भले हो रही देरी लेकिन जरूर मिलेगी नौकरी... TCS ने जॉब ऑफर्स को लेकर श्रम मंत्रालय को दिया आश्वासन

Tata Consultancy Services: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने श्रम मंत्रालय को आश्वासन दिया है कि कंपनी तरफ से प्रोफेश्नल्स को भेजे गए जॉब ऑफर्स के बाद भले ही ऑनबोर्डिंग में देरी हो रही है, लेकिन उनकी हायरिंग के लिए कंपनी पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. तकनीकी कर्मचारियों के यूनियन नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) की शिकायत के बाद श्रम मंत्रालय ने TCS से स्पष्टीकरण मांगा था और कंपनी ने चीफ लेबर कमीश्नर (CLC) को ईमेल के जरिए अपना जवाब भेजा है, जिसमें नए कर्मचारियों की नियुक्ति में देरी की वजह क्लाइंट प्रोजेक्ट्स के स्थगन को बताया गया है.  ऑफर लेटर के बाद भी नहीं मिल रही नौकरी दरअसल, हाल ही में कई आईटी प्रोफेश्नल्स की यह शिकायत रही कि उन्हें महीनों पहले कंपनी की तरफ से जॉब ऑफर मिला है, लेकिन अब तक हायरिंग नहीं हो पाई है. इनमें से कई ने अपनी पिछली कंपनी से इस्तीफा दे दिया है, कुछ ने नोटिस पीरियड भी पूरा कर लिया है. ऐसे में ऑनबोर्डिंग में देरी की वजह से उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में कर्मचारियों के समूह ने इसमें केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया के हस्तक्षेप की मांग की थी.  टीसीएस ने मंत्रालय को दी सफाई  श्रम मंत्रालय को भेजी गई शिकायत में लगभग 600 लेटरल नियुक्तियों में देरी की बात कही गई थी और आने वाले महीनों में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने की कंपनी की योजना को लेकर चिंता भी जताई गई थी. अपने जवाब में टीसीएस ने देरी के लिए मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बीच बाजार की परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि आईटी इंडस्ट्री में खासकर तब हायरिंग में देरी होती है जब प्रोजेक्ट्स से रिलेटेड कामकाज प्रभावित होते हैं. कंपनी का कहना था कि वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से कमजोर मांग के चलते कंपनी के ऑर्डर्स में कमी आई है.      ये भी पढ़ें:  TCS layoffs: 12000 से ज्यादा कर्मचारियों की चली जाएगी नौकरी, आखिर क्यों अंधाधुंध की जा रही है छंटनी?

Aug 2, 2025 - 12:30
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भले हो रही देरी लेकिन जरूर मिलेगी नौकरी... TCS ने जॉब ऑफर्स को लेकर श्रम मंत्रालय को दिया आश्वासन

Tata Consultancy Services: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने श्रम मंत्रालय को आश्वासन दिया है कि कंपनी तरफ से प्रोफेश्नल्स को भेजे गए जॉब ऑफर्स के बाद भले ही ऑनबोर्डिंग में देरी हो रही है, लेकिन उनकी हायरिंग के लिए कंपनी पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. तकनीकी कर्मचारियों के यूनियन नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) की शिकायत के बाद श्रम मंत्रालय ने TCS से स्पष्टीकरण मांगा था और कंपनी ने चीफ लेबर कमीश्नर (CLC) को ईमेल के जरिए अपना जवाब भेजा है, जिसमें नए कर्मचारियों की नियुक्ति में देरी की वजह क्लाइंट प्रोजेक्ट्स के स्थगन को बताया गया है. 

ऑफर लेटर के बाद भी नहीं मिल रही नौकरी

दरअसल, हाल ही में कई आईटी प्रोफेश्नल्स की यह शिकायत रही कि उन्हें महीनों पहले कंपनी की तरफ से जॉब ऑफर मिला है, लेकिन अब तक हायरिंग नहीं हो पाई है. इनमें से कई ने अपनी पिछली कंपनी से इस्तीफा दे दिया है, कुछ ने नोटिस पीरियड भी पूरा कर लिया है. ऐसे में ऑनबोर्डिंग में देरी की वजह से उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में कर्मचारियों के समूह ने इसमें केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया के हस्तक्षेप की मांग की थी. 

टीसीएस ने मंत्रालय को दी सफाई 

श्रम मंत्रालय को भेजी गई शिकायत में लगभग 600 लेटरल नियुक्तियों में देरी की बात कही गई थी और आने वाले महीनों में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने की कंपनी की योजना को लेकर चिंता भी जताई गई थी. अपने जवाब में टीसीएस ने देरी के लिए मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बीच बाजार की परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि आईटी इंडस्ट्री में खासकर तब हायरिंग में देरी होती है जब प्रोजेक्ट्स से रिलेटेड कामकाज प्रभावित होते हैं. कंपनी का कहना था कि वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से कमजोर मांग के चलते कंपनी के ऑर्डर्स में कमी आई है. 

 

 

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