एयर इंडिया का बड़ा ऐलान, सेवा में खामी होने पर यात्रियों को मिलेगा ये तोहफा
हाल ही में हुई एयर इंडिया के कुछ विमानों से जुड़ी घटनाओं के बीच एयरलाइन के प्रमुख कैंपबेल विल्सन ने कहा है कि एयर इंडिया समूह के बड़े आकार को देखते हुए ऐसी घटनाओं का होना पूरी तरह से सामान्य है. विमानन कंपनी अपनी केबिन क्रू को उड़ानों के दौरान सेवा में कमी की भरपाई के लिए यात्रियों को 'ई-वाउचर' देने की योजना बना रही है. यह योजना यात्रियों की ओर से सेवा संबंधी समस्याओं और कुछ विमानों में तकनीकी खराबी के कारण उड़ानों के रद्द होने और देरी की शिकायत की पृष्ठभूमि में बनाई गई है. विल्सन ने कहा कि सभी एयरलाइन कंपनियों की तरह, इसे भी विभिन्न प्रकार की परिचालन स्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से कुछ इसके नियंत्रण में हैं और कुछ नहीं है. 'काम को देखते हुए घटनाएं सामान्य' उन्होंने पांच सितंबर को कर्मचारियों को एक संदेश में कहा, ‘जब हम पर ध्यान केंद्रित होता है तो समय पर स्पष्ट और सटीक जानकारी और सही संदर्भ प्रदान करना महत्वपूर्ण है. इसलिए, हाल के हफ्तों में हम घटनाओं और घटनाओं की रिपोर्ट करने में सामान्य से भी अधिक पारदर्शी रहे हैं, चाहे वे कितनी भी छोटी क्यों न हों.’ उनके अनुसार, यह पारदर्शिता समय के साथ, विश्वास बनाने में मदद करेगी. उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में जब हम हर छोटी-बड़ी घटना की जानकारी खुले तौर पर देते हैं तो जाहिर है कि खबरों में हमारा जिक्र बढ़ जाता है. एयर इंडिया समूह हर दिन 1,200 से ज्यादा उड़ानें संचालित करता है, लगभग हर मिनट एक उड़ान. ऐसे में यह सब कुछ ज्यादा लग सकता है, लेकिन हमारे काम के पैमाने और आकार को देखते हुए ये घटनाएं सामान्य हैं.’ प्रतिदिन 1,200 से अधिक उड़ानें भरता है एयर इंडिया समूह एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक ने यह भी कहा कि विमानन कंपनी ने अपनी फ्रंटलाइन टीमों को यह अधिकार दिया है कि जब सेवा में कोई कमी हो जाए तो वे यात्रियों को ई-वाउचर दे सकते हैं, ताकि उनकी परेशानी का तुरंत समाधान किया जा सके. उन्होंने कहा, ‘हम अपने केबिन क्रू को भी यह क्षमता प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि वे यात्रा के दौरान ग्राहकों को तत्काल समाधान प्रदान कर सकें.’ एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस से मिलकर बना एयर इंडिया समूह, प्रतिदिन 1,200 से अधिक उड़ानें संचालित करता है. ये भी पढ़ें:- पाकिस्तान में लश्कर ने क्यों खुद ही गिराया हेडक्वार्टर मरकज तैयबा, ऑपरेशन सिंदूर में पहुंचा था नुकसान?

हाल ही में हुई एयर इंडिया के कुछ विमानों से जुड़ी घटनाओं के बीच एयरलाइन के प्रमुख कैंपबेल विल्सन ने कहा है कि एयर इंडिया समूह के बड़े आकार को देखते हुए ऐसी घटनाओं का होना पूरी तरह से सामान्य है. विमानन कंपनी अपनी केबिन क्रू को उड़ानों के दौरान सेवा में कमी की भरपाई के लिए यात्रियों को 'ई-वाउचर' देने की योजना बना रही है.
यह योजना यात्रियों की ओर से सेवा संबंधी समस्याओं और कुछ विमानों में तकनीकी खराबी के कारण उड़ानों के रद्द होने और देरी की शिकायत की पृष्ठभूमि में बनाई गई है. विल्सन ने कहा कि सभी एयरलाइन कंपनियों की तरह, इसे भी विभिन्न प्रकार की परिचालन स्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से कुछ इसके नियंत्रण में हैं और कुछ नहीं है.
'काम को देखते हुए घटनाएं सामान्य'
उन्होंने पांच सितंबर को कर्मचारियों को एक संदेश में कहा, ‘जब हम पर ध्यान केंद्रित होता है तो समय पर स्पष्ट और सटीक जानकारी और सही संदर्भ प्रदान करना महत्वपूर्ण है. इसलिए, हाल के हफ्तों में हम घटनाओं और घटनाओं की रिपोर्ट करने में सामान्य से भी अधिक पारदर्शी रहे हैं, चाहे वे कितनी भी छोटी क्यों न हों.’
उनके अनुसार, यह पारदर्शिता समय के साथ, विश्वास बनाने में मदद करेगी. उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में जब हम हर छोटी-बड़ी घटना की जानकारी खुले तौर पर देते हैं तो जाहिर है कि खबरों में हमारा जिक्र बढ़ जाता है. एयर इंडिया समूह हर दिन 1,200 से ज्यादा उड़ानें संचालित करता है, लगभग हर मिनट एक उड़ान. ऐसे में यह सब कुछ ज्यादा लग सकता है, लेकिन हमारे काम के पैमाने और आकार को देखते हुए ये घटनाएं सामान्य हैं.’
प्रतिदिन 1,200 से अधिक उड़ानें भरता है एयर इंडिया समूह
एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक ने यह भी कहा कि विमानन कंपनी ने अपनी फ्रंटलाइन टीमों को यह अधिकार दिया है कि जब सेवा में कोई कमी हो जाए तो वे यात्रियों को ई-वाउचर दे सकते हैं, ताकि उनकी परेशानी का तुरंत समाधान किया जा सके.
उन्होंने कहा, ‘हम अपने केबिन क्रू को भी यह क्षमता प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि वे यात्रा के दौरान ग्राहकों को तत्काल समाधान प्रदान कर सकें.’ एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस से मिलकर बना एयर इंडिया समूह, प्रतिदिन 1,200 से अधिक उड़ानें संचालित करता है.
ये भी पढ़ें:- पाकिस्तान में लश्कर ने क्यों खुद ही गिराया हेडक्वार्टर मरकज तैयबा, ऑपरेशन सिंदूर में पहुंचा था नुकसान?
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