क्या आपको भी फ्लाइट में चढ़ते ही होता है तेज सिरदर्द? जानें क्या है एयरप्लेन हेडेक
फ्लाइट के दौरान या उतरते समय अचानक तेज और छुरा जैसा सिरदर्द महसूस होना एयरप्लेन हेडेक के नाम से जाना जाता है. यह दर्द अक्सर माथे या आंखों के पीछे महसूस होता है और इसकी अवधि आमतौर पर 30 मिनट से कम होती है. जब विमान स्‍थिर हो जाता है या लैंड करता है, तो दर्द अपने आप गायब हो जाता है. एयरप्लेन हेडेक का क्या है कारण? कुछ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एयरप्लेन हेडक आमतौर पर केबिन प्रेशर में अचानक बदलाव के कारण होता है. टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान केबिन और साइनस के अंदर दबाव में अंतर पैदा होता है. जब शरीर इस दबाव को जल्दी संतुलित नहीं कर पाता तो माथे और आंखों के आसपास तेज दर्द शुरू हो जाता है. यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जो बायोमेट्रिक प्रेशर या साइनस की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होते हैं. विमान का सीमित स्थान, शुष्क हवा और कम नमी भी इस दर्द को बढ़ा सकते हैं. अन्य सिरदर्द से कैसे अलग? एयरप्लेन हेडेक अचानक टेक ऑफ या लैंडिंग के दौरान शुरू होता है और सिर के एक तरफ महसूस होता है. यह दर्द तेज और छुरा जैसी होती है. वही माइग्रेन आमतौर पर लंबा रहता है और उसके साथ मतली या आवाज के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याएं जुड़ी होती है. साइनस से संबंधित सिरदर्द में चेहरे में भारीपन या दबाव महसूस होता है और नाक बंद या बहने जैसी शिकायतें भी होती है. रोकथाम और बचाव फ्रिक्वेंट फ्लायर्स के लिए कुछ सावधानियां मददगार हो सकती है. फ्लाइट से पहले साइनस को खुला रखने के लिए डिंकजेस्‍टेंट या सलाइन नेजल स्प्रे इस्तेमाल किया जा सकता है. ‌ इसके अलावा हाइड्रेटेड रहना भी जरूरी है. वहीं ओवर द काउंटर पेन रिलीवर जैसे इबुप्रोफेन या एसीटाम‍िनोफन फ्लाइट से पहले लेने से दर्द की तीव्रता कम हो सकती है. प्रेशर इक्विलाइजिंग ईयरप्लग्स भी कुछ लोगों के लिए मददगार हो सकते हैं. ये भी पढ़ें: अब कितनी बढ़ गई डॉली चायवाला की कमाई, वायरल गर्ल मोनालिसा से कम या ज्यादा; यहां जानें

फ्लाइट के दौरान या उतरते समय अचानक तेज और छुरा जैसा सिरदर्द महसूस होना एयरप्लेन हेडेक के नाम से जाना जाता है. यह दर्द अक्सर माथे या आंखों के पीछे महसूस होता है और इसकी अवधि आमतौर पर 30 मिनट से कम होती है. जब विमान स्थिर हो जाता है या लैंड करता है, तो दर्द अपने आप गायब हो जाता है.
एयरप्लेन हेडेक का क्या है कारण?
कुछ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एयरप्लेन हेडक आमतौर पर केबिन प्रेशर में अचानक बदलाव के कारण होता है. टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान केबिन और साइनस के अंदर दबाव में अंतर पैदा होता है. जब शरीर इस दबाव को जल्दी संतुलित नहीं कर पाता तो माथे और आंखों के आसपास तेज दर्द शुरू हो जाता है. यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जो बायोमेट्रिक प्रेशर या साइनस की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होते हैं. विमान का सीमित स्थान, शुष्क हवा और कम नमी भी इस दर्द को बढ़ा सकते हैं.
अन्य सिरदर्द से कैसे अलग?
एयरप्लेन हेडेक अचानक टेक ऑफ या लैंडिंग के दौरान शुरू होता है और सिर के एक तरफ महसूस होता है. यह दर्द तेज और छुरा जैसी होती है. वही माइग्रेन आमतौर पर लंबा रहता है और उसके साथ मतली या आवाज के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याएं जुड़ी होती है. साइनस से संबंधित सिरदर्द में चेहरे में भारीपन या दबाव महसूस होता है और नाक बंद या बहने जैसी शिकायतें भी होती है.
रोकथाम और बचाव
फ्रिक्वेंट फ्लायर्स के लिए कुछ सावधानियां मददगार हो सकती है. फ्लाइट से पहले साइनस को खुला रखने के लिए डिंकजेस्टेंट या सलाइन नेजल स्प्रे इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा हाइड्रेटेड रहना भी जरूरी है. वहीं ओवर द काउंटर पेन रिलीवर जैसे इबुप्रोफेन या एसीटामिनोफन फ्लाइट से पहले लेने से दर्द की तीव्रता कम हो सकती है. प्रेशर इक्विलाइजिंग ईयरप्लग्स भी कुछ लोगों के लिए मददगार हो सकते हैं.
ये भी पढ़ें: अब कितनी बढ़ गई डॉली चायवाला की कमाई, वायरल गर्ल मोनालिसा से कम या ज्यादा; यहां जानें
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