भारत ने चौथी बार जीता एशिया कप का खिताब, फाइनल में दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराकर रचा इतिहास

भारत ने दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराकर हॉकी एशिया कप का खिताब जीत लिया है. ये चौथी बार है जब भारत ने एशिया कप ट्रॉफी जीती है. टीम इंडिया के लिए सुखजीत सिंह, अमित रोहिदास ने एक-एक गोल किया और दिलप्रीत सिंह ने दो गोल दागे. इसी के साथ भारत ने 2013 फाइनल की हार का बदला ले लिया है, जब दक्षिण कोरिया ने भारत को 4-3 से हराकर ट्रॉफी जीती थी. भारत ने चौथी बार जीता एशिया कप मैच के शुरुआती क्षणों में ही सुखजीत सिंह ने गोल दागते हुए टीम इंडिया को फ्रंटफुट पर ला दिया था. पहले ही क्वार्टर में भारत को पेनल्टी स्ट्रोक भी मिला, लेकिन गोल नहीं हो पाया. दूसरा क्वार्टर शुरू ही हुआ था, तभी जुगराज सिंह को 2 मिनट के लिए सस्पेंड कर दिया गया. टीम इंडिया के 10 खिलाड़ी मैदान पर थे, इसके बावजूद कोरियाई टीम गोल नहीं दाग पाई. दूसरे क्वार्टर में दिलप्रीत सिंह ने गोल करते हुए टीम इंडिया को 2-0 की बढ़त दिलाई. हाफ-टाइम तक भारत 2-0 से आगे था. तीसरे क्वार्टर में दक्षिण कोरिया ने बढ़िया शुरुआत की थी, लेकिन गोल दागने में टीम इंडिया सफल रही. दिलप्रीत सिंह मैच का अपना दूसरा गोल करके भारत को 3-0 से आगे ले गए. चौथे और अंतिम क्वार्टर में भी जबरदस्त टक्कर देखने को मिली, जहां सीनियर खिलाड़ी अमित रोहिदास ने भारत के लिए चौथा गोल दागा. मुकाबले में कोरियाई टीम सिर्फ एक गोल कर पाई. टीम इंडिया ने बदला पूरा किया ये वही दक्षिण कोरिया है, जिसने 2013 एशिया कप फाइनल में भारत को 4-3 से हराकर उसे खिताब से वंचित रखा था. अब 12 साल के लंबे इंतजार के बाद भारतीय टीम ने अपना बदला पूरा करने में सफलता पाई है. इसे भी गजब का संयोग ही कहा जा सकता है कि पिछले 31 सालों में हॉकी एशिया कप का खिताब भारत और दक्षिण कोरिया के अलावा किसी तीसरी टीम ने नहीं जीता है. पिछले 9 एशिया कप टूर्नामेंट्स में दक्षिण कोरिया ने पांच बार और भारत ने 4 बार ट्रॉफी जीती है. यह भी पढ़ें: इंग्लैंड ने 7वीं बार वनडे में बनाए 400 से ज्यादा रन, तीसरे ODI में दक्षिण अफ्रीका को दिया 415 का लक्ष्य

Sep 8, 2025 - 00:30
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भारत ने चौथी बार जीता एशिया कप का खिताब, फाइनल में दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराकर रचा इतिहास

भारत ने दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराकर हॉकी एशिया कप का खिताब जीत लिया है. ये चौथी बार है जब भारत ने एशिया कप ट्रॉफी जीती है. टीम इंडिया के लिए सुखजीत सिंह, अमित रोहिदास ने एक-एक गोल किया और दिलप्रीत सिंह ने दो गोल दागे. इसी के साथ भारत ने 2013 फाइनल की हार का बदला ले लिया है, जब दक्षिण कोरिया ने भारत को 4-3 से हराकर ट्रॉफी जीती थी.

भारत ने चौथी बार जीता एशिया कप

मैच के शुरुआती क्षणों में ही सुखजीत सिंह ने गोल दागते हुए टीम इंडिया को फ्रंटफुट पर ला दिया था. पहले ही क्वार्टर में भारत को पेनल्टी स्ट्रोक भी मिला, लेकिन गोल नहीं हो पाया. दूसरा क्वार्टर शुरू ही हुआ था, तभी जुगराज सिंह को 2 मिनट के लिए सस्पेंड कर दिया गया. टीम इंडिया के 10 खिलाड़ी मैदान पर थे, इसके बावजूद कोरियाई टीम गोल नहीं दाग पाई. दूसरे क्वार्टर में दिलप्रीत सिंह ने गोल करते हुए टीम इंडिया को 2-0 की बढ़त दिलाई.

हाफ-टाइम तक भारत 2-0 से आगे था. तीसरे क्वार्टर में दक्षिण कोरिया ने बढ़िया शुरुआत की थी, लेकिन गोल दागने में टीम इंडिया सफल रही. दिलप्रीत सिंह मैच का अपना दूसरा गोल करके भारत को 3-0 से आगे ले गए. चौथे और अंतिम क्वार्टर में भी जबरदस्त टक्कर देखने को मिली, जहां सीनियर खिलाड़ी अमित रोहिदास ने भारत के लिए चौथा गोल दागा. मुकाबले में कोरियाई टीम सिर्फ एक गोल कर पाई.

टीम इंडिया ने बदला पूरा किया

ये वही दक्षिण कोरिया है, जिसने 2013 एशिया कप फाइनल में भारत को 4-3 से हराकर उसे खिताब से वंचित रखा था. अब 12 साल के लंबे इंतजार के बाद भारतीय टीम ने अपना बदला पूरा करने में सफलता पाई है.

इसे भी गजब का संयोग ही कहा जा सकता है कि पिछले 31 सालों में हॉकी एशिया कप का खिताब भारत और दक्षिण कोरिया के अलावा किसी तीसरी टीम ने नहीं जीता है. पिछले 9 एशिया कप टूर्नामेंट्स में दक्षिण कोरिया ने पांच बार और भारत ने 4 बार ट्रॉफी जीती है.

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