50 साल हो गई उम्र फिर भी इ्ंप्रूव कर सकते हैं ब्रेन हेल्थ, साइंटिस्ट्स ने खोज निकाला तरीका

How to Improve Memory at Old Age: क्या आप चाहते हैं कि आपका दिमाग़ लंबे समय तक तेज और एक्टिव बना रहे, तो कुछ अपने पुराने शौक को फिर से अपना ले या कोई नया शौक शुरू कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि शौक न सिर्फ आपको खुश रखते हैं, बल्कि दिमाग़ की सेहत भी बेहतर बनाते हैं. ब्रेन हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. वॉनेटा डॉटसन के अनुसार, पेंटिंग, म्यूजिक या कोई नई एक्टिविटी करने से दिमाग नए कनेक्शंस बनाने और खुद को एडजस्ट करने की क्षमता विकसित करता है. ये भी पढ़ें: एस्पिरिन से लाख गुना बेहतर है यह दवा, हार्ट अटैक से बचने के लिए डॉक्टर भी कर रहे रेकमंड एरोबिक एक्सरसाइज तेज चाल से चलना, हाइकिंग करना या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी ब्रेन हेल्थ के लिए शानदार है. रिसर्च के अनुसार, 50 साल से ऊपर उम्र वाले लोगों में भी नियमित व्यायाम से याददाश्त और सोचने की क्षमता बेहतर होती है. सबसे अच्छी एक्सरसाइज़ वही है जिसे आप नियमित रूप से कर सकें. डांसिंग डांस सिर्फ शरीर को ही नहीं बल्कि दिमाग़ को भी एक्टिव रखता है. डांस क्लास लेना या पार्टनर के साथ डांस करना दिमाग़ की लचीलापन को बढ़ाता है. इसमें फिज़िकल एक्टिविटी के साथ-साथ सोशल कनेक्शन भी शामिल है, जो ब्रेन हेल्थ को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है. म्यूजिक चाहे गाने सुनना हो, गाना गाना हो या कोई नया म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट सीखना, क्योंकि म्यूज़िक दिमाग़ को चुस्त रखता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि, म्यूज़िक ब्रेन के कई हिस्सों को एक साथ सक्रिय करता है. खासकर कोई नया इंस्ट्रूमेंट सीखना दिमाग़ को नई चुनौतियाँ देता है और इससे दिमाग़ की क्षमता और भी बढ़ जाती है. गार्डनिंग फूल-पौधे, सब्ज़ी या हर्ब्स लगाना न सिर्फ आनंद देता है बल्कि ब्रेन के लिए भी फायदेमंद है. एक स्टडी में पाया गया कि गार्डनिंग से ब्रेन नर्व ग्रोथ फैक्टर बढ़ता है, जो याददाश्त और सोचने की क्षमता से जुड़ा होता है. साथ ही पौधे उगाने से मिलने वाली संतुष्टि और उपलब्धि की भावना दिमाग़ को स्वस्थ बनाए रखती है. रीडिंग किताबें पढ़ना दिमाग के लिए किसी कसरत से कम नहीं. रिसर्च बताती है कि हफ्ते में एक से अधिक बार पढ़ने वाले बुज़ुर्गों के दिमाग को बेहतर बनाता है. पढ़ने से दिमाग़ के लैंग्वेज सेंटर्स एक्टिव रहते हैं. चाहे मिस्ट्री, फैंटेसी या हिस्ट्री, जो भी पसंद हो, पढ़ते रहना दिमाग़ के लिए बहुत फायदेमंद है. इसे भी पढ़ें- किस कैंसर से हुआ पवित्र रिश्ता की एक्ट्रेस प्रिया मराठे का निधन? जान लें इसके लक्षण Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Sep 1, 2025 - 15:30
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50 साल हो गई उम्र फिर भी इ्ंप्रूव कर सकते हैं ब्रेन हेल्थ, साइंटिस्ट्स ने खोज निकाला तरीका

How to Improve Memory at Old Age: क्या आप चाहते हैं कि आपका दिमाग़ लंबे समय तक तेज और एक्टिव बना रहे, तो कुछ अपने पुराने शौक को फिर से अपना ले या कोई नया शौक शुरू कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि शौक न सिर्फ आपको खुश रखते हैं, बल्कि दिमाग़ की सेहत भी बेहतर बनाते हैं.

ब्रेन हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. वॉनेटा डॉटसन के अनुसार, पेंटिंग, म्यूजिक या कोई नई एक्टिविटी करने से दिमाग न कनेक्शंस बनाने और खुद को एडजस्ट करने की क्षमता विकसित करता है.

ये भी पढ़ें: एस्पिरिन से लाख गुना बेहतर है यह दवा, हार्ट अटैक से बचने के लिए डॉक्टर भी कर रहे रेकमंड

एरोबिक एक्सरसाइज

तेज चाल से चलना, हाइकिंग करना या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी ब्रेन हेल्थ के लिए शानदार है. रिसर्च के अनुसार, 50 साल से ऊपर उम्र वाले लोगों में भी नियमित व्यायाम से याददाश्त और सोचने की क्षमता बेहतर होती है. सबसे अच्छी एक्सरसाइज़ वही है जिसे आप नियमित रूप से कर सकें.

डांसिंग

डांस सिर्फ शरीर को ही नहीं बल्कि दिमाग़ को भी एक्टिव रखता है. डांस क्लास लेना या पार्टनर के साथ डांस करना दिमाग़ की लचीलापन को बढ़ाता है. इसमें फिज़िकल एक्टिविटी के साथ-साथ सोशल कनेक्शन भी शामिल है, जो ब्रेन हेल्थ को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है.

म्यूजिक

चाहे गाने सुनना हो, गाना गाना हो या कोई नया म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट सीखना, क्योंकि म्यूज़िक दिमाग़ को चुस्त रखता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि, म्यूज़िक ब्रेन के कई हिस्सों को एक साथ सक्रिय करता है. खासकर कोई नया इंस्ट्रूमेंट सीखना दिमाग़ को नई चुनौतियाँ देता है और इससे दिमाग़ की क्षमता और भी बढ़ जाती है.

गार्डनिंग

फूल-पौधे, सब्ज़ी या हर्ब्स लगाना न सिर्फ आनंद देता है बल्कि ब्रेन के लिए भी फायदेमंद है. एक स्टडी में पाया गया कि गार्डनिंग से ब्रेन नर्व ग्रोथ फैक्टर बढ़ता है, जो याददाश्त और सोचने की क्षमता से जुड़ा होता है. साथ ही पौधे उगाने से मिलने वाली संतुष्टि और उपलब्धि की भावना दिमाग़ को स्वस्थ बनाए रखती है.

रीडिंग

किताबें पढ़ना दिमाग के लिए किसी कसरत से कम नहीं. रिसर्च बताती है कि हफ्ते में एक से अधिक बार पढ़ने वाले बुज़ुर्गों के दिमाग को बेहतर बनाता है. पढ़ने से दिमाग़ के लैंग्वेज सेंटर्स एक्टिव रहते हैं. चाहे मिस्ट्री, फैंटेसी या हिस्ट्री, जो भी पसंद हो, पढ़ते रहना दिमाग़ के लिए बहुत फायदेमंद है.

इसे भी पढ़ें- किस कैंसर से हुआ पवित्र रिश्ता की एक्ट्रेस प्रिया मराठे का निधन? जान लें इसके लक्षण

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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