कैसे दिखते हैं ब्रेन ईटिंग अमीबा के लक्षण, तीन महीने में तीन लोगों को बना चुका है शिकार
Brain Eating Amoeba Symptoms: दुनिया में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया इंसानों की सेहत के लिए खतरा बनते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जिनके नाम से लोग डर जाते हैं. ऐसा ही एक खतरनाक संक्रमण है, ब्रेन ईटिंग अमीबा यह बेहद दुर्लभ और जानलेवा इंफेक्शन का कारण बनता है. हाल ही में केरल में तीन महीने के अंदर तीन लोगों के संक्रमण होने की जानकारी सामने आई है. जिसमें एक तीन महीने का बच्चा भी शामिल है. ब्रेन ईटिंग अमीबा क्या है? ब्रेन ईटिंग अमीबा का वैज्ञानिक नाम नेग्लेरिया फॉलेरी है. यह एक तरह का माइक्रोस्कोपिक अमीबा है, जो गर्म पानी, तालाब, झील और स्विमिंग पूल में पाया जाता है. यह अमीबा इंसान के शरीर में नाक के जरिए प्रवेश करता है और सीधे ब्रेन तक पहुंच जाता है. वहां यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देता है, जिससे मरीज की जान खतरे में पड़ जाती है. कैसे फैलता है संक्रमण? संक्रमित गर्म पानी में नहाने या तैरने से नाक के जरिए पानी के प्रवेश से गंदे और क्लोरीन रहित स्विमिंग पूल में तैरने से यह संक्रमण पानी पीने से नहीं फैलता, बल्कि केवल नाक के रास्ते से ही शरीर में प्रवेश करता है ये भी पढ़े- भारत में 15 पर्सेंट बढ़ा ब्लड डोनेशन का रुझान, जानें किस राज्य के लोग सबसे ज्यादा करते हैं रक्तदान? ब्रेन ईटिंग अमीबा के लक्षण तेज सरदर्द और बुखार मतली और उल्टियां गर्दन में अकड़न और दर्द तेज रोशनी सहन न कर पाना भ्रम, दौरे और बेहोशी यह स्थिति प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) कहलाती है, जो बेहद घातक है बचाव के तरीके तालाब या झील में तैरने से बचें तैरते समय या नहाते समय नाक क्लिप का उपयोग करें घर पर पॉट या नाक साफ करने के लिए केवल उबला और ठंडा किया हुआ पानी ही इस्तेमाल करें स्विमिंग पूल में हमेशा क्लोरीन की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करें ब्रेन ईटिंग अमीबा बेहद दुर्लभ लेकिन जानलेवा संक्रमण है. केरल में तीन महीने में तीन लोगों की मौत ने यह साबित कर दिया है कि, हमें इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए। साफ-सफाई, सतर्कता और बचाव के उपाय अपनाकर ही इस खतरनाक संक्रमण से बचा जा सकता है. इसे भी पढ़ें: मॉनसून में टूटने लगे हैं बाल तो क्या गंजा होना है सटीक इलाज, क्या कहते हैं हेयर एक्सपर्ट्स? Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Brain Eating Amoeba Symptoms: दुनिया में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया इंसानों की सेहत के लिए खतरा बनते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जिनके नाम से लोग डर जाते हैं. ऐसा ही एक खतरनाक संक्रमण है, ब्रेन ईटिंग अमीबा यह बेहद दुर्लभ और जानलेवा इंफेक्शन का कारण बनता है. हाल ही में केरल में तीन महीने के अंदर तीन लोगों के संक्रमण होने की जानकारी सामने आई है. जिसमें एक तीन महीने का बच्चा भी शामिल है.
ब्रेन ईटिंग अमीबा क्या है?
ब्रेन ईटिंग अमीबा का वैज्ञानिक नाम नेग्लेरिया फॉलेरी है. यह एक तरह का माइक्रोस्कोपिक अमीबा है, जो गर्म पानी, तालाब, झील और स्विमिंग पूल में पाया जाता है. यह अमीबा इंसान के शरीर में नाक के जरिए प्रवेश करता है और सीधे ब्रेन तक पहुंच जाता है. वहां यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देता है, जिससे मरीज की जान खतरे में पड़ जाती है.
- कैसे फैलता है संक्रमण?
- संक्रमित गर्म पानी में नहाने या तैरने से
- नाक के जरिए पानी के प्रवेश से
- गंदे और क्लोरीन रहित स्विमिंग पूल में तैरने से
- यह संक्रमण पानी पीने से नहीं फैलता, बल्कि केवल नाक के रास्ते से ही शरीर में प्रवेश करता है
ये भी पढ़े- भारत में 15 पर्सेंट बढ़ा ब्लड डोनेशन का रुझान, जानें किस राज्य के लोग सबसे ज्यादा करते हैं रक्तदान?
ब्रेन ईटिंग अमीबा के लक्षण
- तेज सरदर्द और बुखार
- मतली और उल्टियां
- गर्दन में अकड़न और दर्द
- तेज रोशनी सहन न कर पाना
- भ्रम, दौरे और बेहोशी
- यह स्थिति प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) कहलाती है, जो बेहद घातक है
बचाव के तरीके
- तालाब या झील में तैरने से बचें
- तैरते समय या नहाते समय नाक क्लिप का उपयोग करें
- घर पर पॉट या नाक साफ करने के लिए केवल उबला और ठंडा किया हुआ पानी ही इस्तेमाल करें
- स्विमिंग पूल में हमेशा क्लोरीन की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करें
ब्रेन ईटिंग अमीबा बेहद दुर्लभ लेकिन जानलेवा संक्रमण है. केरल में तीन महीने में तीन लोगों की मौत ने यह साबित कर दिया है कि, हमें इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए। साफ-सफाई, सतर्कता और बचाव के उपाय अपनाकर ही इस खतरनाक संक्रमण से बचा जा सकता है.
इसे भी पढ़ें: मॉनसून में टूटने लगे हैं बाल तो क्या गंजा होना है सटीक इलाज, क्या कहते हैं हेयर एक्सपर्ट्स?
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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