डॉ. संजीव कुमार: साहित्य, कानून और उद्यमिता के बहुआयामी प्रकाशस्तंभ

डॉ. संजीव कुमार एक विलक्षण व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने साहित्य, कानून, कॉर्पोरेट नेतृत्व और सामाजिक उद्यमिता के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। वे एक बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं, जिनके पास डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (D.Lit.) की उपाधि है, साथ ही MIT (Boston, USA), इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (FCMA) और इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (FCS) जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं से उच्च शिक्षा प्राप्त की है।
अपने 35 वर्षों के शानदार करियर में उन्होंने कॉर्पोरेट फाइनेंस, कानूनी मामलों, साहित्य और सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे इंडिया नेटबुक्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन, बीपीए एडवाइजरी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और iGenomeDx इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। उनका विशेषज्ञता क्षेत्र व्यापार रणनीति, वित्त, कॉर्पोरेट गवर्नेंस और आर्थिक कानून है, जिससे वे कई उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक बने हैं।
साहित्य के क्षेत्र में वे एक सुप्रसिद्ध लेखक हैं, जिन्होंने 290 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें 145 साहित्यिक कृतियाँ, 51 विधि (कानूनी) पुस्तकें और 51 बच्चों की पुस्तकें शामिल हैं। उनकी विशेष उपलब्धियों में 20 प्रबंध काव्य (Prabandh Kavyas) शामिल हैं, जो पौराणिक कथाओं के अद्वितीय और गहन विश्लेषण पर आधारित हैं। उनकी रचनाएँ विद्वानों, शोधकर्ताओं और साहित्य प्रेमियों के लिए ज्ञान का अमूल्य स्रोत हैं।
कानूनी क्षेत्र में भी उनका विशेष योगदान रहा है। वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, जिनकी कॉर्पोरेट कानून और जटिल कानूनी मामलों पर गहरी पकड़ है। उनकी निपुणता ने उन्हें इस क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित पहचान दिलाई है।
इसके अलावा, वे शिक्षा और सामाजिक सुधार के प्रति भी समर्पित हैं। वे बीपीए फाउंडेशन और वामा एकेडमी के संस्थापक-चेयरमैन हैं, जो भाषा शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका मानना है कि शिक्षा समाज में बदलाव लाने का सबसे प्रभावी माध्यम है, जो लोगों को आत्मनिर्भर बनने और अपनी क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है।
उनकी असाधारण उपलब्धियों की सराहना फोर्ब्स, हिंदुस्तान टाइम्स, बिजनेस टुडे, इंडिया टुडे और टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों ने की है। फोर्ब्स ने उन्हें इन शब्दों में परिभाषित किया:
"डॉ. संजीव कुमार एक विशिष्ट साहित्यकार, उद्यमी, प्रबंधन विशेषज्ञ और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हैं, जो बौद्धिक गहराई, व्यावसायिक दृष्टिकोण और सामाजिक प्रतिबद्धता का अद्भुत समन्वय प्रस्तुत करते हैं।"
डॉ. संजीव कुमार मात्र एक व्यक्ति नहीं, बल्कि ज्ञान, नेतृत्व और प्रेरणा के एक जीवंत स्तंभ हैं, जो कई क्षेत्रों में उज्ज्वल मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।
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