मुंब्रा नकली करेंसी केस, NIA की स्पेशल कोर्ट ने मुख्य आरोपी को सुनाई 5 साल की सजा

ठाणे के मुंब्रा में साल 2019 में सामने आए नकली करेंसी केस में एक मुख्य आरोपी को नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की स्पेशल कोर्ट ने 10 हजार रुपये जुर्माना और 5 साल की सजा सुनाई है. केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक इस केस में आरोपी ईशाक खान को दोषी माना गया है. वो तीन आरोपियों में से एक है, जिनकी गिरफ्तारी नकली करेंसी रखने के मामले में हुई थी. साल 2019 में मुंब्रा पुलिस ने एक आरोपी जसीम उर्फ वसीम सलीम शेख के घर से 82,000 के 500 रुपए के नकली नोट बरामद किए थे.  पूछताछ में आरोपी ने कबूला जुर्मपूछताछ में आरोपी जसीम उर्फ वसीम सलीम शेख ने बताया कि ये करेंसी कर्नाटक के राधाकृष्ण अड्डप्पा से जुड़ी है, जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. अगस्त 2019 में पुलिस ने दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद NIA ने इस केस की जांच अपने हाथ में ली और IPC की धाराएं 120-B, 489B, 489 C और 34 के तहत मामला फिर से दर्ज किया था.  'नकली करेंसी पहुंचाने की प्लानिंग ईशाक खान ने की'NIA की जांच में सामने आया है कि जसीम तक नकली करेंसी पहुंचाने की प्लानिंग ईशाक खान ने की थी, जो उस समय कोलकाता जेल में किसी और केस में बंद था. अक्टूबर 2020 में NIA ने उसे इस केस में गिरफ्तार किया था. आगे की जांच में पुलिस को जरूरी दस्तावेज और मोबाइल कॉल रिकॉर्ड जैसे डिजिटल सबूत मिले.  जनवरी 2021 में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने तीनों आरोपियों के खिलाफ एक और चार्जशीट दाखिल की. हाल ही में ईशाक खान ने कोर्ट में अपना जुर्म कबूल कर लिया. जिसके बाद कोर्ट ने उसे दोषी ठहराकर सजा सुनाई. बाकी दो आरोपियों के खिलाफ केस अभी भी कोर्ट में चल रहा है. NIA के मुताबिक इस मामले की जांच अभी जारी है. ये भी पढ़ें: कर्नल सोफिया पर MP के मंत्री की टिप्पणी से भड़के इमरान प्रतापगढ़ी, बोले- 'निहायत ही बेहूदा हैं वो, मोदी जी आप...'

May 15, 2025 - 02:30
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मुंब्रा नकली करेंसी केस, NIA की स्पेशल कोर्ट ने मुख्य आरोपी को सुनाई 5 साल की सजा

ठाणे के मुंब्रा में साल 2019 में सामने आए नकली करेंसी केस में एक मुख्य आरोपी को नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की स्पेशल कोर्ट ने 10 हजार रुपये जुर्माना और 5 साल की सजा सुनाई है.

केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक इस केस में आरोपी ईशाक खान को दोषी माना गया है. वो तीन आरोपियों में से एक है, जिनकी गिरफ्तारी नकली करेंसी रखने के मामले में हुई थी. साल 2019 में मुंब्रा पुलिस ने एक आरोपी जसीम उर्फ वसीम सलीम शेख के घर से 82,000 के 500 रुपए के नकली नोट बरामद किए थे. 

पूछताछ में आरोपी ने कबूला जुर्म
पूछताछ में आरोपी जसीम उर्फ वसीम सलीम शेख ने बताया कि ये करेंसी कर्नाटक के राधाकृष्ण अड्डप्पा से जुड़ी है, जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. अगस्त 2019 में पुलिस ने दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद NIA ने इस केस की जांच अपने हाथ में ली और IPC की धाराएं 120-B, 489B, 489 C और 34 के तहत मामला फिर से दर्ज किया था. 

'नकली करेंसी पहुंचाने की प्लानिंग ईशाक खान ने की'
NIA की जांच में सामने आया है कि जसीम तक नकली करेंसी पहुंचाने की प्लानिंग ईशाक खान ने की थी, जो उस समय कोलकाता जेल में किसी और केस में बंद था. अक्टूबर 2020 में NIA ने उसे इस केस में गिरफ्तार किया था. आगे की जांच में पुलिस को जरूरी दस्तावेज और मोबाइल कॉल रिकॉर्ड जैसे डिजिटल सबूत मिले. 

जनवरी 2021 में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने तीनों आरोपियों के खिलाफ एक और चार्जशीट दाखिल की. हाल ही में ईशाक खान ने कोर्ट में अपना जुर्म कबूल कर लिया. जिसके बाद कोर्ट ने उसे दोषी ठहराकर सजा सुनाई. बाकी दो आरोपियों के खिलाफ केस अभी भी कोर्ट में चल रहा है. NIA के मुताबिक इस मामले की जांच अभी जारी है.

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