BSF जवान पूर्णम की वापसी पर बोले पिता भोला नाथ- 'थैंक्यू, चाहता हूं कि वो फिर...'

Purnam Kumar Shaw Father Reaction: बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ भारत वापस आ चुके हैं. उन्हें 23 अप्रैल, 2025 को पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ लिया था. बेटे की वापसी पर पिता भोला नाथ शॉ ने कहा कि वो केंद्र और राज्य सरकार का धन्यवाद करते हैं, जिनकी वजह से पूर्णम की वापसी संभव हो पाई.  न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मेरे बेटे को पाकिस्तान से रिहा कराया और उसे भारत वापस लेकर आई. अब जबकि मेरा बेटा वापस आ रहा है, मैं चाहूंगा कि वह एक बार फिर देश की सेवा करे. ऑपरेशन सिंदूर के लिए मोदी जी को धन्यवाद देता हूं." #WATCH | BSF Jawan Purnam Kumar Shaw, who had been in Pakistan Rangers' custody since 23 April 2025, repatriated to India today.In West Bengal, his father Bhola Nath Shaw says, "...I thank Centre & State Govt who got my son released from Pakistan and brought him back to… https://t.co/NpqNkkBlEl pic.twitter.com/fTqAmHFeY0 — ANI (@ANI) May 14, 2025 डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद पाकिस्तान ने पूर्णम को छोड़ा पूर्णम कुमार शॉ 23 अप्रैल गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे और तभी से पाकिस्तानी रेंजर्स के कब्जे में थे. भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद उन्हें छोड़ा गया है. बीएसएफ के अधिकारी उन्हें अपने साथ मेडिकल चेकअप के लिए ले गए हैं. चेकअप के बाद उन्हें उनके घर भेजा जाएगा. पूर्णम शॉ को पाकिस्तानी रेंजर्स ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद पकड़ा था. आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की इस हरकत ने दोनों देशों के बीच के तनाव को और बढ़ा दिया. शॉ के जब पाकिस्तान के कब्जे में जाने की खबर मिली तो उनकी गर्भवती पत्नी रजनी वाघा-अटारी बॉर्डर पहुंच गई थी और उनकी वापसी पर अड़ गई थीं. पाकिस्तान की सीमा में कैसे पहुंचे पूर्णम? 23 अप्रैल को फिरोजपुर जिले के ममदोट कस्बे के पास खेतों में किसानों की निगरानी कर रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम को पाकिस्तानी रेंजर्स तब उठा कर ले गए जब वो गर्मी से बेहाल हो एक पेड़ के नीचे बैठ गए थे. बाद में पता चला कि वो गलती से जीरो लाइन पार कर एक पेड़ की छांव में बैठ गए जो पाकिस्तानी सीमा में आता था. बीएसएफ ने बताया कि गेहूं की कटाई के लिए किसान गेट नंबर 208/1 से फेंसिंग पार कर खेतों में पहुंचे थे. उनके साथ निगरानी के लिए बीएसएफ के दो जवान भी गए थे. गर्मी के चलते शॉ पास के पेड़ की छांव में बैठ गए. तभी वहां, मौजूद एक पाकिस्तानी किसान ने उन्हें देखकर पाक रेंजर्स को सूचना दी. कुछ ही देर में पाक रेंजर्स वहां पहुंचे और जवान को गिरफ्तार कर लिया. शॉ की राइफल भी छीन ली गई और अपने साथ ले गए.  ये भी पढ़ें: पाकिस्तान ने भारत को लौटाया बीएसएफ जवान, वाघा-अटारी बॉर्डर से हुई वतन वापसी

May 14, 2025 - 14:30
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BSF जवान पूर्णम की वापसी पर बोले पिता भोला नाथ- 'थैंक्यू, चाहता हूं कि वो फिर...'

Purnam Kumar Shaw Father Reaction: बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ भारत वापस आ चुके हैं. उन्हें 23 अप्रैल, 2025 को पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ लिया था. बेटे की वापसी पर पिता भोला नाथ शॉ ने कहा कि वो केंद्र और राज्य सरकार का धन्यवाद करते हैं, जिनकी वजह से पूर्णम की वापसी संभव हो पाई. 

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मेरे बेटे को पाकिस्तान से रिहा कराया और उसे भारत वापस लेकर आई. अब जबकि मेरा बेटा वापस आ रहा है, मैं चाहूंगा कि वह एक बार फिर देश की सेवा करे. ऑपरेशन सिंदूर के लिए मोदी जी को धन्यवाद देता हूं."

डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद पाकिस्तान ने पूर्णम को छोड़ा

पूर्णम कुमार शॉ 23 अप्रैल गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे और तभी से पाकिस्तानी रेंजर्स के कब्जे में थे. भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद उन्हें छोड़ा गया है. बीएसएफ के अधिकारी उन्हें अपने साथ मेडिकल चेकअप के लिए ले गए हैं. चेकअप के बाद उन्हें उनके घर भेजा जाएगा.

पूर्णम शॉ को पाकिस्तानी रेंजर्स ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद पकड़ा था. आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की इस हरकत ने दोनों देशों के बीच के तनाव को और बढ़ा दिया. शॉ के जब पाकिस्तान के कब्जे में जाने की खबर मिली तो उनकी गर्भवती पत्नी रजनी वाघा-अटारी बॉर्डर पहुंच गई थी और उनकी वापसी पर अड़ गई थीं.

पाकिस्तान की सीमा में कैसे पहुंचे पूर्णम?

23 अप्रैल को फिरोजपुर जिले के ममदोट कस्बे के पास खेतों में किसानों की निगरानी कर रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम को पाकिस्तानी रेंजर्स तब उठा कर ले गए जब वो गर्मी से बेहाल हो एक पेड़ के नीचे बैठ गए थे. बाद में पता चला कि वो गलती से जीरो लाइन पार कर एक पेड़ की छांव में बैठ गए जो पाकिस्तानी सीमा में आता था.

बीएसएफ ने बताया कि गेहूं की कटाई के लिए किसान गेट नंबर 208/1 से फेंसिंग पार कर खेतों में पहुंचे थे. उनके साथ निगरानी के लिए बीएसएफ के दो जवान भी गए थे. गर्मी के चलते शॉ पास के पेड़ की छांव में बैठ गए. तभी वहां, मौजूद एक पाकिस्तानी किसान ने उन्हें देखकर पाक रेंजर्स को सूचना दी. कुछ ही देर में पाक रेंजर्स वहां पहुंचे और जवान को गिरफ्तार कर लिया. शॉ की राइफल भी छीन ली गई और अपने साथ ले गए. 

ये भी पढ़ें: पाकिस्तान ने भारत को लौटाया बीएसएफ जवान, वाघा-अटारी बॉर्डर से हुई वतन वापसी

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