जानबूझकर किया गया था एअर इंडिया प्लेन क्रैश? साजिश की थ्योरी पर भड़का पायलट्स एसोसिएशन
Air India Flight Crash: AI 171 विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद 'पायलट आत्महत्या' की अटकलें तेज हो गईं. इंडिया कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (ICPA) ने इन अटकलों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इन्हें 'बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना आरोप' बताया है. रिपोर्ट में था केवल एक वाक्यशनिवार को जारी की गई प्रारंभिक रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का ट्रांसक्रिप्ट साझा नहीं किया गया, लेकिन रिपोर्ट में एक लाइन थी-'एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने फ्यूल कटऑफ क्यों किया? दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया.' तीन सेकेंड में दोनों इंजन बंदरिपोर्ट के अनुसार, 12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरने के तीन सेकंड बाद, लंदन जा रहे एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (AI 171) के दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई कट हो गई. कारण बताया गया कि इंजन 1 और 2 के फ्यूल कटऑफ स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ पोजिशन में बदल गए, वो भी एक-एक सेकंड के अंतराल पर. ICPA ने अटकलों को बताया ‘गंभीर आरोप’ICPA, जो पूर्ववर्ती इंडियन एयरलाइंस के पायलटों का संगठन है, ने रविवार को जारी बयान में कहा- 'हम इन अटकलों से बेहद व्यथित हैं, खासकर उस गैर-जिम्मेदार और आधारहीन अनुमान से जो पायलट आत्महत्या की ओर इशारा करता है. इस स्तर पर ऐसे किसी भी दावे का कोई आधार नहीं है और अधूरी जानकारी पर इतने गंभीर आरोप लगाना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि उन परिवारों के प्रति भी अत्यंत असंवेदनशील है.' पायलट्स को मिलता है मानसिक और पेशेवर प्रशिक्षणबयान में ICPA ने पायलटों की मानसिक और पेशेवर जांच को भी रेखांकित करते हुए कहा- 'पायलट्स को गहन मनोवैज्ञानिक और पेशेवर स्क्रीनिंग से गुजरना होता है. वे नियमित प्रशिक्षण लेते हैं और सबसे ऊंचे सुरक्षा मानकों के अंतर्गत काम करते हैं. इस तरह आत्महत्या का आरोप लगाना न केवल नैतिक पत्रकारिता का उल्लंघन है बल्कि पेशे की गरिमा के खिलाफ भी है.' जांच प्रक्रिया का हो सम्मानICPA ने कहा कि वे सक्षम जांच एजेंसियों की प्रक्रियाओं पर भरोसा करते हैं और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक इस तरह की गंभीर अफवाहें फैलाना 'अस्वीकार्य और निंदनीय' है. क्रू ने किया अपना कर्तव्य, उन्हें चाहिए समर्थनबयान के अंत में कहा गया- 'AI 171 के क्रू ने कठिन परिस्थितियों में अपने प्रशिक्षण और जिम्मेदारियों के अनुरूप काम किया. उन्हें समर्थन मिलना चाहिए न कि अनावश्यक अटकलों के आधार पर कलंकित किया जाना.'

Air India Flight Crash: AI 171 विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद 'पायलट आत्महत्या' की अटकलें तेज हो गईं. इंडिया कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (ICPA) ने इन अटकलों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इन्हें 'बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना आरोप' बताया है.
रिपोर्ट में था केवल एक वाक्य
शनिवार को जारी की गई प्रारंभिक रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का ट्रांसक्रिप्ट साझा नहीं किया गया, लेकिन रिपोर्ट में एक लाइन थी-'एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने फ्यूल कटऑफ क्यों किया? दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया.'
तीन सेकेंड में दोनों इंजन बंद
रिपोर्ट के अनुसार, 12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरने के तीन सेकंड बाद, लंदन जा रहे एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (AI 171) के दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई कट हो गई. कारण बताया गया कि इंजन 1 और 2 के फ्यूल कटऑफ स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ पोजिशन में बदल गए, वो भी एक-एक सेकंड के अंतराल पर.
ICPA ने अटकलों को बताया ‘गंभीर आरोप’
ICPA, जो पूर्ववर्ती इंडियन एयरलाइंस के पायलटों का संगठन है, ने रविवार को जारी बयान में कहा- 'हम इन अटकलों से बेहद व्यथित हैं, खासकर उस गैर-जिम्मेदार और आधारहीन अनुमान से जो पायलट आत्महत्या की ओर इशारा करता है. इस स्तर पर ऐसे किसी भी दावे का कोई आधार नहीं है और अधूरी जानकारी पर इतने गंभीर आरोप लगाना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि उन परिवारों के प्रति भी अत्यंत असंवेदनशील है.'
पायलट्स को मिलता है मानसिक और पेशेवर प्रशिक्षण
बयान में ICPA ने पायलटों की मानसिक और पेशेवर जांच को भी रेखांकित करते हुए कहा- 'पायलट्स को गहन मनोवैज्ञानिक और पेशेवर स्क्रीनिंग से गुजरना होता है. वे नियमित प्रशिक्षण लेते हैं और सबसे ऊंचे सुरक्षा मानकों के अंतर्गत काम करते हैं. इस तरह आत्महत्या का आरोप लगाना न केवल नैतिक पत्रकारिता का उल्लंघन है बल्कि पेशे की गरिमा के खिलाफ भी है.'
जांच प्रक्रिया का हो सम्मान
ICPA ने कहा कि वे सक्षम जांच एजेंसियों की प्रक्रियाओं पर भरोसा करते हैं और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक इस तरह की गंभीर अफवाहें फैलाना 'अस्वीकार्य और निंदनीय' है.
क्रू ने किया अपना कर्तव्य, उन्हें चाहिए समर्थन
बयान के अंत में कहा गया- 'AI 171 के क्रू ने कठिन परिस्थितियों में अपने प्रशिक्षण और जिम्मेदारियों के अनुरूप काम किया. उन्हें समर्थन मिलना चाहिए न कि अनावश्यक अटकलों के आधार पर कलंकित किया जाना.'
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