'तमिल संस्कृति और भाषा की बात करने वालों ने किया मूपनार के साथ विश्वासघात', बोलीं निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (30 अगस्त, 2025) को आरोप लगाया कि तमिलनाडु में कुछ ताकतों ने तमिल मनीला कांग्रेस के संस्थापक और दिवंगत नेता जी. के. मूपनार को देश का प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया था. वित्तमंत्री सीतारमण ने यह टिप्पणी मूपनार को उनकी 24वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद की. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में किसी का नाम लिए बगैर कहा कि ये ताकतें, जो अक्सर तमिल, तमिल संस्कृति और तमिल भाषा को बढ़ावा देने की बात करती हैं, वही ताकतें हैं, जिन्होंने अवसर आने पर मूपनार को प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने से रोक दिया. तेनाम्पेट में मूपनार के स्मारक पर पुष्पांजलि मूपनार की प्रशंसा करते हुए सीतारमण ने याद किया कि अपने कॉलेज के दिनों में, जब उनकी राजनीति में रुचि उभर रही थी, तब वे मूपनार को तमिलनाडु के एक व्यापक रूप से सम्मानित व्यक्ति के रूप में देखती थीं. उन्होंने कहा, ‘मूपनार अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं और वह एक राष्ट्रवादी नेता थे. वह देशभर में एक सम्मानित नेता थे. उन्हें बिहार ही नहीं, हरियाणा और देश के कोने-कोने में जाना जाता था.’ सीतारमण ने शनिवार को अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कृषगम (अन्नाद्रमुक) महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी, डीएमडीके कोषाध्यक्ष सुधीश, भाजपा नेता नयनार नागेंथिरन, के अन्नामलाई सहित अन्य लोगों के साथ यहां तेनाम्पेट में मूपनार के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की. मूपनार का कद प्रभावशाली सीतारमण ने आरोप लगाया, ‘मूपनार का कद प्रभावशाली था. उन्हें जानने वाले लोग उनकी बातों का सम्मान करते थे और एकजुट होकर काम करते थे. हालांकि, जब उनके प्रधानमंत्री बनने का अवसर आया तो कुछ ताकतों ने उन्हें रोक दिया. हम सभी जानते हैं कि वे कौन सी ताकतें थीं, जिन्होंने उन्हें प्रधानमंत्री बनने से रोका.’ अपने संक्षिप्त भाषण में, सीतारमण ने कहा, 'ऐसी घटना को भुलाया नहीं जा सकता. मुझे लगता है कि यह तमिलनाडु के अब तक के सबसे बड़े विश्वासघातों में से एक है.' केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी को राजनीतिक नहीं समझा जाना चाहिए, क्योंकि यह कार्यक्रम मूपनार को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया था. राजनीति में बदलाव की आवश्यकता पर बल तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए केंद्रीय मंत्री ने आगामी चुनाव के दौरान तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा, 'लोग सुशासन चाहते हैं. इस गठबंधन को साथ लेकर इसे लागू करना हमारा कर्तव्य है.' उन्होंने किसी का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि राज्य में एक परिवार ड्रग्स और शराब बेचकर अपना गुजारा कर रहा है. मैं आप सभी से जनता के कल्याण के लिए अपील करती हूं कि यह गठबंधन एकजुट होकर आगे बढ़े और सुशासन प्रदान करे.' मूपनार को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि उन्होंने कहा, ‘गठबंधन सहयोगियों के बीच थोड़े-बहुत आंतरिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसकी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. इस मंच पर अनुभवी राजनीतिक नेता मौजूद हैं और सभी एकसाथ खड़े होकर उस दृष्टि (सुशासन प्रदान करने के) की दिशा में काम करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए और यही मूपनार को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी.’ ये भी पढ़ें:- 'घृणा और असहिष्णुता वाली मानसिकता', अमित शाह का सिर काटने के महुआ मोइत्रा वाले बयान पर बोली बीजेपी

Aug 30, 2025 - 21:30
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'तमिल संस्कृति और भाषा की बात करने वालों ने किया मूपनार के साथ विश्वासघात', बोलीं निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (30 अगस्त, 2025) को आरोप लगाया कि तमिलनाडु में कुछ ताकतों ने तमिल मनीला कांग्रेस के संस्थापक और दिवंगत नेता जी. के. मूपनार को देश का प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया था.

वित्तमंत्री सीतारमण ने यह टिप्पणी मूपनार को उनकी 24वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद की. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में किसी का नाम लिए बगैर कहा कि ये ताकतें, जो अक्सर तमिल, तमिल संस्कृति और तमिल भाषा को बढ़ावा देने की बात करती हैं, वही ताकतें हैं, जिन्होंने अवसर आने पर मूपनार को प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने से रोक दिया.

तेनाम्पेट में मूपनार के स्मारक पर पुष्पांजलि

मूपनार की प्रशंसा करते हुए सीतारमण ने याद किया कि अपने कॉलेज के दिनों में, जब उनकी राजनीति में रुचि उभर रही थी, तब वे मूपनार को तमिलनाडु के एक व्यापक रूप से सम्मानित व्यक्ति के रूप में देखती थीं. उन्होंने कहा, ‘मूपनार अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं और वह एक राष्ट्रवादी नेता थे. वह देशभर में एक सम्मानित नेता थे. उन्हें बिहार ही नहीं, हरियाणा और देश के कोने-कोने में जाना जाता था.’

सीतारमण ने शनिवार को अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कृषगम (अन्नाद्रमुक) महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी, डीएमडीके कोषाध्यक्ष सुधीश, भाजपा नेता नयनार नागेंथिरन, के अन्नामलाई सहित अन्य लोगों के साथ यहां तेनाम्पेट में मूपनार के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.

मूपनार का कद प्रभावशाली

सीतारमण ने आरोप लगाया, ‘मूपनार का कद प्रभावशाली था. उन्हें जानने वाले लोग उनकी बातों का सम्मान करते थे और एकजुट होकर काम करते थे. हालांकि, जब उनके प्रधानमंत्री बनने का अवसर आया तो कुछ ताकतों ने उन्हें रोक दिया. हम सभी जानते हैं कि वे कौन सी ताकतें थीं, जिन्होंने उन्हें प्रधानमंत्री बनने से रोका.’

अपने संक्षिप्त भाषण में, सीतारमण ने कहा, 'ऐसी घटना को भुलाया नहीं जा सकता. मुझे लगता है कि यह तमिलनाडु के अब तक के सबसे बड़े विश्वासघातों में से एक है.' केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी को राजनीतिक नहीं समझा जाना चाहिए, क्योंकि यह कार्यक्रम मूपनार को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया था.

राजनीति में बदलाव की आवश्यकता पर बल

तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए केंद्रीय मंत्री ने आगामी चुनाव के दौरान तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा, 'लोग सुशासन चाहते हैं. इस गठबंधन को साथ लेकर इसे लागू करना हमारा कर्तव्य है.'

उन्होंने किसी का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि राज्य में एक परिवार ड्रग्स और शराब बेचकर अपना गुजारा कर रहा है. मैं आप सभी से जनता के कल्याण के लिए अपील करती हूं कि यह गठबंधन एकजुट होकर आगे बढ़े और सुशासन प्रदान करे.'

मूपनार को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि

उन्होंने कहा, ‘गठबंधन सहयोगियों के बीच थोड़े-बहुत आंतरिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसकी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. इस मंच पर अनुभवी राजनीतिक नेता मौजूद हैं और सभी एकसाथ खड़े होकर उस दृष्टि (सुशासन प्रदान करने के) की दिशा में काम करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए और यही मूपनार को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी.’

ये भी पढ़ें:- 'घृणा और असहिष्णुता वाली मानसिकता', अमित शाह का सिर काटने के महुआ मोइत्रा वाले बयान पर बोली बीजेपी

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