Hariyali Amavasya 2025: गुरु पुष्य योग में हरियाली अमावस्या, इन 5 उपायों से दूर होगी धन की परेशानी
Hariyali Amavasya 2025: इस साल सावन अमावस्या यानी हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग का संयोग बन रहा है. हरियाली अमावस्या तिथि जहां पितरों और प्रकृति को समर्पित है तो वहीं गुरु पुष्य योग के दिन शुभ चीजों की खरीदारी, मांगलिक कार्य आदि किए जाते हैं. चूंकि अभी चातुर्मास चल रहे हैं ऐसे में गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन शुभ कार्य तो वर्जित रहेगा लेकिन खरीदारी और कुछ विशेष उपाय जरुर किए जा सकते हैं. इससे मां लक्ष्मी, बृहस्पति की कृपा बरसती है और जीवन में सुख, समृद्धि, धन का आगमन होता है. हरियाली अमावस्या तिथि हरियाली अमावस्या का प्रारंभ- 24 जुलाई को देर रात 02:28 मिनट से अमावस्या का समापन- 25 जुलाई को देर रात 12:40 मिनट पर होगा हरियाली अमावस्या पर महांसंयोग इस बार 24 जुलाई 2025 को हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग शाम 4.43 मिनट से अगले दिन सुबह 5.39 तक रहेगा. इसके साथ सर्वार्थ सिद्धि, और अमृत सिद्धि योग रहेंगे. शास्त्रों में इस अमावस्या पर पूजा-पाठ, स्नान-दान करना उत्तम माना गया है. साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हरियाली अमावस्या का बहुत महत्व है. गुरु पुष्य नक्षत्र में क्या-क्या कर सकते हैं गुरु पुष्य नक्षत्र में, शिक्षा ग्रहण करने, नवीन कार्य आरम्भ करने तथा महत्वपूर्ण अनुबन्धों पर हस्ताक्षर करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं. पुष्य नक्षत्र सर्वाधिक शुभ नक्षत्रों में से एक है तथा इस नक्षत्र में ही देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था. गुरु अर्थात् बृहस्पति, सर्वाधिक लाभकारी ग्रह है. हरियाली अमावस्य पर करें ये उपाय इस दिन गुरु पुष्य नक्षत्र के संयोग में पीपल, केला, तुलसी, आंवला, बेलपत्र, बड़ आदि का पेड़ लगाएं और उनके संरक्षण का संकल्प लें. साथ ही इन पेड़ों की पूजा करें. मान्यता है इससे मां लक्ष्मी और शंकर भगवान प्रसन्न होते हैं. गुरु पुष्य योग में गरीबों को अन्न, वस्त्र, और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करना बहुत शुभ माना जाता है. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति आती है. इस दिन किसी नदी किनारे श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करें. साथ ही गाय को चारा भी खिलाएं. पितृ दोष दूर होता है. हरियाली अमावस्या की रात कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से धन, समृद्धि, और सौभाग्य में वृद्धि होती है, ऐसी मान्यता है. हरियाली अमावस्या और पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में मछलियों के लिए नदी में आटे की गोलियां डालें. नदी में काले तिल प्रवाहित करें. इससे रोग, दोष, दरिद्रता दूर होते हैं अगर धन कहीं अटका हुआ है तो गुरु पुष्य योग में घर के बाहर स्वास्तिक बनाएं और पास के मंदिर में जाकर दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें. इससे अटके हुए धन की प्राप्ति के रास्ते सुलभ होते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. Sawan Pradosh Vrat 2025: सावन में प्रदोष व्रत कब-कब ? इस दिन कौन से 5 काम करने से आर्थिक सुख मिलता है जानें Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Hariyali Amavasya 2025: इस साल सावन अमावस्या यानी हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग का संयोग बन रहा है. हरियाली अमावस्या तिथि जहां पितरों और प्रकृति को समर्पित है तो वहीं गुरु पुष्य योग के दिन शुभ चीजों की खरीदारी, मांगलिक कार्य आदि किए जाते हैं.
चूंकि अभी चातुर्मास चल रहे हैं ऐसे में गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन शुभ कार्य तो वर्जित रहेगा लेकिन खरीदारी और कुछ विशेष उपाय जरुर किए जा सकते हैं. इससे मां लक्ष्मी, बृहस्पति की कृपा बरसती है और जीवन में सुख, समृद्धि, धन का आगमन होता है.
हरियाली अमावस्या तिथि
हरियाली अमावस्या का प्रारंभ- 24 जुलाई को देर रात 02:28 मिनट से
अमावस्या का समापन- 25 जुलाई को देर रात 12:40 मिनट पर होगा
हरियाली अमावस्या पर महांसंयोग
इस बार 24 जुलाई 2025 को हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग शाम 4.43 मिनट से अगले दिन सुबह 5.39 तक रहेगा. इसके साथ सर्वार्थ सिद्धि, और अमृत सिद्धि योग रहेंगे. शास्त्रों में इस अमावस्या पर पूजा-पाठ, स्नान-दान करना उत्तम माना गया है. साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हरियाली अमावस्या का बहुत महत्व है.
गुरु पुष्य नक्षत्र में क्या-क्या कर सकते हैं
गुरु पुष्य नक्षत्र में, शिक्षा ग्रहण करने, नवीन कार्य आरम्भ करने तथा महत्वपूर्ण अनुबन्धों पर हस्ताक्षर करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं. पुष्य नक्षत्र सर्वाधिक शुभ नक्षत्रों में से एक है तथा इस नक्षत्र में ही देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था. गुरु अर्थात् बृहस्पति, सर्वाधिक लाभकारी ग्रह है.
हरियाली अमावस्य पर करें ये उपाय
- इस दिन गुरु पुष्य नक्षत्र के संयोग में पीपल, केला, तुलसी, आंवला, बेलपत्र, बड़ आदि का पेड़ लगाएं और उनके संरक्षण का संकल्प लें. साथ ही इन पेड़ों की पूजा करें. मान्यता है इससे मां लक्ष्मी और शंकर भगवान प्रसन्न होते हैं.
- गुरु पुष्य योग में गरीबों को अन्न, वस्त्र, और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करना बहुत शुभ माना जाता है. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति आती है.
- इस दिन किसी नदी किनारे श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करें. साथ ही गाय को चारा भी खिलाएं. पितृ दोष दूर होता है.
- हरियाली अमावस्या की रात कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से धन, समृद्धि, और सौभाग्य में वृद्धि होती है, ऐसी मान्यता है.
- हरियाली अमावस्या और पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में मछलियों के लिए नदी में आटे की गोलियां डालें. नदी में काले तिल प्रवाहित करें. इससे रोग, दोष, दरिद्रता दूर होते हैं
- अगर धन कहीं अटका हुआ है तो गुरु पुष्य योग में घर के बाहर स्वास्तिक बनाएं और पास के मंदिर में जाकर दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें. इससे अटके हुए धन की प्राप्ति के रास्ते सुलभ होते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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