरीदने का आग्रह कर चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा था, ''मेरी सरकार छोटे कारोबारियों, किसानों और पशुपालकों को कभी कोई नुकसान नहीं होने देगी. चाहे हम पर कितना भी दबाव क्यों न आए, हम उसका सामना करने की अपनी क्षमता को निरंतर मजबूत करते रहेंगे.''   ये भी पढ़ें:  उधर ट्रंप ने लगाया टैरिफ, इधर भारत ने की तगड़ी कमाई; महज 3 साल में कर ली 12.6 अरब डॉलर की बचत

Sep 2, 2025 - 18:30
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KFC, Macdonald's के काउंटर पर नहीं लगनी चाहिए भीड़... ट्रंप के टैरिफ से भारत में भड़के लोग

US Brands Boycott: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 परसेंट टैरिफ लगाया है. इनमें से पहले 25 परसेंट का बेसलाइन टैरिफ लगाया गया था. फिर बाद में रूस से तेल की खरीद को लेकर पेनाल्टी के तौर पर 25 परसेंट एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया गया. टैरिफ पर ट्रंप के इस आक्रामक रूख की मार कई बड़ी मल्टीनेशनल अमेरिकी कंपनियां झेल रही हैं. भारत में लोग अब इन कंपनियों के बनाए गए प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने की राह पर है.

बाबा रामदेव ने की बहिष्कार की मांग 

इसका आह्वान सबसे पहले भारतीय योग गुरु बाबा रामदेव ने किया. उन्होंने हाल ही में अपने दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि भारतीय उत्पादों पर 50 परसेंट टैरिफ लगाए जाने के अमेरिका के फैसले के बाद अमेरिकी ब्रांडों का पूरी तरह से बहिष्कार किया जाना चाहिए. आपको बता दें कि इंस्टाग्राम पर बाबा रामदेव के लगभग 30 लाख फॉलोअर्स हैं. 

स्वेदशी उत्पादों पर दिया जा रहा जोर 

द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा रामदेव ने अपने दिए बयान में कहा है, पेप्सी, कोका-कोला, सबवे, केएफसी या मैकडॉनल्ड्स के काउंटरों पर एक भी भारतीय नहीं दिखना चाहिए. इनका बड़े पैमाने पर बहिष्कार होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, "अगर ऐसा हुआ, तो अमेरिका में हंगामा खड़ा हो जाएगा." अकेले बाबा रामदेव ही नहीं, बल्कि ट्रंप के इस फैसले को लेकर भारत में नेता-मंत्रियों से लेकर जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं व कारोबारियों में भी आक्रोश है. इसे देखते हुए देश के नेताओं ने अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर निर्भरता को खत्म करते हुए आत्मनिर्भर बनने की बात पर जोर दिया है. 

कई और देशों में भी दिख रहा असर 

ट्रंप के टैरिफ की गाज अकेले भारत पर नहीं, बल्कि फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा जैसे कई देशों पर गिरी है. इन देशों में भी अब अमेरिकी उत्पादों को पहले के मुकाबले काफी कम प्राथमिकता दे रहे हैं. इन पर अपनी निर्भरता ज्यादा से ज्यादा कम कर रहे हैं. अमेरिकी कंपनियों की बनाई चीजों को कम खरीद रहे हैं. इससे जाहिर तौर पर अमेरिकी कंपनियों के मुनाफे को नुकसान पहुंच रहा है.

लगभग 1.5 अरब की आबादी वाले देश भारत में अगर लोग अब अमेरिकी उत्पादों का बहिष्कार करने लगे, तो भारत में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के लिए बड़ी चुनौतियाँ पैदा कर सकते हैं. ऊपर से हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भारतीयों से विदेशी उत्पादों से परहेज करने और केवल 'भारत में निर्मित' उत्पाद खरीदने का आग्रह कर चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा था, ''मेरी सरकार छोटे कारोबारियों, किसानों और पशुपालकों को कभी कोई नुकसान नहीं होने देगी. चाहे हम पर कितना भी दबाव क्यों न आए, हम उसका सामना करने की अपनी क्षमता को निरंतर मजबूत करते रहेंगे.''

 

ये भी पढ़ें: 

उधर ट्रंप ने लगाया टैरिफ, इधर भारत ने की तगड़ी कमाई; महज 3 साल में कर ली 12.6 अरब डॉलर की बचत

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