आपको कब आया था पहला पीरियड? जल्दी या देर से शुरू होने पर हो सकता ये खतरा
Menstrual Health Tips: महिलाओं के जीवन में मासिक धर्म एक महत्वपूर्ण चरण होता है। अक्सर लड़कियां और उनके माता-पिता यही सोचते हैं कि “पहला पीरियड कब होना चाहिए?” लेकिन यह हर किसी के शरीर पर निर्भर करता है. डॉ. सीमा शर्मा का कहना है कि पीरियड का समय केवल शारीरिक विकास का संकेत नहीं, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य की कई महत्वपूर्ण बातें भी बताता है. पहला पीरियड: जल्दी या देर से आने का क्या मतलब है? पहला पीरियड 11 से 15 साल की उम्र के बीच आता है. लेकिन कुछ लड़कियों में यह जल्दी (8-10 साल) या देर से (16-18 साल) भी हो सकता है. जल्दी पीरियड आने का मतलब है कि लड़कियों का शरीर समय से पहले हार्मोनल बदलावों से गुजर रहा है। यह अक्सर अनुवांशिक या आहार और जीवनशैली पर निर्भर करता है. देर से पीरियड आने का कारण कभी-कभी हार्मोनल असंतुलन, पोषण की कमी या किसी बीमारी से हो सकता है. ये भी पढ़े- बासी मुंह चबाएं ये फ्री में मिलने वाला पत्ता, कोलेस्ट्रॉल से लेकर शुगर रहेगा कंट्रोल स्वास्थ्य पर पड़ सकता है असर पीरियड का समय केवल शारीरिक बदलाव का संकेत नहीं होता। यह महिलाओं के स्वास्थ्य की कई अहम बातें भी बताता है. हड्डियों का स्वास्थ्य: देर से पीरियड आने वाली लड़कियों में हड्डियों की मजबूती प्रभावित हो सकती है. हार्मोनल असंतुलन: जल्दी या देर से पीरियड आने से हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे भविष्य में अनियमित पीरियड्स या प्रजनन समस्याएं हो सकती हैं. मनोरोग संबंधी असर: यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है, जैसे कि चिंता और मूड स्विंग. पीरियड जल्दी या देर से आए तो क्या करें किसी भी तरह की अनियमितता या चिंता होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. डाइट और पोषण: आयरन, कैल्शियम और विटामिन से भरपूर आहार लें. व्यायाम और योग: नियमित व्यायाम और योग हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने में मदद करते हैं. मेडिकल टेस्ट: डॉक्टर की सलाह से हार्मोनल टेस्ट कराएं, ताकि किसी गंभीर समस्या का समय पर पता चल सके. पहला पीरियड हर लड़की के जीवन में एक नया अध्याय खोलता है. जल्दी या देर से पीरियड आना सामान्य हो सकता है, लेकिन कभी-कभी यह शरीर में किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है. इसलिए इसे नजरअंदाज न करें और समय पर डॉक्टर की सलाह लें. इसे भी पढ़ें: डायबिटीज है तो बारिश के मौसम में रखें खास ख्याल, ऐसे मरीजों को जल्दी होता है डेंगू Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Menstrual Health Tips: महिलाओं के जीवन में मासिक धर्म एक महत्वपूर्ण चरण होता है। अक्सर लड़कियां और उनके माता-पिता यही सोचते हैं कि “पहला पीरियड कब होना चाहिए?” लेकिन यह हर किसी के शरीर पर निर्भर करता है. डॉ. सीमा शर्मा का कहना है कि पीरियड का समय केवल शारीरिक विकास का संकेत नहीं, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य की कई महत्वपूर्ण बातें भी बताता है.
पहला पीरियड: जल्दी या देर से आने का क्या मतलब है?
- पहला पीरियड 11 से 15 साल की उम्र के बीच आता है. लेकिन कुछ लड़कियों में यह जल्दी (8-10 साल) या देर से (16-18 साल) भी हो सकता है.
- जल्दी पीरियड आने का मतलब है कि लड़कियों का शरीर समय से पहले हार्मोनल बदलावों से गुजर रहा है। यह अक्सर अनुवांशिक या आहार और जीवनशैली पर निर्भर करता है.
- देर से पीरियड आने का कारण कभी-कभी हार्मोनल असंतुलन, पोषण की कमी या किसी बीमारी से हो सकता है.
ये भी पढ़े- बासी मुंह चबाएं ये फ्री में मिलने वाला पत्ता, कोलेस्ट्रॉल से लेकर शुगर रहेगा कंट्रोल
स्वास्थ्य पर पड़ सकता है असर
- पीरियड का समय केवल शारीरिक बदलाव का संकेत नहीं होता। यह महिलाओं के स्वास्थ्य की कई अहम बातें भी बताता है.
- हड्डियों का स्वास्थ्य: देर से पीरियड आने वाली लड़कियों में हड्डियों की मजबूती प्रभावित हो सकती है.
- हार्मोनल असंतुलन: जल्दी या देर से पीरियड आने से हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे भविष्य में अनियमित पीरियड्स या प्रजनन समस्याएं हो सकती हैं.
- मनोरोग संबंधी असर: यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है, जैसे कि चिंता और मूड स्विंग.
पीरियड जल्दी या देर से आए तो क्या करें
- किसी भी तरह की अनियमितता या चिंता होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
- डाइट और पोषण: आयरन, कैल्शियम और विटामिन से भरपूर आहार लें.
- व्यायाम और योग: नियमित व्यायाम और योग हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने में मदद करते हैं.
- मेडिकल टेस्ट: डॉक्टर की सलाह से हार्मोनल टेस्ट कराएं, ताकि किसी गंभीर समस्या का समय पर पता चल सके.
पहला पीरियड हर लड़की के जीवन में एक नया अध्याय खोलता है. जल्दी या देर से पीरियड आना सामान्य हो सकता है, लेकिन कभी-कभी यह शरीर में किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है. इसलिए इसे नजरअंदाज न करें और समय पर डॉक्टर की सलाह लें.
इसे भी पढ़ें: डायबिटीज है तो बारिश के मौसम में रखें खास ख्याल, ऐसे मरीजों को जल्दी होता है डेंगू
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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