शशि थरूर ने ट्रंप के 'मीठे' बोल को लेकर चेताया, कहा- '50 परसेंट टैरिफ की बात ना भूल सकते हैं, ना माफ कर सकते हैं'
हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में नरमी के संकेत सामने आए हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आपसी प्रशंसा के शब्द सोशल मीडिया और प्रेस के जरिए साझा किए, लेकिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस नई 'टोन' को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत टैरिफ और अमेरिका के उच्च अधिकारियों द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियां भारतीय जनता के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं. 50 प्रतिशत टैरिफ पर कड़ा रुखशशि थरूर ने तिरुवनंतपुरम में मीडिया से बातचीत करते हुए साफ कहा, “हम किसी भी तरह से माफी मांगने की स्थिति में नहीं हैं. भारत ने इस पूरे मसले पर बहुत समझदारी और परिपक्वता से काम किया है.” दरअसल, अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक की इस टिप्पणी के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कि भारत जल्द ही "माफी मांगेगा और ट्रंप के साथ समझौता करने की कोशिश करेगा" थरूर ने तीखा जवाब देते हुए कहा-"मुझे नहीं लगता कि हमें माफी मांगने की कोई जरूरत है. भारत ने इस पूरे मामले में काफी परिपक्वता से काम लिया है."उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ ने भारत पर गंभीर प्रभाव डाला है. थरूर ने यह भी जोड़ा कि इस समय व्यापार समझौते पर चर्चा ठहर गई है और दोनों देशों के बीच गहराई से सोचने की जरूरत है. #WATCH | Thiruvananthapuram: On PM Modi's response to US President Donald Trump speaking positively on India-US relationship, Congress MP Shashi Tharoor says, "The Prime Minister was very quick to respond, and the Foreign Minister has also underscored the importance of the basic… pic.twitter.com/Iju3uZUkzl — ANI (@ANI) September 7, 2025 नई दोस्ती पर सावधानी की जरूरतथरूर ने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-अमेरिका के व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को उजागर किया, जो एक सकारात्मक कदम है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमें नई टोन को लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी का अमेरिका दौरा फिलहाल संभव नहीं है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र बैठक में मोदी नहीं जा रहे हैं. अमेरिका ने भी दिए सख्ती के संकेतइसके अलावा अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने भी संकेत दिए कि रूस और उसके तेल खरीदार देशों (जिसमें भारत भी शामिल है) पर और अधिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. उनका कहना था कि इससे रूस की अर्थव्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो सकती है, जिससे वार्ता संभव हो. पूर्व भारतीय राजनयिक केपी फेबियन ने भी कहा कि ट्रंप को अब यह समझ में आने लगा है कि भारत पर थोपे गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ (कुल मिलाकर 50 प्रतिशत) से अपेक्षित परिणाम नहीं निकले. ट्रंप चाहते थे कि भारत झुक जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में नरमी के संकेत सामने आए हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आपसी प्रशंसा के शब्द सोशल मीडिया और प्रेस के जरिए साझा किए, लेकिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस नई 'टोन' को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत टैरिफ और अमेरिका के उच्च अधिकारियों द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियां भारतीय जनता के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं.
50 प्रतिशत टैरिफ पर कड़ा रुख
शशि थरूर ने तिरुवनंतपुरम में मीडिया से बातचीत करते हुए साफ कहा, “हम किसी भी तरह से माफी मांगने की स्थिति में नहीं हैं. भारत ने इस पूरे मसले पर बहुत समझदारी और परिपक्वता से काम किया है.” दरअसल, अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक की इस टिप्पणी के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कि भारत जल्द ही "माफी मांगेगा और ट्रंप के साथ समझौता करने की कोशिश करेगा" थरूर ने तीखा जवाब देते हुए कहा-"मुझे नहीं लगता कि हमें माफी मांगने की कोई जरूरत है. भारत ने इस पूरे मामले में काफी परिपक्वता से काम लिया है."
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ ने भारत पर गंभीर प्रभाव डाला है. थरूर ने यह भी जोड़ा कि इस समय व्यापार समझौते पर चर्चा ठहर गई है और दोनों देशों के बीच गहराई से सोचने की जरूरत है.
#WATCH | Thiruvananthapuram: On PM Modi's response to US President Donald Trump speaking positively on India-US relationship, Congress MP Shashi Tharoor says, "The Prime Minister was very quick to respond, and the Foreign Minister has also underscored the importance of the basic… pic.twitter.com/Iju3uZUkzl — ANI (@ANI) September 7, 2025
नई दोस्ती पर सावधानी की जरूरत
थरूर ने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-अमेरिका के व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को उजागर किया, जो एक सकारात्मक कदम है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमें नई टोन को लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी का अमेरिका दौरा फिलहाल संभव नहीं है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र बैठक में मोदी नहीं जा रहे हैं.
अमेरिका ने भी दिए सख्ती के संकेत
इसके अलावा अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने भी संकेत दिए कि रूस और उसके तेल खरीदार देशों (जिसमें भारत भी शामिल है) पर और अधिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. उनका कहना था कि इससे रूस की अर्थव्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो सकती है, जिससे वार्ता संभव हो.
पूर्व भारतीय राजनयिक केपी फेबियन ने भी कहा कि ट्रंप को अब यह समझ में आने लगा है कि भारत पर थोपे गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ (कुल मिलाकर 50 प्रतिशत) से अपेक्षित परिणाम नहीं निकले. ट्रंप चाहते थे कि भारत झुक जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
What's Your Reaction?






