AI से कॉपी-पेस्ट करने वालों सावधान? यह चेतावनी आपकी नींद उड़ा देगी, जान लीजिए

Artificial Intelligence: Zoho कॉरपोरेशन के को-फाउंडर और चीफ साइंटिस्ट श्रीधर वेम्बू ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को लेकर टेक प्रोफेशनल्स को सावधान किया है. उनका कहना है कि सही तरह से इस्तेमाल करने पर AI सीखने और काम की गति बढ़ाने में मददगार है लेकिन अगर इस पर पूरी तरह निर्भर हो जाएं या लापरवाही से इसका इस्तेमाल करें तो यह प्रोडक्टिविटी को घटा भी सकता है. AI को इंसानों की जगह देना सही नहीं वेम्बू के मुताबिक “AI प्रोडक्ट एक्सपीरियंस को बेहतर बना सकता है, जैसे X में Grok करता है. लेकिन मैं इससे नया कंटेंट तैयार करने का पक्षधर नहीं हूं. कस्टमर सपोर्ट में यह एजेंट्स को तेज़ी से काम करने में मदद करता है लेकिन AI को इंसानों की जगह देना सही नहीं है. और सबसे गलत है बिना बताए AI द्वारा लिखा गया टेक्स्ट ग्राहक को भेजना.” वेम्बू खुद कैसे इस्तेमाल करते हैं AI? On our AI use as of August 2025.I use AI chat tools daily, at least 2-3 sessions a day. So I would count myself as a moderate to heavy user. I have the top 5 apps installed in my phone and I use all of them (see item 2).1. AI helps me learn faster. It is a much better search… — Sridhar Vembu (@svembu) August 14, 2025 अगस्त 2025 में X (पहले ट्विटर) पर अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि वे रोज़ाना दो से तीन बार AI चैट टूल्स का इस्तेमाल करते हैं और अपने फोन में टॉप-5 AI ऐप्स इंस्टॉल किए हुए हैं. खुद को उन्होंने “मॉडरेट से हेवी यूज़र” बताया. उन्होंने खुलासा किया कि AI ने उनकी वेब सर्चिंग 80% तक कम कर दी है क्योंकि यह सीखने का तेज़ तरीका देता है. वे अक्सर अलग-अलग AI सिस्टम्स को आपस में डिबेट करने देते हैं जिससे किसी टॉपिक को गहराई से समझने में मदद मिलती है. अंधा भरोसा न करें वेम्बू के अनुसार, AI ग्राहक सेवा को तेज़ बना सकता है लेकिन इसे इंसानों की पूरी तरह जगह नहीं लेनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि AI से लिखा गया कोड सीधे इस्तेमाल करना खतरनाक है. इसे कड़े कंप्लायंस, प्राइवेसी और सिक्योरिटी रिव्यू से गुजरना ज़रूरी है. अगर यह प्रोसेस छोड़ दी जाए तो डेवलपर्स गैर-प्रोफेशनल तरीके से काम कर रहे होंगे. उनके मुताबिक, ये जांचें समय लेने वाली होती हैं और कई बार AI द्वारा दिया गया समय बचाने का फायदा भी खत्म कर देती हैं. कुछ मामलों में तो AI डेवलपमेंट की गति को धीमा भी कर सकता है. सीखने का टूल, इंसान का विकल्प नहीं वेम्बू ने साफ कहा कि Zoho अपने प्रोग्रामर्स को AI का इस्तेमाल सीखने और समस्याओं को हल करने के लिए प्रोत्साहित करता है लेकिन इंसानी निर्णय क्षमता को बदलने के लिए नहीं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि कंपनी AI को लेकर लगातार प्रयोग कर रही है और जैसे-जैसे वास्तविक अनुभव सामने आएंगे, रणनीति में बदलाव भी होगा. यह भी पढ़ें: चीन की नई तकनीक! अब रोबोट पैदा करेंगे बच्चें, जानें क्या है तकनीक और कितनी आएगी लागत

Aug 18, 2025 - 10:30
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AI से कॉपी-पेस्ट करने वालों सावधान? यह चेतावनी आपकी नींद उड़ा देगी, जान लीजिए

Artificial Intelligence: Zoho कॉरपोरेशन के को-फाउंडर और चीफ साइंटिस्ट श्रीधर वेम्बू ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को लेकर टेक प्रोफेशनल्स को सावधान किया है. उनका कहना है कि सही तरह से इस्तेमाल करने पर AI सीखने और काम की गति बढ़ाने में मददगार है लेकिन अगर इस पर पूरी तरह निर्भर हो जाएं या लापरवाही से इसका इस्तेमाल करें तो यह प्रोडक्टिविटी को घटा भी सकता है.

AI को इंसानों की जगह देना सही नहीं

वेम्बू के मुताबिक “AI प्रोडक्ट एक्सपीरियंस को बेहतर बना सकता है, जैसे X में Grok करता है. लेकिन मैं इससे नया कंटेंट तैयार करने का पक्षधर नहीं हूं. कस्टमर सपोर्ट में यह एजेंट्स को तेज़ी से काम करने में मदद करता है लेकिन AI को इंसानों की जगह देना सही नहीं है. और सबसे गलत है बिना बताए AI द्वारा लिखा गया टेक्स्ट ग्राहक को भेजना.”

वेम्बू खुद कैसे इस्तेमाल करते हैं AI?

अगस्त 2025 में X (पहले ट्विटर) पर अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि वे रोज़ाना दो से तीन बार AI चैट टूल्स का इस्तेमाल करते हैं और अपने फोन में टॉप-5 AI ऐप्स इंस्टॉल किए हुए हैं. खुद को उन्होंने “मॉडरेट से हेवी यूज़र” बताया. उन्होंने खुलासा किया कि AI ने उनकी वेब सर्चिंग 80% तक कम कर दी है क्योंकि यह सीखने का तेज़ तरीका देता है. वे अक्सर अलग-अलग AI सिस्टम्स को आपस में डिबेट करने देते हैं जिससे किसी टॉपिक को गहराई से समझने में मदद मिलती है.

अंधा भरोसा न करें

वेम्बू के अनुसार, AI ग्राहक सेवा को तेज़ बना सकता है लेकिन इसे इंसानों की पूरी तरह जगह नहीं लेनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि AI से लिखा गया कोड सीधे इस्तेमाल करना खतरनाक है. इसे कड़े कंप्लायंस, प्राइवेसी और सिक्योरिटी रिव्यू से गुजरना ज़रूरी है. अगर यह प्रोसेस छोड़ दी जाए तो डेवलपर्स गैर-प्रोफेशनल तरीके से काम कर रहे होंगे.

उनके मुताबिक, ये जांचें समय लेने वाली होती हैं और कई बार AI द्वारा दिया गया समय बचाने का फायदा भी खत्म कर देती हैं. कुछ मामलों में तो AI डेवलपमेंट की गति को धीमा भी कर सकता है.

सीखने का टूल, इंसान का विकल्प नहीं

वेम्बू ने साफ कहा कि Zoho अपने प्रोग्रामर्स को AI का इस्तेमाल सीखने और समस्याओं को हल करने के लिए प्रोत्साहित करता है लेकिन इंसानी निर्णय क्षमता को बदलने के लिए नहीं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि कंपनी AI को लेकर लगातार प्रयोग कर रही है और जैसे-जैसे वास्तविक अनुभव सामने आएंगे, रणनीति में बदलाव भी होगा.

यह भी पढ़ें:

चीन की नई तकनीक! अब रोबोट पैदा करेंगे बच्चें, जानें क्या है तकनीक और कितनी आएगी लागत

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