Gurugram Jam: 'बारिश ने 35 मिनट का सफर 11 घंटों में बदल दिया', गुरुग्राम ट्रैफिक जाम में फंसे शख्स ने सुनाई आपबीती

Gurugram Traffic Jam: गुरुग्राम में सोमवार दोपहर से मंगलवार सुबह तक लगातार बारिश हुई. इतनी भारी बारिश की वजह से शहर की सड़कें लबालब हो गईं. नए और पुराने शहर के कई हिस्सों में जगह-जगह जलभराव हो गया. हालत यह रही कि आधी रात के बाद भी लोग दिल्ली-जयपुर हाईवे समेत शहर की मुख्य सड़कों पर घंटों जाम में फंसे रहे. बारिश के बाद हाईवे पर लंबा जाम बारिश की वजह से लगे लंबे जाम में फंसे एक शख्स ने सोशल मीडिया पर अपना एक्सपीरिएंस शेयर कर बताया कि उनका 35 मिनट का सफर 11 घंटे का हो गया और वो रात तीन बजे अपने घर पहुंचे. उन्होंने बताया, 'MG रोड से शुरू हुए जाम में कारें धीमी गति से चल रही थीं या पूरी तरह रुक गई थीं. कई वाहन पानी में फंस गए और कुछ ईंधन खत्म होने के कारण बंद हो गए. वरिष्ठ नागरिक और डायबिटीज़ के मरीज यात्रा के दौरान कमजोर महसूस करने लगे.' उन्होंने बताया, 'सड़क किनारे छोटी दुकानों से मिल रहे स्नैक्स और चिप्स ने थोड़ी राहत दी. लंबे समय तक वाहन का इंजन बंद रखकर ईंधन बचाया गया. आधी रात के आसपास क्लोवरलीफ हाईवे दिखाई दिया, जिसने फंसे लोगों को थोड़ी उम्मीद दी.' आम लोग बने अस्थायी ट्रैफिक मैनेजर द्वारका एक्सप्रेस के स्थानीय रास्तों पर फिर से जाम लगने पर यात्री स्वयं बाहर निकलकर रास्ता साफ करने लगे. ट्रैफिक पुलिस अधिकारी थके हुए नजर आए और कुछ तो खाना खा रहे थे, जबकि आम लोग सड़कों पर जाम हटाने में जुट गए. सुबह 3 बजे घर पहुंचने पर सभी थकान और भूख के कारण शांत हो गए. उन्होंने कहा कि 1960 के पुराने हिंदी गाने उनके अकेले साथी बने और शहर की सड़कों पर फंसे लोग अस्थायी ही सही, लेकिन ट्रैफिक पुलिस बन गए.

Sep 2, 2025 - 21:30
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Gurugram Jam: 'बारिश ने 35 मिनट का सफर 11 घंटों में बदल दिया', गुरुग्राम ट्रैफिक जाम में फंसे शख्स ने सुनाई आपबीती

Gurugram Traffic Jam: गुरुग्राम में सोमवार दोपहर से मंगलवार सुबह तक लगातार बारिश हुई. इतनी भारी बारिश की वजह से शहर की सड़कें लबालब हो गईं. नए और पुराने शहर के कई हिस्सों में जगह-जगह जलभराव हो गया. हालत यह रही कि आधी रात के बाद भी लोग दिल्ली-जयपुर हाईवे समेत शहर की मुख्य सड़कों पर घंटों जाम में फंसे रहे.

बारिश के बाद हाईवे पर लंबा जाम

बारिश की वजह से लगे लंबे जाम में फंसे एक शख्स ने सोशल मीडिया पर अपना एक्सपीरिएंस शेयर कर बताया कि उनका 35 मिनट का सफर 11 घंटे का हो गया और वो रात तीन बजे अपने घर पहुंचे. उन्होंने बताया, 'MG रोड से शुरू हुए जाम में कारें धीमी गति से चल रही थीं या पूरी तरह रुक गई थीं. कई वाहन पानी में फंस गए और कुछ ईंधन खत्म होने के कारण बंद हो गए. वरिष्ठ नागरिक और डायबिटीज़ के मरीज यात्रा के दौरान कमजोर महसूस करने लगे.'

उन्होंने बताया, 'सड़क किनारे छोटी दुकानों से मिल रहे स्नैक्स और चिप्स ने थोड़ी राहत दी. लंबे समय तक वाहन का इंजन बंद रखकर ईंधन बचाया गया. आधी रात के आसपास क्लोवरलीफ हाईवे दिखाई दिया, जिसने फंसे लोगों को थोड़ी उम्मीद दी.'

आम लोग बने अस्थायी ट्रैफिक मैनेजर

द्वारका एक्सप्रेस के स्थानीय रास्तों पर फिर से जाम लगने पर यात्री स्वयं बाहर निकलकर रास्ता साफ करने लगे. ट्रैफिक पुलिस अधिकारी थके हुए नजर आए और कुछ तो खाना खा रहे थे, जबकि आम लोग सड़कों पर जाम हटाने में जुट गए. सुबह 3 बजे घर पहुंचने पर सभी थकान और भूख के कारण शांत हो गए. उन्होंने कहा कि 1960 के पुराने हिंदी गाने उनके अकेले साथी बने और शहर की सड़कों पर फंसे लोग अस्थायी ही सही, लेकिन ट्रैफिक पुलिस बन गए.

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