Aja Ekadashi 2025: अजा एकादशी पर किए इन गलतियों से टूट सकता है व्रत, जानें क्या न करें

एकादशी का व्रत बहुत ही पवित्र, पुण्यदायी और महत्वपूर्ण माना जाता है. सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए समर्पित होती है. फिलहाल चतुर्मास चल रहा है और चातुर्मास में पड़ने वाली एकादशियों में ‘अजा एकादशी’ भी है एक है, जोकि भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को होती है. इस साल अजा एकादशी का व्रत मंगलवार 19 अगस्त को रखा जाएगा और 20 अगस्त को व्रत का पारण किया जाएगा. विधि विधान और नियम पूर्वक किए गए एकादशी व्रत से मनोकामना की पूर्ति होती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही कष्टों से मुक्ति भी मिलती है. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि नियमों का पूर्णता ध्यान रखा जाए. क्योंकि जाने-अनजाने में हुई कुछ गलतियों से आपका व्रत खंडित भी हो सकता है. इसलिए यह जान लें कि अजा एकादशी व्रत के दौरान आपको कौन से काम नहीं करने चाहिए. इन कामों से नहीं मिलता एकादशी व्रत पुण्य चावल का सेवन- एकादशी तिथि पर चावल का सेवन वर्जित होता है. एकादशी व्रत के दौरान चावल का सेवन करने से व्रत का पुण्य फल समाप्त हो जाता है. अगर आप व्रत नहीं भी रख रहे हैं तब भी एकादशी तिथि पर चावल का सेवन करने से बचना चाहिए. निंदा करने बचें- एकादशी व्रत रखकर किसी की बुराई न करें, किसी को कटु वचन न कहें और ना ही किसी के साथ वाद-विवाद में उलझें. एकादशी व्रत में भोजन के त्याग के साथ ही नकारात्मक विचारों का भी त्याग करना जरूरी होता है, जिससे की व्रत की पवित्रता बनी रही. तामसिक भोजन- लहसुन-प्याज अत्यधिक तेल-मसाला या मांसाहार जैसे तामसिक भोजन का सेवन भी अजा एकादशी व्रत में नहीं करें. इन चीजों के सेवन से व्रत खंडित हो जाता है. एकादशी व्रत के दौरान शाऱीरिक और मानसिक रूप से सात्विकता का पालन करें.तुलसी न छूएं- एकादशी तिथि पर तुलसी के पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए और ना ही तुलसी में जल चढ़ाना चाहिए. आप बिना स्पर्श किए दूर से ही तुलसी में धूर-दीप कर सकते हैं. बाल और नाखून न काटें- एकादशी व्रत के दिन बाल और नाखुन आदि कटवाने से बचना चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार स्त्रियों को इस दिन बाल भी नहीं धोने चाहिए। इससे व्रत का पुण्य फल समाप्त हो जाता है. ये भी पढ़ें: Goddess Swaha: कौन है 'स्वाहा देवी', जिसके नाम के उच्चारण के बगैर नहीं दी जाती हवन में आहुति Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.a

Aug 19, 2025 - 10:30
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Aja Ekadashi 2025: अजा एकादशी पर किए इन गलतियों से टूट सकता है व्रत, जानें क्या न करें

एकादशी का व्रत बहुत ही पवित्र, पुण्यदायी और महत्वपूर्ण माना जाता है. सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए समर्पित होती है. फिलहाल चतुर्मास चल रहा है और चातुर्मास में पड़ने वाली एकादशियों में ‘अजा एकादशी’ भी है एक है, जोकि भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को होती है. इस साल अजा एकादशी का व्रत मंगलवार 19 अगस्त को रखा जाएगा और 20 अगस्त को व्रत का पारण किया जाएगा.

विधि विधान और नियम पूर्वक किए गए एकादशी व्रत से मनोकामना की पूर्ति होती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही कष्टों से मुक्ति भी मिलती है. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि नियमों का पूर्णता ध्यान रखा जाए. क्योंकि जाने-अनजाने में हुई कुछ गलतियों से आपका व्रत खंडित भी हो सकता है. इसलिए यह जान लें कि अजा एकादशी व्रत के दौरान आपको कौन से काम नहीं करने चाहिए.

इन कामों से नहीं मिलता एकादशी व्रत पुण्य

चावल का सेवन- एकादशी तिथि पर चावल का सेवन वर्जित होता है. एकादशी व्रत के दौरान चावल का सेवन करने से व्रत का पुण्य फल समाप्त हो जाता है. अगर आप व्रत नहीं भी रख रहे हैं तब भी एकादशी तिथि पर चावल का सेवन करने से बचना चाहिए.

निंदा करने बचें- एकादशी व्रत रखकर किसी की बुराई न करें, किसी को कटु वचन न कहें और ना ही किसी के साथ वाद-विवाद में उलझें. एकादशी व्रत में भोजन के त्याग के साथ ही नकारात्मक विचारों का भी त्याग करना जरूरी होता है, जिससे की व्रत की पवित्रता बनी रही.

तामसिक भोजन- लहसुन-प्याज अत्यधिक तेल-मसाला या मांसाहार जैसे तामसिक भोजन का सेवन भी अजा एकादशी व्रत में नहीं करें. इन चीजों के सेवन से व्रत खंडित हो जाता है. एकादशी व्रत के दौरान शाऱीरिक और मानसिक रूप से सात्विकता का पालन करें.

तुलसी न छूएं- एकादशी तिथि पर तुलसी के पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए और ना ही तुलसी में जल चढ़ाना चाहिए. आप बिना स्पर्श किए दूर से ही तुलसी में धूर-दीप कर सकते हैं.

बाल और नाखून न काटें- एकादशी व्रत के दिन बाल और नाखुन आदि कटवाने से बचना चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार स्त्रियों को इस दिन बाल भी नहीं धोने चाहिए। इससे व्रत का पुण्य फल समाप्त हो जाता है.

ये भी पढ़ें: Goddess Swaha: कौन है 'स्वाहा देवी', जिसके नाम के उच्चारण के बगैर नहीं दी जाती हवन में आहुति

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.a

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