International Yoga Day: योग से जुड़ रही है पूरी दुनिया, पतंजलि की पहल से बना वैश्विक आंदोलन
International Yoga Day 2025: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, जो हर साल 21 जून को मनाया जाता है, एक प्राचीन भारतीय प्रथा से वैश्विक आंदोलन बन चुका है. इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और पतंजलि योगपीठ के अथक प्रयासों को जाता है. साल 2014 में शुरू हुआ यह पहल विश्व भर में लाखों लोगों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए योग के माध्यम से जोड़ चुका है. योग गुरु बाबा रामदेव के नेतृत्व में पतंजलि ने इस आंदोलन को व्यापक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे योग घर-घर तक पहुंचा. साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल प्रस्तावित की, जिसमें योग के समग्र लाभों पर जोर दिया गया. 177 देशों के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया. यह तिथि, जो ग्रीष्म संक्रांति के साथ मेल खाती है, कई संस्कृतियों में आध्यात्मिक महत्व रखती है और प्रकाश और एकता का प्रतीक है. साल 2015 में पहली बार आयोजित इस उत्सव में न्यूयॉर्क, पेरिस और बीजिंग जैसे शहरों में अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई, जिसने वैश्विक आंदोलन की नींव रखी. वैश्विक पहल में पतंजलि ने निभाई अहम भूमिका पतंजलि योगपीठ ने इस वैश्विक पहल में अहम भूमिका निभाई है. विश्व भर में एक लाख से ज्यादा योग शिविरों का आयोजन कर पतंजलि ने विभिन्न समुदायों तक योग को पहुंचाया. साल 2015 में दिल्ली के राजपथ पर एक ऐतिहासिक आयोजन में 35 हजार 985 लोगों ने एक साथ योग किया, जिसने सबसे बड़े योग सत्र और 84 देशों की भागीदारी के लिए दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए. इन कोशिशों ने योग की सार्वभौमिक अपील और पतंजलि की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया. दूसरे देशों में भी हजारों लोग अपना रहा योग आयोजनों के अलावा पतंजलि के आयुर्वेदिक उत्पादों और योग के वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने इसकी विश्वसनीयता को बढ़ाया. जापान से लेकर अमेरिका तक, पतंजलि के कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने योग को दैनिक जीवन में एकीकृत किया, जो तनाव, मधुमेह और महिला स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को संबोधित करता है. जापान में पतंजलि जापान फाउंडेशन ने भारतीय दूतावास के साथ मिलकर 10 हजार से ज्यादा लोगों तक योग पहुंचाया, जिसमें योग को स्थानीय प्रथाओं जैसे ज़ेन ध्यान के साथ जोड़ा गया. शांति और एकता की सार्वभौमिक प्रथा बना योग साल 2025 की थीम, “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”, योग की व्यक्तिगत और ग्रह कल्याण में भूमिका को रेखांकित करता है. पतंजलि के ऑनलाइन और ऑफलाइन योग सत्रों ने समावेशिता सुनिश्चित की है, जिससे योग वैश्विक सद्भाव का साधन बना. जैसे ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अपने 11वें साल में प्रवेश करता है, पतंजलि का अटूट समर्थन लाखों लोगों को प्रेरित करता है, जिससे योग स्वास्थ्य, शांति और एकता की सार्वभौमिक प्रथा बन गया है. यह भी पढ़ें- आधुनिक तनाव का प्राचीन समाधान, कैसे आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाता है योग?

International Yoga Day 2025: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, जो हर साल 21 जून को मनाया जाता है, एक प्राचीन भारतीय प्रथा से वैश्विक आंदोलन बन चुका है. इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और पतंजलि योगपीठ के अथक प्रयासों को जाता है. साल 2014 में शुरू हुआ यह पहल विश्व भर में लाखों लोगों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए योग के माध्यम से जोड़ चुका है. योग गुरु बाबा रामदेव के नेतृत्व में पतंजलि ने इस आंदोलन को व्यापक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे योग घर-घर तक पहुंचा.
साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल प्रस्तावित की, जिसमें योग के समग्र लाभों पर जोर दिया गया. 177 देशों के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया. यह तिथि, जो ग्रीष्म संक्रांति के साथ मेल खाती है, कई संस्कृतियों में आध्यात्मिक महत्व रखती है और प्रकाश और एकता का प्रतीक है. साल 2015 में पहली बार आयोजित इस उत्सव में न्यूयॉर्क, पेरिस और बीजिंग जैसे शहरों में अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई, जिसने वैश्विक आंदोलन की नींव रखी.
वैश्विक पहल में पतंजलि ने निभाई अहम भूमिका
पतंजलि योगपीठ ने इस वैश्विक पहल में अहम भूमिका निभाई है. विश्व भर में एक लाख से ज्यादा योग शिविरों का आयोजन कर पतंजलि ने विभिन्न समुदायों तक योग को पहुंचाया. साल 2015 में दिल्ली के राजपथ पर एक ऐतिहासिक आयोजन में 35 हजार 985 लोगों ने एक साथ योग किया, जिसने सबसे बड़े योग सत्र और 84 देशों की भागीदारी के लिए दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए. इन कोशिशों ने योग की सार्वभौमिक अपील और पतंजलि की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया.
दूसरे देशों में भी हजारों लोग अपना रहा योग
आयोजनों के अलावा पतंजलि के आयुर्वेदिक उत्पादों और योग के वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने इसकी विश्वसनीयता को बढ़ाया. जापान से लेकर अमेरिका तक, पतंजलि के कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने योग को दैनिक जीवन में एकीकृत किया, जो तनाव, मधुमेह और महिला स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को संबोधित करता है. जापान में पतंजलि जापान फाउंडेशन ने भारतीय दूतावास के साथ मिलकर 10 हजार से ज्यादा लोगों तक योग पहुंचाया, जिसमें योग को स्थानीय प्रथाओं जैसे ज़ेन ध्यान के साथ जोड़ा गया.
शांति और एकता की सार्वभौमिक प्रथा बना योग
साल 2025 की थीम, “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग”, योग की व्यक्तिगत और ग्रह कल्याण में भूमिका को रेखांकित करता है. पतंजलि के ऑनलाइन और ऑफलाइन योग सत्रों ने समावेशिता सुनिश्चित की है, जिससे योग वैश्विक सद्भाव का साधन बना. जैसे ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अपने 11वें साल में प्रवेश करता है, पतंजलि का अटूट समर्थन लाखों लोगों को प्रेरित करता है, जिससे योग स्वास्थ्य, शांति और एकता की सार्वभौमिक प्रथा बन गया है.
यह भी पढ़ें-
आधुनिक तनाव का प्राचीन समाधान, कैसे आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाता है योग?
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